शिक्षा के साथ-साथ संस्कारों की शिक्षा देनी चाहिए, शिक्षा के बिना मानव जीवन अधूरा है, शिक्षा ही राष्ट्र को उन्नत व समृद्ध बनाती है।
गत दिनों शिकारपुर (बुलंदशहर) स्थित रज्जू भैया सैनिक विद्या मंदिर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल ने द्वितीय छात्रावास का शिलान्यास किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सामान्य जन का भी जीवन सेना के अनुशासित जीवन के समान ही होना चाहिए तथा उसे संविधान का पूर्णत: पालन करना चाहिए। नियम के अनुसार बाइक सवार प्रत्येक व्यक्ति को हेलमेट का प्रयोग करना चाहिए तथा तीन सवारियों को एक साथ बाइक पर नहीं बैठना चाहिए। अपने आसपास स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। अनावश्यक बिजली का प्रयोग नहीं करना चाहिए। अनुशासन के साथ-साथ जीवन में शिक्षा तथा संस्कारों का होना बहुत आवश्यक है। इसलिए छात्रों को शिक्षा के साथ-साथ संस्कारों की शिक्षा देनी चाहिए। उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि शिक्षा के बिना मानव जीवन अधूरा है, शिक्षा ही राष्ट्र को उन्नत व समृद्ध बनाती है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए भीष्म मक्कड़ ने कहा कि छात्रों को आधुनिक विषयों के साथ-साथ महापुरुषों के जीवन को पढ़ते हुए उनके विचारों को अपने जीवन में धारण करना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर अजय गोयल ने किया। इस अवसर पर अनेक वरिष्ठजन उपस्थित थे।
कोलकाता में खेल महोत्सव
क्रीड़ा भारती, कोलकाता महानगर के तत्वावधान में 5-7 मई तक खेल महोत्सव का आयोजन हुआ। इसमें लायंस क्लब इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट का भी सहयोग मिला। क्रीड़ा भारती, कोलकाता महानगर के सचिव संजय मंडल ने बताया कि महोत्सव में 5 मई को योगासन, 6 मई को कबड्डी एवं 7 मई को फुटबॉल और कुंग फू एवं कराटे की प्रतियोगिता हुई। लगभग 700 बच्चों एवं युवाओं ने इस खेल महोत्सव में हिस्सा लिया।
जनजातीय आजीविका पर गोष्ठी
गत मई को नई दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में एकल संस्थान द्वारा ‘ग्रामीण और जनजातीय आजीविका की पुनर्कल्पना’ विषय पर एक गोष्ठी आयोजित हुई। इसे आनलाइन संबोधित करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि जहां सरकार नहीं पहुंची, वहां एकल विद्यालय पहुंच गए। एकल प्रमुख डॉ. लल्लन शर्मा ने कहा कि हमें एक ऐसी विकासधारा की आवश्यकता है जिसमें विज्ञान और संस्कृति समाहित हो। अर्थशास्त्री डॉ. अश्विनी महाजन ने कहा कि सोने की चिड़िया कहे जाने वाले इस देश को आत्मनिर्भर बनने की आवश्यकता है।
गोष्ठी को पूसा-कृषि (दिल्ली) की सीईओ डॉ. आकृति शर्मा, आईआईटी, कानपुर के प्रोफेसर डॉ. अभय करिंदकर, आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर विवेक कुमार और एकल संस्थान की चेयरपर्सन डॉ. मंजू श्रीवास्तव ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन प्रवीण कपूर ने किया।
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