यूपी के वाराणसी में आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने आदमपुर हनुमान फाटक इलाके में छापेमारी कर प्रतिबंधित संगठन पीएफआई (पापुलर्स फ्रंट ऑफ इंडिया) के दो 50-50 हजार के इनामी सदस्यों छित्तनपुरा निवासी परवेज अहमद और रईस अहमद को गिरफ्तार किया है। दोनों प्रतिबंधित संगठन की कट्टरपंथी विचारधारा को तेजी से फैलाने का कार्य कर रहे थे।
एटीएस के अफसरों के अनुसार गिरफ्तार रईस अहमद सीएए व एनआरसी के समय से ही असम तथा अन्य राज्यों के संगठन के लीडर और सक्रिय सदस्यों के सम्पर्क में रहकर देश-विरोधी गतिविधियों में संलिप्त था। दोनों देश के विभिन्न राज्यों जैसे दिल्ली, उत्तर प्रदेश, केरल आदि में आयोजित होने वाले गोष्ठियों एवं कार्यशालाओं में सम्मिलित होकर प्रशिक्षण प्राप्त करते थे। इसके बाद अपने कार्यक्षेत्र में प्रतिबंधित संगठन के कैडर विस्तार के लिए युवाओं को प्रेरित कर संगठन में शामिल करते थे। दोनों लगातार अपनी लोकेशन बदलकर भूमिगत रह रहे थे। एटीएस वाराणसी यूनिट ने इलेक्ट्रानिक एवं सर्विलांस के माध्यम से दोनों कार्यकर्ताओं को वाराणसी से गिरफ्तार करने में सफलता पाई।
अफसरों के अनुसार सितम्बर 2022 में वाराणसी से प्रतिबंधित संगठन के तीन सदस्य गिरफ्तार हुए थे। इसमें तीसरा लोहता अलावल से गिरफ्तार अब्दुला सउद अंसारी पुत्र अब्दुल कलाम की गिरफ्तारी के समय से ही परवेज और रईस फरार चल रहे थे। एटीएस टीम ने प्रतिबंधित संगठन के खिलाफ विशेष गोपनीय अभियान में संदिग्ध कार्यकर्ताओं की धरपकड़ शुरू कर दिया है।
वाराणसी में एटीएस टीम ने कुल आठ संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया है। हिरासत में लिए गए संदिग्ध लोगों से पूछताछ चल रही है। गिरफ्तार परवेज और रईस सीएए-एनआरसी के विरोध में प्रदर्शन के दौरान दिसंबर 2019 में पीएफआई से जुड़े थे। दोनों के खिलाफ सीएए-एनआरसी के विरोध-प्रदर्शन के दौरान चेतगंज थाने में मुकदमा भी दर्ज किया गया था। सितंबर 2022 में पीएफआई के तीन सदस्यों के पकड़े जाने के बाद आदमपुर और लोहता थाने में दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। दोनों जेल भी जा चुके हैं।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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