मुरादाबाद। यूपी एसटीएफ ने निकाय चुनाव में नकली नोट खपाने के बड़े षडयंत्र का भंडाफोड़ किया है। टास्क फोर्स ने मुरादाबाद में छापेमारी कर नसीम और नाजिम को गिरफ्तार किया गया है, जो गोदाम में नकली नोट छाप रहे थे। रात में जाली करेंसी की छपाई की जाती थी और दिन में महिलाओं के जरिए ठिकानों पर पहुंचाया जाता था। एसटीएफ ने 1.20 लाख के नकली नोट भी बरामद किए हैं।
एसटीएफ के मुताबिक, पकड़े गए नाजिम और नसीम से पूछताछ में यूपी-उत्तराखंड के अलावा दिल्ली, हरियाणा व पंजाब में नकली नोटों की सप्लाई की जानकारी सामने आई है। साथ ही निकाय चुनाव में भी भारी मात्रा में नकली नोट खपाने का खुलासा हुआ है। सटीक सूचना पर एसटीएफ और मुरादाबाद पुलिस की टीम ने भोजपुर इलाके में छापा मारा तो मौके से गोदाम के अंदर नकली नोट बनाने में इस्तेमाल किए जा रहे कंप्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल फोन, प्रिंटर-स्कैनर और दो रिम नोट बनाने का कागज बरामद हुए हैं। एसटीएफ नकली नोटों के सप्लायरों का पूरा नेटवर्क खंगालने में जुटी है। अफसरों ने मीडिया को बताया कि पकड़े गए लोगों में नसीर अहमद कुंदरकी के कमाल पुरी का रहने वाला है और खुद को बगैर डिग्री के इलाके में डॉक्टर बताता है, जबकि दूसरा अभियुक्त नाजिम थाना भोजपुर क्षेत्र के मोहल्ला चौधरियान का निवासी है।
नाजिम ने पीपलसाना स्थित अपने गोदाम पर ही नकली नोट बनाने का सैटअप लगा रखा था। इंस्पेक्टर भोजपुर संजय पांचाल ने बताया कि झोलाछाप नफीस और नाजिम नकली करेंसी छापते थे। नाजिम की सगी बहन शाहनाज करेंसी को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाती थी। महिला होने के कारण पुलिस उस पर शक नहीं करती थी। वह स्कूटी के जरिए निकाय चुनाव में बेखौफ अंदाज में नकली करेंसी को खपाने का काम कर रही थी। नकली करेंसी की सप्लाई को अपराधियों ने मुरादाबाद मंडल में अपने एजेंट तक बना रखे थे, जिनको काम पूरा होने पर मोटा कमीशन दिया जाता था। दस हजार रुपये के नकली नोट सुरक्षित ठिकाने तक पहुंचाने के लिए एजेंटों को बाकायदा एक हजार रुपये तक दिए जाते थे। पकड़ा गया झोलाछाप नफीस अहमद पेशेवर अपराधी है।
नफीस के खिलाफ नोएडा, मुरादाबाद, अमरोहा आदि जिलों में पहले से कई आपराधिक मामले दर्ज चल रहे हैं। मझोला पुलिस ने नकली नोटों के मामले में पहले उसको जेल भेजा था। कुछ समय पहले ही वह जेल से छूटा था और बाहर आते ही फिर राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में लिप्त हो गया। पुलिस से बचने को नफीस लगातार ठिकाने बदलता रहता थ। जाली करेंसी बनाने और देश के विभिन्न हिस्सों में पहुंचाने वाले अपराधियों के नेटवर्क में और कौन शामिल है, एसटीएफ इसकी जांच में जुटी है।
टिप्पणियाँ