हरिद्वार। तीर्थनगरी हरिद्वार का सनातन स्वरूप बचाने के लिए धामी सरकार का बुलडोजर आज गरजने लगा। सरकारी जमीनों पर बनाई गई अवैध मजारों को जिला प्रशासन की टास्क फोर्स ने ध्वस्त कर दिया।
कुमाऊं मंडल के तराई के जंगलों में भी बनी एक दर्जन से ज्यादा अवैध मजारों को वनविभाग के विशेष दस्ते ने ध्वस्त कर दिया। वन विभाग की जमीनों को अतिक्रमण मुक्त कराने की अगुवाई कर रहे आईएफएस और नोडल अधिकारी डॉ. पराग मधुकर धकाते ने बताया कि मुख्यमंत्री के आदेश पर वन भूमि से अवैध मजारों को ध्वस्त करने का अभियान तेज किया गया है। पिछले एक दिन में तराई के जंगलों से एक दर्जन से ज्यादा अवैध मजारें हटा दी गई हैं और इनमे कोई मानव अवशेष नहीं मिले हैं।
वहीं, हरिद्वार में एक दर्जन से ज्यादा अवैध मजारें होने की खबर को सीएमओ ने गंभीरता से लिया है। इन मजारों की खबरें वायरल होने पर हरिद्वार प्रशासन भी हरकत में आया और अतिक्रमण हटाने के लिए बनाई गई टास्क फोर्स ने सोमवार को गंगा किनारे अतिक्रमण हटा दिया। इसके साथ ही पुराने सिंचाई दफ्तर के भीतर बनी मजार को भी ध्वस्त कर दिया गया। मौके पर मौजूद एडीएम पूरन सिंह राणा ने बताया कि सरकार की सिंचाई विभाग की जमीन पर अवैध निर्माण था जिसे हमने ध्वस्त कर दिया है और ये अभियान जारी रहेगा।
उल्लेखनीय है कि ” पाञ्चजन्य” ने सबसे पहले तीर्थ नगरी हरिद्वार में अवैध मजारें होने की खबर प्रकाशित की थी, जिस पर सीएमओ ने संज्ञान लिया और उसके बाद हरिद्वार प्रशासन हरकत में आया है।
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