सोशल मीडिया पर एक ऐसा वीडियो वायरल हुआ है जिसमें एक महिला एक ऐसे लड़के से सवाल—जवाब कर रही है जिस पर कब्रों को खोदकर उसमें पड़ी महिला की लाशों से बलात्कार करने के आरोप हैं। कैमरे के साथ ये लड़का बड़ी तसल्ली से बता रहा है कि कैसे वह और उसका एक दोस्त ताजा बंद हुईं कब्रों को खोदकर, उसमें उतर जाते थे और महिला के लाश के साथ…..! इस हद तक पशु हो गए हैं पाकिस्तान में कुछ युवक। वैसे भी वहां से आएदिन लड़कियों और महिलाओं की अस्मिता से खिलवाड़ किया जाता रहा है, यह कोई छुपा तथ्य नहीं है बल्कि वहां के मानवाधिकार आयोग का कहना है।
इसी तरह एक और वीडियो वायरल हुआ जिसमें इस्लामी देश की कोई महिला फिल्म कलाकार कह रही है कि वह अकेली गाड़ी से कहीं आ—जा नहीं सकती, क्योंकि यहां के ‘मर्द’ अकेली लड़की को सड़क पर यूं देख नहीं सकते। उस कलाकार को एक पुरुष को साथ बैठाकर ही गाड़ी से कहीं जाना पड़ता है। वह कैमरे पर साफ कहती है कि यहां के लोगों की बेशर्मी इतनी बढ़ गई है कि किसी महिला का बाजार में निकलना तक मुश्किल है। लेकिन कब्रों वाली बात तो इस देश को शर्म से कहीं का नहीं छोड़ती।
ये कब्र वाली हरकत इतनी आम हो चली है कि अब मरने वाली के घर के लोग कब्रों पर ग्रिल जड़कर उस पर ताले लगाने लगे हैं! जिससे कि कोई उसे खोदकर पशुता न करे। पाकिस्तान में मृतकाओं के साथ बलात्कार करने के पीछे लोग भले ही कट्टरपंथी सोच को जिम्मेदार ठहराएं, लेकिन असल में तो इसमें इंसानियत जैसी चीज है ही नहीं।
एक लेखिक हैं हारिस सुल्तान, जिन्होंने ऐसी मानसिकता के पीछे कट्टरपंथी सोच को जिम्मेदार ठहराया है। हारिस का कहना है कि पाकिस्तान के कट्टरपंथी तत्वों का खौफ ऐसा छाया हुआ है कि मृतका के माता-पिताओं को मजबूरन अपनी बेटी की कब्र को ताले से सुरक्षित करना पड़ रहा है।
अखबार डेली टाइम्स में छपी रिपोर्ट बताती है कि पाकिस्तान में मृतकाओं की लाशों के साथ यौनाचार (नेक्रोफीलिया) की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। समाचार एजेंसी एएनआई का कहना है कि इस्लामी देश पाकिस्तान में हर दो घंटे में किसी न किसी महिला का बलात्कार होता है। परन्तु मर चुकीं और कब्र में दफन लड़कियों के साथ बलात्कार, यह तो इतना शर्मनाक है कि इसके अपराधियों को इंसान के वर्ग में रखना भी मुश्किल है।
https://twitter.com/TheHarrisSultan/status/1651190252395180035?s=20
एक लेखक हैं हारिस सुल्तान, जिन्होंने ऐसी मानसिकता के पीछे कट्टरपंथी सोच को जिम्मेदार ठहराया है। हारिस का कहना है कि पाकिस्तान के कट्टरपंथी तत्वों का खौफ ऐसा छाया हुआ है कि मृतका के माता-पिताओं को मजबूरन अपनी बेटी की कब्र को ताले से सुरक्षित करना पड़ रहा है। (देखें ट्वीट)
इस चीज पर प्रतिक्रिया देने वाले लोगों को भी लगता है कि इसके पीछे कट्टरपंथी ही हैं। साल 2011 में इस तरह की, नेक्रोफीलिया से जुड़ी सबसे भयंकर घटना देखने में आई थी। तब कब्रगाह का रखरखाव करने वाले मोहम्मद रिजवान को गिरफ्तार किया गया था, जो कराची का रहने वाला था।
आजकल जो वीडियो वायरल हो रहा है वह इसी मोहम्मद रिजवान का है। इसमें वह पूरी तसल्ली से बता रहा है कि उसने तब तक 48 महिलाओं की लाशों के साथ बलात्कार किया था। पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग का इस संबंधर में कहना है कि पड़ोसी इस्लामी देश में 40 प्रतिशत से ज्यादा महिलाएं किसी न किसी मौके पर हिंसा झेल चुकी हैं।
अभी तक शाहबाज सरकार की तरफ से इस संदर्भ में कोई बयान नहीं आया है। अब सरकार की तरफ से नाउम्मीद हो चुके लोग अपने घर की मरने वाली महिलाओं की कब्रों पर ताले जड़े सींखचे लगाने को मजबूर हैं। बेशक, यह परिस्थिति काफी भयावह हो चली है।
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