नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना का दफ्तर, उसके बैंक खाते और चल-अचल संपत्ति एकनाथ शिंदे गुट को दिए जाने का आदेश देने की मांग खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि आपका इस केस से क्या संबंध है? किस अधिकार से आप याचिका दाखिल कर रहे हैं?
याचिका मुंबई के वकील आशीष प्रमोद गिरी ने दायर की थी। गिरि ने महाराष्ट्र के मतदाता होने का हवाला देते हुए अर्जी में कहा था कि महाराष्ट्र में तमिलनाडु जैसी स्थिति आए, उससे पहले ही स्थिति साफ हो जाए। याचिका में पार्टी फंड के ट्रांसफर करने पर रोक लगाने की मांग की गई थी।
उल्लेखनीय है कि निर्वाचन आयोग ने 17 फरवरी को एकनाथ शिंदे गुट को असली शिवसेना करार देते हुए धनुष-बाण चुनाव चिह्न आवंटित कर दिया था। आयोग ने पाया था कि शिवसेना का मौजूदा संविधान अलोकतांत्रिक है। निर्वाचन आयोग ने कहा था कि शिवसेना के मूल संविधान में अलोकतांत्रिक तरीकों को गुपचुप तरीके से वापस लाया गया, जिससे पार्टी निजी जागीर के समान हो गई। इन तरीकों को निर्वाचन आयोग 1999 में नामंजूर कर चुका था। पार्टी की ऐसी संरचना भरोसा जगाने में नाकाम रहती है।
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