लंदन। ब्रिटिश सरकार के एक प्रमुख स्वतंत्र समीक्षा आयोग ने कुछ खालिस्तान समर्थकों की विध्वंसक, आक्रामक और सांप्रदायिक कार्रवाई के खिलाफ चेतावनी दी। यह सुनिश्चित करने को भी कहा कि ऐसे समूहों की ब्रिटेन की संसद तक पहुंच न हो। यह रिपोर्ट सार्वजनिक विमर्श के बाद बनाई गई। इसमें 21 हजार से अधिक लोगों की प्रतिक्रियाएं शामिल हैं।
रिपोर्ट में सिख एक्स्ट्रेमिज्म खंड में बताया गया कि विध्वसंक खालिस्तान समर्थकों द्वारा सिख पंथ को हाइजेक करने को लेकर ब्रिटिश सिख समुदाय के सदस्यों ने अपनी चिंता जताई है। इसमें कहा गया कि ब्रिटेन में एक छोटा और आक्रामक खालिस्तान समर्थक समूह है। वे खालिस्तान को स्थापित करने की अपनी महत्वाकांक्षा में हिंसा का समर्थन करने और लोगों को उकसाने के लिए जाने जाते हैं। इसकी भौतिक सीमाएं बड़े पैमाने पर भारत में पंजाब राज्य के विशिष्ट भागों के साथ साझा की जाती हैं। इस दावे में पाकिस्तान में स्थित पंजाब का हिस्सा शामिल नहीं है। यह पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है कि इन चरमपंथियों की प्रेरणा आस्था पर आधारित है या नहीं।
समीक्षा रिपोर्ट में कहा गया कि सरकार को यह पहचान करनी चाहिए कि ब्रिटिश सिख समुदाय के भीतर चरमपंथी गतिविधि कहां मौजूद हैं और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसी गतिविधियों को खत्म किया जाए।
इस्लामी चरमपंथ पर रिपोर्ट में ब्रिटिश सरकार से अपील की गई है कि वह चरमपंथी इस्लामवाद तथा इस्लाम और इस्लामी चरमपंथियों तथा मुसलमानों के बीच अंतर को रेखांकित करने के लिए दोगुने प्रयास करे।
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