भारतीय साइबर सुरक्षा एजेंसियों को आशंंका है कि भारत सरकार की 12000 वेसाइट्स पर हैकर्स निशाना साधे बैठे हैं। उन्होंने इस बाबत सतर्कता का स्तर बढ़ा दिया है। ये सतर्कता तमाम एजेंसियों, केंद्र तथा राज्य सरकारों को निर्देशित कर दी गई है।
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार की ये 12000 वेबसाइट्स पर इंडोनेशिया के हैकर्स के किसी गुट की नजर होने का संकेत मिला है। भारत के साइबर अपराध समन्वय केन्द्र इसके बारे में और छानबीन कर रहा है, लेकिन इस बीच केन्द्र और राज्य सरकारों को सचेत रहने को कहा गया है। जो चेतावनी जारी की गई है उसके अनुसार, ये 12,000 सरकारी वेबसाइट में केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों और राज्य सरकारों की हैं।
बताया गया है कि ‘हैक्टिविस्ट इंडोनेशिया’ नामक गुट ने इन वेबसाइट्स पर निशाना साधा है। इसके मकसद का ठीकठीक पता नहीं चल पाया है। सिर्फ इतना बताया गया है कि ‘हैक्टिविस्ट हैकिंग’ गुट द्वारा भारत सरकार वेबसाइट्स की एक सूची बनाई गई है। इस सूची में कुल 12,000 सरकारी वेबसाइट् हैं। इन सभी वेबसाइट्स की निगरानी बढ़ा दी गई है। साइबर सुरक्षा एजेंसियां सावधान हो चुकी हैं।
साइबर अपराध समन्वय केन्द्र ने सरकारी संस्थानों में कार्यरत कर्मचारियों इस बारे में सतर्क रहने को कहा है कि वे साइबर अपराध के शिकार बनने से बचें, किसी गैर जानकारी वाले ईमेल अथवा लिंक को न खोलें। अपनी वेबसाइट्स को ऐसे किसी भी हमले से सुरक्षित रखें।
सूत्रों के अनुसार, यूं तो भारत सरकार की सभी वेबसाइट्स ‘अपडेट इनेबल्ड’ हैं और स्वतः ही ऐसे हैकर्स के खतरों से निपट सकती हैं। लेकिन फिर भी अतिरिक्त सावधानी बरतने के निर्देश जारी किए गए हैं।
जारी किए गए निर्देश में साइबर अपराध समन्वय केन्द्र ने सरकारी संस्थानों में कार्यरत कर्मचारियों इस बारे में सतर्क रहने को कहा है कि वे साइबर अपराध के शिकार बनने से बचें, किसी गैर जानकारी वाले ईमेल अथवा लिंक को न खोलें। अपनी वेबसाइट्स को ऐसे किसी भी हमले से सुरक्षित रखें।
चेतावनी जारी करने के साथ यह भी बताया गया है कि हैकर्स किसी वेबसाइट को कैसे निशाना बनाते हैं। कहा गया है कि किसी वेबसाइट को हैक करने के बाद वह खुलते ही बंद हो जाती है। इससे बचने के लिए सभी सरकारी कर्मचारी सुरक्षित नेटवर्क का प्रयोग करें।
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