अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) आईआईटी मुंबई के छात्र दर्शन सोलंकी की दुखद आत्महत्या मामले में गठित एसआईटी द्वारा सहपाठी अरमान इक़बाल की गिरफ़्तारी, के पश्चात दर्शन सोलंकी को बदनाम करने हेतु चलाये जा षड्यंत्र की कड़ी निंदा करती है। इस मामले के आरंभ में वामपंथी छात्र संगठनों व कुछेक अन्य संगठनों द्वारा झूठ की बुनियाद पर जिस प्रकार से जातिगत वैमनस्यता फैलाने के निंदनीय प्रयास हुए तथा आईआईटी मुंबई सहित विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों की छवि धूमिल करने तथा शैक्षणिक वातावरण को अशांत करने के कुत्सित प्रयास हुए, वह बेहद गैर-जिम्मेदाराना तथा दुर्भाग्यपूर्ण है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग सहित सभी छात्रों की समस्यायों के प्रति संवेदनशील है तथा जिम्मेदार छात्र संगठन के रूप में छात्र-छात्राओं की समस्याओं को सुलझाने की दिशा में नेतृत्वकारी भूमिका में परिवर्तन के लिए प्रयासरत है।वामपंथी छात्र संगठनों सहित कुछेक अन्य संगठनों ने देश भर के अलग-अलग शैक्षणिक संस्थानों में जातिगत भेदभाव का झूठा तथा विभाजनकारी एजेंडा चलाने के प्रयास किए, जिससे देश में बढ़ती आत्महत्या की घटनाओं के मामलों को रोकने तथा न्याय मिलने की संभावनाओं के प्रयासों में बाधाएं उत्पन्न हुईं हैं। दर्शन सोलंकी की आत्महत्या मामले में आरोपी की गिरफ्तारी से इस घटना को ग़लत परिप्रेक्ष्य में प्रस्तुत करने के प्रयासों में लगे असामाजिक तत्वों में सन्नाटा छा गया है क्योंकि सच्चाई उनके दावों के विपरीत दिशा में है।
देश के अलग-अलग शहरों से छात्र-छात्राओं की आत्महत्या की दुखद घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं, जिन्हें रोकने के लिए सही कारणों का पता लगा; सरकार, शैक्षणिक संस्थानों तथा समाज सहित सभी हितधारकों को इस बड़ी समस्या के समाधान निमित्त कदम उठाने की आवश्यकता है। साथ ही यह भी सुनिश्चित करना होगा कि ऐसे मामलों को ग़लत संदर्भों से जोड़ असामाजिक तत्त्व ध्यान न भटका पाएं।
अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि,” आईआईटी मुंबई सहित विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में छात्र-छात्राओं की आत्महत्या की दुखद घटनाएं हुईं हैं। ऐसे दुखद कृत्य रूकें, इसलिए शीघ्रातिशीघ्र प्रयास किए जाने चाहिए। अभाविप की मॉंग है कि शैक्षणिक परिसरों को आनंदमय सार्थक छात्र जीवन का केन्द्र बनाने के लिए प्रयास हों तथा आत्महत्या की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कार्ययोजना बनाकर क्रियान्वयन किया जाए।
प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि परिसर में किसी भी प्रकार के भेदभाव के लिए स्थान न हो तथा मनगढ़ंत बातों से परिसरों का माहौल दूषित करने वालों पर नकेल कसी जाए। अभाविप छात्र-छात्राओं से आह्वान करती है कि परिसरों में किसी भी प्रकार के भेदभाव के विरुद्ध एकजुट हों तथा हमारे परिसर सकारात्मक गतिविधियों का केन्द्र हों-इस दिशा में हम साथ मिल प्रयास करें।”
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