पाकिस्तान में अधिक्रांत जम्मू कश्मीर पीओजेके में वहां के संविधान के तहत ‘प्रधानमंत्री’ सरकार का प्रमुख होता है। फिलहाल वहां की सत्ता पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की तहरीके-इंसाफ पार्टी के हाथ में है। पीओजेके में ‘प्रधानमंत्री’ सिर्फ दिखावे के लिए बनाए जाते हैं। लेकिन कल पाकिस्तान तहरीके-इंसाफ के पीओजेके के ‘प्रधानमंत्री’ सरदार तनवीर इलियास को उच्च न्यायालय ने अदालत की अवमानना का दोषी करार दिया है। उन्हें विधानसभा से निलंबित कर दिया है और उनकी जगह नए प्रधानमंत्री को चुनने के आदेश जारी किए हैं। इस घटना से पाकिस्तान में राजनीतिक रस्साकशी कम होने की बजाया और बढ़ गई है।
इलियास को सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय, दोनों ने साथ-साथ समन भेजकर उन्हें अदालत के लिए धमकी भरे स्वर में भाषण देने के विरुद्ध सुनवाई के लिए बुलाया था।
उच्च न्यायालय के कल सुनवाई के बाद सरदार तनवीर इलियास को किसी भी सार्वजनिक पद के लिए अयोग्य ठहरा दिया। साथ ही, अदालत ने पीओजेके के मुख्य चुनाव आयुक्त को कहा है कि नए प्रधानमंत्री के लिए चुनाव कराएं जाएं।
पीओजेके के प्रधानमंत्री इलियास ने गत सप्ताह इस्लामाबाद में एक कार्यक्रम के दौरान न्यायपालिका पर उनकी सरकार के काम को प्रभावित करने और स्थगन आदेशों के जरिए कार्यपालिका के कामकाज में दखल देने की बात कही थी।
पीओजेके के ‘प्रधानमंत्री’ सरदार इलियास के सुनवाई के लिए उच्च न्यायालय में पहुंचने के वक्त वहां जमा सैकड़ों पीटीआई पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनके पक्ष में जमकर नारेबाजी की।
पीओजेके उच्च न्यायालय के जज सदाकत हुसैन की अगुआई वाली एक पूर्ण पीठ ने इस मामले की सुनवाई करते हुए इलियास के विवादित भाषणों के अंश दिखाए जाने के निर्देश दिए थे।
लेकिन इस दौरान इलियास ने जज के सामने बिना शर्त माफी मांगी। उन्होंने कहा कि अगर उनके किसी शब्द से जज आहत हुए हैं तो इसके लिए वे बिना शर्त माफी मांगते हैं। लेकिन जज ने दरियादिली न दिखाते हुए पीओजेके के ‘प्रधानमंत्री’ को अदालत में खड़े रहने का हुक्म दिया।
उल्लेखनीय है कि ‘प्रधानमंत्री’ तनवीर इलियास के एक विवादित भाषण के अंश देखने के बाद उच्च न्यायालय की दो सदस्यीय पीठ ने उनके विरुद्ध समन जारी किया था। इसके लिए जजों की एक बैठक भी हुई थी, जिसमें इस मुद्दे पर विचार किया गया था उसके बाद ही ‘प्रधानमंत्री’ के व्यवहार को अपमानजनक मानते हुए उनके विरुद्ध सुनवाई का फैसला लिया गया था। उच्च न्यायालय ने ‘प्रधानमंत्री’ इलियास को अदालत में खुद पेश होकर अपना मत रखने का नोटिस जारी कराया था।
इस फैसले के बाद, पीटीआई पार्टी के वरिष्ठ नेता फवाद चौधरी ने ट्वीट करके कहा था कि अदालत के फैसले का हर एक को सम्मान करना ही चाहिए। चाहे वह ‘आजाद कश्मीर’ के ‘प्रधानमंत्री’ हों या पाकिस्तान के। चौधरी के इस ट्वीट को भी प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ पर निशाना साधने की तरह देखा गया। शरीफ ने अभी हाल में पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय के पंजाब में चुनाव कराने के निर्णय को मानने से मना कर दिया था।
उल्लेखनीय है कि पीओजेके के प्रधानमंत्री इलियास ने गत सप्ताह इस्लामाबाद में एक कार्यक्रम के दौरान न्यायपालिका पर उनकी सरकार के काम को प्रभावित करने और स्थगन आदेशों के जरिए कार्यपालिका के कामकाज में दखल देने की बात कही थी।
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