शोभायात्राओं पर पथराव, आगजनी, गोलीबारी हुई। यह पहला अवसर नहीं है, जब कट्टरपंथी मुसलमानों ने हिंदुओं को निशाना बनाया है। हर बार ऐसा होता है। पिछले साल भी जिहादियों ने रामनवमी पर हिंसा और उपद्रव किया था। कट्टरपंथी केवल रामनवमी पर ही नहीं, हिंदुओं के लगभग सभी त्योहारों पर उत्पात मचाते हैं।
देशभर में रामनवमी पर इस साल भी जिहादियों ने उत्पात मचाया। शोभायात्राओं पर पथराव, आगजनी, गोलीबारी हुई। यह पहला अवसर नहीं है, जब कट्टरपंथी मुसलमानों ने हिंदुओं को निशाना बनाया है। हर बार ऐसा होता है। पिछले साल भी जिहादियों ने रामनवमी पर हिंसा और उपद्रव किया था। कट्टरपंथी केवल रामनवमी पर ही नहीं, हिंदुओं के लगभग सभी त्योहारों पर उत्पात मचाते हैं। चाहे हनुमान जयंती हो, दुर्गा पूजा या होली। इस साल गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, झारखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल में कई स्थानों पर रामनवमी पर हिंसा और आगजनी की घटनाएं हुईं। बिहार और बंगाल तो रामनवमी के बाद तक जलता रहा। हिंसा के वीडियो भी वायरल हो रहे हैं। इनमें घर की छतों से शोभायात्रा पर पथराव करने वाले साफ-साफ दिख रहे हैं। सबसे खराब स्थिति बिहार और बंगाल की रही है। दोनों राज्यों में मुस्लिम तुष्टीकरण चरम पर है। इन पंक्तियों के लिखे जाने तक दोनों राज्यों में हिंसा पूरी तरह थमी नहीं है। पश्चिम बंगाल में जहां उच्च न्यायालय ने दंगे पर राज्य सरकार से रिपोर्ट तलब की है, वहीं बिहार में शांति बहाल करने के लिए केंद्र को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 10 बटालियन भेजनी पड़ीं।
महाराष्ट्र में मुंबई के उपनगर मलाड (पश्चिम), जलगांव व औरंगाबाद में भी हिंसा हुई। 30 मार्च को मलाड, जलगांव में शोभायात्रा पर मस्जिद से पथराव किया गया। मलाड में 4 पुलिसकर्मी सहित कई लोग घायल हुए। छत्रपति संभाजीनगर (औरंगाबाद) के किराडपुरा में राममंदिर के बाहर पत्थरबाजी और आगजनी के बाद दंगाइयों ने 13 गाड़ियां फूंक दीं और पुलिस को भी निशाना बनाया, जिसमें 10 पुलिसकर्मियों सहित कई लोग घायल हुए।
गुजरात में वडोदरा में भी दो जगहों पर जिहादियों ने शोभायात्रा पर पथराव के बाद आगजनी की। पहले दोपहर में फतेहपुरा इलाके के पंजरीगर मुहल्ले के पास, फिर शाम को निकटवर्ती क्षेत्र कुंभरवाड़ा में हिंसा हुई। कुंभरवाड़ा में जब हमला हुआ, उस समय स्थानीय भाजपा विधायक मनीषा वकील भी शोभायात्रा में शामिल थीं। मनीषा का कहना है कि शोभायात्रा शांतिपूर्ण तरीके से निकाली जा रही थी। मुसलमानों ने छतों से पथराव किया, जिसमें कुछ महिलाएं घायल हो गईं। पुलिस का कहना है कि शोभायात्रा जब मस्जिद के पास पहुंची तो मुसलमान इकट्ठा होने लगे। हालांकि हालात पर जल्द ही नियंत्रण पा लिया गया। पुलिस सीसीटीवी फुटेज से आरोपियों की पहचान कर रही है। इस मामले में करीब दो दर्जन लोग पकड़े गए हैं। इसी तरह, कर्नाटक के हासन, झारखंड में जमशेदपुर के हल्दीपोखर इलाके में भी मुसलमानों ने शोभायात्रा पर पथराव किया। जमशेदपुर में जिहादियों ने पुलिस की गाड़ी में भी तोड़फोड़ की। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी मस्जिद के पास शोभायात्रा पहुंचने पर मुसलमानों ने विरोध किया। हालांकि समय रहते स्थिति पर काबू पा लिया गया।
तुष्टीकरण में व्यस्त नीतीश
बिहार में रोहतास, सासाराम और नालंदा जिले के कई इलाके दंगे की चपेट में हैं। यहां निषेधाज्ञा लागू करने के साथ शिक्षण संस्थान और इंटरनेट सेवा भी अगले आदेश तक बंद कर दी गई है। प्रशासन को सासाराम का गोला बाजार, कादिरगंज, मुबारकगंज, चौखंडी और नवरत्न बाजार पूरी तरह बंद करना पड़ा। इस जिले में मुसलमानों ने रामनवमी शोभायात्रा पर पथराव तो किए ही, घरों से बम भी फेंके। हिंसा में कई घरों को आग के हवाले कर दिया गया। पथराव में दो पुलिसकर्मी सहित कई लोग घायल हुए हैं। सासाराम में 3 अप्रैल को भी बमबारी हुई। नालंदा के बिहारशरीफ में हुई हिंसा में गोलियां भी चलीं, जिसमें एक हिंदू की मौत हो गई, जबकि सात लोग घायल हुए। उपद्रवियों ने दर्जनभर गाड़ियां भी फूंक दीं। शहर के पहाड़पुरा, बनौलिया, अलीनगर, बसार बिगहा, खासगंज, कोनासराय और रेलवे स्टेशन से सटे मुहल्लों में पथराव और गोलियां चलीं। पथराव में पुलिसकर्मी भी घायल हुए।
कुल मिलाकर इन जिलों में मजहबी उन्मादियों ने भीषण तबाही मचाई है। लेकिन अभी तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दंगाग्रस्त इलाकों का दौरा नहीं किया है। अलबत्ता वे मुस्लिम बहुल फुलवारी शरीफ में इस्लामिया ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस द्वारा 3 अप्रैल को आयोजित इफ्तार पार्टी में शामिल जरूर हुए। महत्वपूर्ण बात यह है कि इफ्तार पार्टी के लिए जो मंच बना था, उस पर नीतीश की कुर्सी के पीछे लालकिले का बड़ा पोस्टर लगा हुआ था। कहा जा रहा है कि इसके माध्यम से नीतीश ने राजनीतिक संदेश देने का प्रयास किया है। इसे लेकर वे राजनीतिक दलों के निशाने पर आ गए हैं। लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा कि नीतीश कुमार मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी ठीक से तो निभा नहीं पाए, देश की जिम्मेदारी कैसे निभाएंगे? वे कौन सा मॉडल लेकर जनता के समक्ष जाएंगे? क्या हत्या, दुष्कर्म, दंगे, जहरीली शराब से मौत और राज्य की गिरती अर्थव्यवस्था का मॉडल देश के सामने रखेंगे? वहीं, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता निखिल आनंद ने नीतीश की तुलना मोहम्मद बिन तुगलक से करते हुए कहा कि जब रोम जल रहा था तो नीरो बंसी बजा रहा था। उसी तरह,नालंदा और सासाराम जल रहा है और नीतीश कुमार जश्न-ए-इफ्तार मना रहे हैं।
ममता का मुस्लिम प्रेम
पश्चिम बंगाल के हावड़ा, हुगली और उत्तरी दिनाजपुर में रामनवमी शोभायात्रा के दौरान भीषण हिंसा में दो मौतें हुईं। हावड़ा में गाड़ियां फूंकी गईं, दुकानें लूटी गईं। हिंदू श्रद्धालुओं पर जिहादियों ने कांच की बोतलें, ईंट-पत्थर फेंके, जिसमें पुलिसकर्मी सहित कई लोग घायल हो गए। शिबपुर में जिहादियों ने मंदिरों में तोड़फोड़ की। रिसड़ा में भाजपा नेताओं के वाहनों पर हमला किया गया। पथराव में भाजपा विधायक बिमान घोष भी घायल हो गए। इस उपद्रव में भाजपा सांसद का सुरक्षा घेरा टूट गया। हालांकि सुरक्षाकर्मी उन्हें सकुशल निकालने में सफल रहे। भाजपा नेता 2 अप्रैल शोभायात्रा में शामिल हुए थे। बिमान घोष का आरोप है कि दंगाइयों ने अचानक ईंटों, कांच की बोतलों और बमों से हमला किया, लेकिन पुलिस मूक दर्शक बनी रही। बंगाल में तुष्टीकरण का आलम यह है कि अभी तक जितनी गिरफ्तारियां हुई हैं, उनमें मुस्लिम नाममात्र के हैं।
‘अब देश को और बंटने नहीं देंगे’
विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने रामनवमी पर मुरादाबाद में बजरंग दल द्वारा आयोजित शोभायात्रा को संबोधित करते हुए कहा कि मुस्लिम इलाका पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान चला गया। अब देश को साम्प्रदायिक आधार पर और बंटने नहीं देंगे। एक ओर अमेरिका में जॉर्जिया की असेंबली हिंदूफोबिया के विरुद्ध प्रस्ताव पारित करती है, दूसरी ओर भारत में सेकुलर व जिहादी इसी बीमारी से ग्रस्त हैं।
उन्होंने कहा कि देश भर में श्रीराम महोत्सव व श्रीरामनवमी पर आयोजित हजारों कार्यक्रमों ने पूरे देश में नव चेतना का संचार किया है। लेकिन हिंदूफोबिया से ग्रस्त कुछ राजनेता जिहादी जमात को उकसाने में जुटे हैं। इसी कारण बिहार, बंगाल और झारखंड सहित अन्य राज्यों में कट्टरपंथियों ने जगह-जगह पथराव और हमले कर हमारी धार्मिक यात्राओं को रोकने तथा हिंदू समाज को डराने की धृष्टता कर रहे हैं। जब भी हिंदुओं की धार्मिक यात्राओं की बात होती है, शासन-प्रशासन व पुलिस मुस्लिम इलाकों को ‘संवेदनशील’ बता कर उस ओर जाने से हमें रोक देती है। हमें मुसलमानों का डर दिखाया जाता है। अब इसे सहन नहीं करेंगे। आक्रमणकारी जिहादियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई में यदि कोताही बरती गई या निर्दोष हिंदुओं को फंसाने का प्रयास किया गया, तो हिंदू समाज भी यथोचित कार्रवाई के लिए विवश होगा।
जिस दिन रामनवमी थी, उस दिन ममता केंद्र सरकार के खिलाफ दो दिवसीय धरने पर बैठी हुई थीं। उन्होंने हिंदुओं को चेताते हुए कहा था कि रामनवमी का जुलूस निकालो, लेकिन मुस्लिम इलाकों में जाकर हमला मत करो। रमजान के महीने में अगर मुस्लिम इलाके में हंगामा हुआ तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। बाद में उन्होंने रामनवमी पर हिंसा की आशंका जताते हुए हिंदुओं से मुसलमानों की रक्षा करने का आह्वान किया।
नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने हावड़ा के शिबपुर और उत्तरी दिनाजपुर जिले के इस्लामपुर स्थित डालखोला में हिंसा की एनआईएस से जांच और हिंसा प्रभावित इलाकों में सीआरपीएफ की तैनाती की मांग को लेकर की कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दाखिल थी, जिस पर न्यायालय ने राज्य सरकार से रिपोर्ट तलब की है। साथ ही, सरकार से हिंसा के सीसीटीवी और वीडियो फुटेज पेश करने का निर्देश देते हुए पूछा कि हावड़ा में शांति बहाली के लिए क्या कदम उठाए गए।
बिहार और पश्चिम बंगाल में रामनवमी शोभायात्राओं पर जिहादियों ने र्इंट-पत्थर, कांच की बोतलें और बम फेंके। बिहार में गोलियां भी चलीं। पश्चिम बंगाल में भाजपा नेताओं को निशाना बनाया गया।
शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि हावड़ा में पिछले साल भी इसी जगह हिंसा हुई थी। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और सांसद डॉ. सुकांत मजुमदार के नेतृत्व में भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिलकर इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की। इधर, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यपाल सी.वी. आनंद से बातचीत कर हिंसा प्रभावित इलाकों के हालात का जायजा लेने के बाद राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। राज्यपाल ने कहा है कि हिंसा के दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
हिंसा के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि उन्होंने शोभायात्रा का मार्ग क्यों बदल दिया? एक समुदाय को लक्षित करने और हमला करने के लिए अनधिकृत मार्ग क्यों चुना? ममता बनर्जी का कहना है कि दंगे में हिंदू-मुस्लिम शामिल नहीं थे। दंगाई बाहर से आए थे। इस पर सुकांत मजुमदार ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस झूठ बोल रही है। अब भारत में ऐसे दिन आ गए हैं कि कुछ क्षेत्रों में रामनवमी की शोभायात्रा निकाल सकते हैं और दूसरे क्षेत्रों में नहीं जा सकते। हावड़ा मैदान तक अनुमति थी और वहां जाने के लिए एक ही रास्ता था।
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