उत्तराखंड में मजार जिहाद के खिलाफ सीएम पुष्कर सिंह धामी के बुलडोजर चलने के अभियान को साधु-संत समाज का भी समर्थन मिल रहा है। विश्व हिंदू परिषद ने भी मुख्यमंत्री धामी के इस कदम को पहला कदम बताते हुए कहा कि देवभूमि का स्वरूप बचाने के लिए अभी और प्रयास की जरूरत है।
हरिद्वार में जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्र आनंद गिरि जी महाराज ने धामी सरकार के मजार जिहाद के खिलाफ अभियान की सराहना की है। एक वीडियो संदेश में उन्होंने कहा, “आपने जो 1000 से अधिक अवैध मजारों को चिन्हित कराया है इसकी बहुत प्रशंसा समाज में और मीडिया में हो रही है तथा देवभूमि उत्तराखंड के हित में भी आपका यह सराहनीय निर्णय है। प्रत्येक जिले को आप निर्देश करें कि जितने भी अवैध इस प्रकार के तथाकथित धार्मिक स्थल हैं, वह सब चिन्हित किए जाएं तथा नष्ट किए जाएं। कुछ स्थानों पर निर्माणकर्ता के ऊपर ठीक-ठाक धारा लगाकर के मुकदमे भी कायम किए जाएं। ये निश्चित रूप से इस कार्य से आपका यश मान प्रतिष्ठा तथा प्रभाव दिखाई देगा।” महामंडलेश्वर यतींद्र जी ने कहा कि हरिद्वार ही नहीं, पूरे उत्तराखंड में जनसंख्या असंतुलन हो रहा है, मुस्लिम आबादी यहां पांव पसार रही है।
विश्व हिंदू परिषद के प्रचार प्रमुख पंकज चौहान ने कहा कि धामी सरकार के द्वारा अवैध मजारों के ध्वस्तीकरण अभियान को हम पूर्ण समर्थन करते हैं। निजी एवं सरकारी संपत्ति पर यह अतिक्रमण स्वीकार नहीं किया जा सकता है। देवभूमि उत्तराखण्ड में आपके कार्य पर विश्व हिन्दू परिषद को गर्व की अनुभूति है और ये अभी पहला कदम है। देवभूमि की सनातन संस्कृति के संरक्षण के लिए अभी और सख्त कदम उठाए जाने की जरूरत है।
वीएचपी से जुड़े जागनाथ आश्रम के स्वामी अरुण दास जी महाराज ने कहा है कि निश्चित ही उत्तराखंड सरकार का कदम प्रशंसा के योग्य है। धामी सरकार को हरिद्वार जैसी तीर्थ नगरी के आसपास के जंगलों से मजारें और मुस्लिम वन गुज्जर आबादी को हटाना चाहिए, क्योंकि हरिद्वार के क्षेत्र में न तो मजार मस्जिद बन सकती है, न ही मुसलमान रह सकता है। ऐसा पूर्व में अंग्रेजी शासकों और महामना मदन मोहन मालवीय के बीच समझौता हुआ था और फिर इसे हरिद्वार के प्रशासन के बायलॉज में भी शामिल किया था।
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