मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को देवरिया वासियों को 480 करोड़ की 223 विकास परियोजनाओं की सौगात दी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देवरिया हमारे लिए घर के आंगन जैसा है। जब मैं सांसद था तब भी यहां के आमजन व कार्यकर्ता बेझिझक आते थे। मुझे भी देवरिया, कुशीनगर व महराजगंज की जनसमस्या के लिए यहां आने में कोई संकोच नहीं होता था। यह सब अपने लोग हैं। इनकी समस्याओं का समाधान होना चाहिए। यदि सरकार के कानों पर जूं नहीं रेंगती थी तो जनता के साथ मिलकर सरकार को झकझोरने के लिए आंदोलन करते थे।
सीएम ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया के सामने मॉडल बना हुआ है। भारत को आदर्श के रूप में देखा जाता है। भारत के अंदर सुशासन के मॉडल के तर्ज पर यूपी कार्य कर रहा है। आप छह वर्ष पहले यूपी की स्थिति से वाकिफ थे। पीएम मोदी के नेतृत्व में विकास योजनाएं हर नौजवान, गरीब, किसान व महिला तक पहुंची है तो छह वर्ष में डबल इंजन की सरकार ने इसे देवरिया तक भी पहुंचाया। कोई सोचता था कि सलेमपुर में पुल बनेगा, देवरिया में मेडिकल कॉलेज बनेगा। पीएचसी व सीएचसी, आईआईटी, इंटर व डिग्री कॉलेज बन पाएंगे। हमारी सरकार हर गांव में खेल का मैदान, ब्लॉक में मिनी स्टेडियम व जिले में स्टेडियम बनाएगी। निजी खेल अकेडमियों को बढ़ावा देंगे। दो करोड़ युवाओं को सक्षम बनाने के लिए टैबलेट दे रहे हैं।
सीएम ने कहा कि 35 लाख करोड़ रुपये के निवेश की परियोजना यूपी में आ रही है। दो-तीन वर्ष के अंदर एक करोड़ नौजवानों को नौकरी देंगे। युवाओं को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के लिए स्किल मैपिंग , आईटीआई, पॉलीटेक्निक, नर्सिंग कॉलेज खोले जा रहे हैं। निवेश प्रक्रिया को बढ़ाने का कार्य भी हो रहा है।
सीएम ने कहा कि अब तक हम 54 लाख परिवारों को आवास दे चुके हैं। 2.61 करोड़ गरीबों को शौचालय, 1.55 करोड़ फ्री बिजली कनेक्शन, 1.75 करोड़ गरीबों को उज्ज्वला कनेक्शन और तीन वर्ष से लगातार यूपी के 15 करो़ड़ व देश के 80 करोड़ लोगों को राशन दे रहे हैं। 140 करोड़ के भारत में कोई भूखा नहीं सोएगा।
सीएम ने कहा कि देवरिया का फ्लाईओवर भी बनना है। रेलवे की जाम की समस्या का सर्वदा के लिए समाधान होगा। राज्य सरकार इसके लिए पैसा देना चाहती है। यहां की पहचान बैतालपुर चीनी मिल हमें सौंपने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एप्लीकेशन दिया है। अब चीनी मिल, डिस्टलरी, कोजन, एथेनॉल प्लांट व शुगर कॉम्पलेक्स बनाकर हजारों युवाओं को नौकरी व ट्रेनिंग सेंटर देंगे। अनुमति मिलते ही यह कार्य प्रारंभ करा देंगे। चीनी के कटोरे के रूप में प्रसिद्ध इस क्षेत्र में लाखों नौजवानों को नौकरी थी। किसान इस पर आश्रित थे, लेकिन पिछली सरकारें चीनी मिलों को औने-पौने दाम पर बेचती गईं। जितनी जमीनें इन मिलों के पास थीं, यदि उसकी कीमत ही लगाएं तो जितने में इन्होंने 22 चीनी मिल बेची थीं, अकेले एक चीनी मिल की कीमत उससे ज्यादा थी। एक सरकार ने महज 4 करोड़ में जमीन सहित मिल बेची थी, जबकि केवल स्क्रैप की कीमत उस समय 25-30 करोड़ व जमीन की कीमत 150 करोड़ थी।
सीएम ने कहा कि हमने चीनी मिलों को चलाने का संकल्प लिया है। कोरोना में भी चीनी मिल हमने चलाई है। कुशीनगर में महात्मा बुद्ध के नाम पर कृषि व प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय बनने जा रहा है। बजट में पैसे की व्यवस्था भी की है। पैसा किसी काम में बाधा नहीं बन सकता। हमने यूपी का राजस्व कई गुना बढ़ाया। चोरी रोकी और वो पैसा गरीब, नौजवान, किसान के हित में लगाया।
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