जूनापीठाधीश्वर आचार्यमहामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरि महाराज की अध्यक्षता में प्रकृति-पर्यावरण रक्षण, सामाजिक समरसता एवं राष्ट्र जागरण के लिए “हिन्दू धर्म आचार्य सभा” का आठवां महाधिवेशन शिवानन्द आश्रम, कर्णावती, अहमदाबाद में हो रहा है। कार्यक्रम के दूसरे दिन हिन्दू धर्म आचार्य सभा के संयोजक पूज्य स्वामी परमात्मानन्द महाराज ने हिन्दू धर्म के समक्ष वर्तमान में उपस्थित चुनौतियों की चर्चा की। ‘हिन्दू धर्म आचार्य सभा’ के अध्यक्ष जूनापीठाधीश्वर आचार्यमहामण्डलेश्वर पूज्यपाद स्वामी अवधेशानन्द गिरि महाराज ने कहा कि सोशल मीडिया एवं ओटीटी प्लेटफार्म में परोसी जा रही असंबद्ध कामोत्तेजक सामग्रियां हिन्दू मानबिन्दुओं को नष्ट करने के लिए हमारे ऊपर किया गया प्रछन्न सांस्कृतिक प्रहार है, इसलिए सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफार्म पर चल रहे कॉन्टेंट और दृश्यों का नियमन होना चाहिए। अन्यथा हमारे युवा भूमि, भाषा, भेष और संस्कृति से अलग होते रहेंगे। इसी क्रम में देश के सुप्रसिद्ध विचारक सुभाष चन्द्रा, श्री एस. गुरुमूर्ति, श्री सुरेश चव्हाण एवं रामनाथ झा ने भी अपने सुझाव दिए।
इसके बाद श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चम्पत रॉय ने अयोध्या में निर्माणाधीन श्रीराम मंदिर के निर्माण कार्य की प्रगति के सन्दर्भ में पूज्य आचार्यों को अवगत कराया। वहीं, हिन्दू मठ-मंदिरों के संपत्ति को सरकारी अधिग्रहण से मुक्त रखने एवं हिन्दुओं द्वारा दान की गई संपत्ति का उपयोग उन्हीं के लिए हो इस सन्दर्भ में प्रस्ताव पारित किया गया। इसके साथ ही आचार्य सभा ने मध्यप्रदेश सरकार द्वारा भगवान आद्य शंकराचार्य जी के अद्वैत मत के प्रसार हेतु बनाए गए “आद्य शंकराचार्य न्यास” की सराहना की। आचार्य सभा की ओर से ‘यूनिफार्म सिविल कोड’ को त्वरित प्रभाव से लागू करने की मांग का प्रस्ताव पास किया गया।
केन्द्र सरकार सांस्कृतिक मानबिन्दुओं की अभिरक्षा हेतु संकल्पित है : अमित शाह
इस दौरान केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि केन्द्र सरकार भारत के सांस्कृतिक मानबिन्दुओं की अभिरक्षा हेतु संकल्पित है। चाहे वह अयोध्या में श्रीरामलला मंदिर का निर्माण हो, काशी विश्वनाथ कारीडोर हो या फिर मध्यप्रदेश में महाकाल लोक का निर्माण हो। काशी-तमिल संगम के माध्यम से दक्षिण को उत्तर से जोड़ने का प्रयास किया गया। ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ प्रकल्प के माध्यम से पूरे देश को सांस्कृतिक रूप से एकजुट करने का प्रयत्न किया जा रहा है। ‘नमामि गंगे’ परियोजना के माध्यम से माँ गंगा के घाटों की सफाई का कार्य सुचारू रूप से चल रहा है।
घरों में संस्कार से लेकर शैक्षणिक गतिविधियों में रखनी पड़ेगी सजगता : सरसंघचालक
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहन भागवत ने कहा कि आज हिन्दू समाज के समक्ष जो चुनौतियां उपस्थित हैं उनसे डरे या बौखलाए बिना शान्तिपूर्ण ढंग से उनका सामना किया जाना चाहिए। मंदिरों की अकूत संपत्ति का दुरुपयोग न करके उसे हिन्दू हितों के लिए प्रयोग किया जाए। सरकार के कार्य करने की अपनी गति है, इन सब विषयों को संभालने के लिए समाज को आगे आना होगा। घरों में संस्कार से लेकर शैक्षणिक गतिविधियों में सजगता रखनी पड़ेगी। हमें अपने सद्प्रयत्नों को और गतिशील बनाना होगा। हिन्दू धर्म की अभिरक्षा का एकमात्र उपाय कुटुम्ब में अपनी संस्कृति और संस्कारों को और परिपुष्ट करना है। हमें आपसी स्वार्थों को भूलकर राष्ट्र और समाज को दिशा देने का कार्य करना चाहिए।
इस अवसर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहन भागवत, गृहमंत्री अमित शाह, पूज्य कार्ष्णि पीठाधीश्वर स्वामी गुरुशरणानन्द महाराज, पूज्य स्वामी पुण्यानन्द, हिन्दू धर्म आचार्य सभा के महासचिव पूज्य स्वामी परमात्मानन्द सरस्वती महाराज, सत्तूर मठ कर्नाटक एवं आदि चुनचुन मठ कर्नाटक के प्रमुख एवं हिन्दू धर्म आचार्य सभा के कोषाध्यक्ष जगद्गुरु पूज्य स्वामी निर्मलानन्द महाराज, आचार्य अविचल दास, स्वामी नारायण सम्प्रदाय के पूज्य स्वामी भद्रेश, पूज्य स्वामी ब्रह्म विद्यानन्द, गीतामनीषी महामण्डलेश्वर पूज्य स्वामी ज्ञानानन्द, जगतगुरु रामानन्दाचार्य, बल्लभाचार्य अनेक आचार्य, पूज्य सन्त, विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार, सुप्रसिद्ध उद्यमी एवं पत्रकार सुभाष चंद्रा, प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार एस. गुरुमूर्ति, बलबीर पुंज, रामनाथ झा, सुरेश चव्हाण समेत अनेक विचारक, मनीषी एवं दार्शनिक उपस्थित रहे।
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