कन्नौज दंगे के पांच अभियुक्तों को डकैती, मारपीट, तोड़फोड़ मामले में अपर सत्र न्यायाधीश ने 10-10 साल की सजा सुनाई है। सभी अभियुक्तों पर दो-दो हजार का अर्थदंड भी लगाया है। कन्नौज सदर के मोहल्ला शहरपुर टीला निवासी मोनू सिंह ने 5 जुलाई 2015 को पुलिस को तहरीर दी थी। तहरीर में कहा गया था कि वह शाम को मोटरसाइकिल से अपने घर जा रहा था। जैसे ही वह मछली वाली सड़क पर पहुंचा। लवी और साबिर ने घेर लिया। इन दोनों अभियुक्तों के साथ करीब 50 अज्ञात लोग थे, इनमें से कुछ हथियार लिए हुए थे।
अभियुक्तों ने पीड़ित की आंख को गमछे से ढंक दिया। फिर उसके साथ मारपीट की। उसकी मोटरसाइकिल तोड़ दी। उसकी जेब से 1760 रुपये और फोन लूट लिया। जब तक पुलिस मौके पर पहुंचती अभियुक्त मौके से फरार हो गए। घटना के एक दिन बाद एफआईआर दर्ज की गई। पुलिस ने विवेचना के दौरान लवी, साबिर, आमिर, वसीम और जावेद के खिलाफ साक्ष्य संकलित किया। अभियुक्तों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया। इसमें सत्र न्यायाधीश ने अभियुक्तों को दोषी पाया और 10 साल की सजा सुनाई और सभी अभियुक्तों पर पर दो-दो हजार का जुर्माना लगाया।
न्यायालय ने अपने निर्णय में कहा है कि अर्थदंड न जमा करने पर अभियुक्तों को आठ दिन का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा। इसके साथ ही न्यायालय ने अभियुक्तों पर एक-एक हजार रुपये की कास्ट लगाया है। यह धनराशि वादी को दी जाएगी। न्यायालय में ट्रायल के दौरान आठ गवाह पेश हुए। सुनवाई पूरी होने पर न्यायालय ने सजा सुनाई। सजा के बाद अभियुक्तों को जेल भेज दिया गया। उल्लेखनीय है कि कन्नौज जनपद में इस घटना के बाद बड़े पैमाने पर तनाव हो गया था। आस-पास के इलाके में तोड़-फोड़ की घटना हुई थी। भारी संख्या में पुलिस बल तैनात करना पड़ा था।
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