भारतीय मूल के डेनियल मुखी को न्यू साउथ वेल्स का कोषाध्यक्ष बनाया गया है। सदन में भारतीय समुदाय से आने वाले मुखी पहले नेता हैं। कल अपने पद की षपथ उन्होंने श्रीमद्भगवद्गीता की शपथ लेकर भारतवंशियों में गर्व का भाव जगा दिया। मुखी ऑस्ट्रेलिया में पहले व्यक्ति हैं जिन्होंने श्रीमद्भगवद्गीता हाथ लेकर यह शपथ ली है।
उल्लेखनीय है कि भारतीय मूल के डेनियल मुखी ऑस्ट्रेलिया के राज्य न्यू साउथ वेल्स के बहुत सम्मानित नेता हैं और उन्होंने समाज के लिए अनेक काम किए हैं, देश के किसी भी राज्य में कोषाध्यक्ष के पद पर आने वाले वे पहले भारतवंषी हैं। उन्होंने अपने पद की जिस तरह षपथ ली उससे भी इस देश के ही नहीं, बल्कि दुनियाभर के हिन्दू धर्मावलंबियों को प्रसन्नता हुई है।ं विदेशी धरती पर पहली बार एक राजनीतिक पद पर आए किसी भारतवंशी ने श्रीमद्भगवद्गीता को हाथ में थामकर अपनी निष्ठा की शपथ ली है।
ऑस्ट्रेलिया से प्राप्त समाचार के अनुसार, डेनियल मुखी के साथ ही न्यू साउथ वेल्स सात अन्य मंत्रियों को शपथ दिलाई गई है। शपथ समारोह के बाद डेनियल ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि न्यू साउथ वेल्स एक बहुत शानदार राज्य है, जिसका कोषाध्यक्ष बनकर उन्हें गर्व की अनुभूति हो रही है। उन्होंने राज्य के नागरिकों का धन्यवाद किया कि उन्हें उनका समर्थन मिला। राज्य के प्रबुद्ध नागरिकों की तरफ से मिले इस सम्मान तथा विशेषाधिकार मिलने पर उन्होंने आभार व्यक्त किया।
ऑस्ट्रेलिया में इस वक्त 6,80,000 से ज्यादा हिंदू आबादी है। हिंदू धर्म इस देश का तीसरा सबसे बड़ा धर्म है। हिन्दू श्रद्धालुओं ने अपनी मेहनत से आस्ट्रेलिया के विकास में चार चांद लगाए हैं। यहां अनेक मंदिर हैं जो हिन्दू समुदाय के श्रद्धा केन्द्र हैं और हर हिन्दू त्योहार पर यहां समाज एकजुट होकर पूरे उत्साह से उत्सव मनाता है। डेनियल मुखी का इतने बड़े पद पर आना विषेश रूप से यहां के हिन्दू समाज के अंदर गौरव का भाव पैदा कर गया है।
श्रीमद्भगवद्गीता को हाथ में लेकर शपथ लेने के संदर्भ में उनका कहना था कि यह सिर्फ इसलिए संभव हो पाया, क्योंकि ऑस्ट्रेलिया खुले विचारों वाला देश है। यह वह देश है जो उनके माता-पिता सहित उन सभी लोगों को मान्यता देता है जिन्होंने इस देश के हित में अपना योगदान दिया है। डेनियल ने बताया कि शपथ लेते वक्त उनके मन में ऐसे ही भाव उमड़ रहे थे।
डेनियल मुखी को 2015 में उनकी लेबर पार्टी ने न्यू साउथ वेल्स राज्य के उच्च सदन में था। वे निःसंदेह न्यू साउथ वेल्स में पहले नेता हैं जो भारतीय पृष्ठभूमि से हैं और बेहद सम्मानित हैं। आगे चलकर, साल 2019 में उन्हें वित्त और लघु कारोबार का उपमंत्री बनाया गया।
उल्लेखनीय है कि 1973 में मुखी के माता-पिता भारत के पंजाब राज्य से आकर ऑस्ट्रेलिया में बसे थे। डेनियल का जन्म यहां के उपनगर ब्लैकटाउन में हुआ था। बचपन सिडनी में बीता जो उनकी नजर में उनके जीवन का सबसे महत्वपूर्ण दौर था।
दिलचस्प तथ्य है कि ऑस्ट्रेलिया में इस वक्त 6,80,000 से ज्यादा हिंदू आबादी है। हिंदू धर्म इस देश का तीसरा सबसे बड़ा धर्म है। हिन्दू श्रद्धालुओं ने अपनी मेहनत से आस्ट्रेलिया के विकास में चार चांद लगाए हैं। यहां अनेक मंदिर हैं जो हिन्दू समुदाय के श्रद्धा केन्द्र हैं और हर हिन्दू त्योहार पर यहां समाज एकजुट होकर पूरे उत्साह से उत्सव मनाता है। डेनियल मुखी का इतने बड़े पद पर आना विषेश रूप से यहां के हिन्दू समाज के अंदर गौरव का भाव पैदा कर गया है।
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