मध्यप्रदेश में झाबुआ जिले के धामंदा गांव में एक परिवार के आठ लोगों ने घर वापसी की है। इन लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं का प्रलोभन देकर 9 साल पहले ईसाई बना दिया गया था। अब इस परिवार से फिर से सनातन धर्म अपना लिया है। संत कमल महाराज व धर्म प्रसार विभाग के राकेश डामोर आदि ने इनका हिंदू धर्म में स्वागत किया।
दरअसल, झाबुआ जिले में मतांतरण एक बड़ी समस्या बन चुकी है। इसको रोकने के लिए यहां हिंदू संगठन विशेषकर विश्व हिंदू परिषद घर वापसी अभियान चला रहा है। इसी क्रम में मंगलवार को एक परिवार के आठ लोगों की घर वापसी कराई गई। इन लोगों ने वापस हिंदू धर्म में आने की इच्छा जताई। जिसके बाद ये लोग कोकावद गांव के महादेव धाम आए, वहां संत कमल ने सभी से पूजा-अर्चना करवाई। फिर इन लोगों ने जनजातीय क्षेत्र में लंबे समय तक सेवा दे चुके संत स्व़ खूमसिंह महाराज की प्रतिमा पर नमन किया और सनातन धर्म अपना लिया।
‘सनातन धर्म ही सच्चा’
घर वापसी करने वाले परिवार ने बताया कि 9 साल पहले घर में बीमारी थी। हमें कहा गया था कि ईसाई बन जाओ तो स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी। हम प्रलोभन में आकर ईसाई बन गए, लेकिन अपनी सभ्यता व संस्कृति याद आ रही थी। हमें समझ में आ गया कि सनातन धर्म ही सच्चा है, इसलिए घर वापसी की है। अब काफी अच्छा लग रहा है।
‘अपनी जड़ों से दूर होकर सुखद महसूस नहीं करते लोग’
विश्व हिंदू परिषद के धर्म प्रसार प्रमुख आजाद प्रेम सिंह ने कहा कि सुबह का भूला अगर शाम को घर लौट आए तो इससे अच्छा कुछ नहीं होता। भोले-भाले वनवासियों को झूठे प्रलोभन देकर मतांतरित करवा लिया जाता है, लेकिन वे अपनी जड़ों से दूर होकर सुखद महसूस नहीं करते। अपनी सभ्यता व संस्कार इन्हें हमेशा याद आते हैं। थोड़े से प्रयास करने पर ही वे फिर सनातन धर्म को अपना लेते हैं।
बता दें कि इससे पहले मध्यप्रदेश में छतरपुर जिले स्थित बागेश्वर धाम में बड़ी संख्या में लोगों ने घर वापसी की थी। पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने सागर जिले के टपरियन, बनापुर, बम्हौरी, चितोरा गांव से चार बसों में पहुंचे 220 लोगों की विधि-विधान से सनातन धर्म में वापसी कराई थी।
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