उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों का पालन करते हुए वन विभाग ने फिर मजार जिहाद के खिलाफ अभियान चलाया है। जंगलों में अतिक्रमण करके बनाई गई अवैध मजारों को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया है। पछुवा देहरादून में वन विभाग का मजार जिहाद के खिलाफ ये तीसरा अभियान है।
उत्तराखंड के वन क्षेत्रों में योजनाबद्ध तरीके से मजारें बनाकर अवैध कब्जा करने के अभियान के खिलाफ धामी सरकार की सख्ती ने असर दिखाना शुरू कर दिया है। पिछले एक महीने में वन विभाग ने तीन बड़े अभियान चलाकर दर्जनों अवैध मजारों को ध्वस्त किया है। खास बात ये है कि इन मजारों से कुछ भी नहीं निकला।
पश्चिम यूपी से आए बरेलवी मुस्लिमों ने वन विभाग की जमीनों पर मजारें बनाकर अपना धंधा शुरू कर दिया था। ऐसी जानकारी आई थी कि इन मजारों के कर्ता धर्ता नशेड़ी किस्म के लोग हैं, जो यहां स्मैक चरस का कारोबार करने वालों को संरक्षण दे रहे थे। उल्लेखनीय है कि देवबंदी मुस्लिम इन मजारों को नहीं मानते हैं। ऐसी सूचनाओं के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने आईएफएस के सम्मेलन में कहा था कि सख्ती से इन मजारों को तत्काल हटाया जाए। खास बात ये भी है कि अवैध मजारें संवेदनशील स्थानों पर बनी हुई देखी गई थीं, जिनमें कैंट एरिया, पुल, बैराज आदि भी चिन्हित हुए थे।
हिमाचल बॉर्डर पर आसन बैराज और फॉरेस्ट गेस्ट हाउस के पास बनी ऐसी ही एक मजार को वन कर्मियों ने ध्वस्त कर दिया। वहीं, रामपुर मंडी आरक्षित वन क्षेत्र में अतिक्रमित वन भूमि से मजार को अतिक्रमण मानते हुए चकराता वन प्रभाग द्वारा ध्वस्त कर दिया गया है।
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