देश का सबसे बड़ा भूभाग और महज एक प्रतिशत पानी
May 13, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

देश का सबसे बड़ा भूभाग और महज एक प्रतिशत पानी

विश्व जल दिवस (22 मार्च) पर विशेष: कभी सरस्वती नदी के किनारे रंगमहल सभ्यता की बसावट थी। वोल्गा, नील और सिंधु घाटी से भी पुरानी इस सभ्यता में कुएं, नालियां और कुदरत से तालमेल वाले रहन-सहन के भी प्रमाण हैं।

by WEB DESK
Mar 18, 2023, 10:36 pm IST
in भारत, राजस्थान
राजस्थान के ज्यादातर हिस्से में रेगिस्तान है, मगर पहाड़ भी हैं, जंगल भी, और बांध, नहर, तालाब और अगल-बगल से बहकर आती नदियां भी

राजस्थान के ज्यादातर हिस्से में रेगिस्तान है, मगर पहाड़ भी हैं, जंगल भी, और बांध, नहर, तालाब और अगल-बगल से बहकर आती नदियां भी

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

भूभाग के लिहाज से देश के सबसे बड़े क्षेत्र राजस्थान के हिस्से देश में मौजूद कुल पानी का सिर्फ एक प्रतिशत ही है। और इसमें भी साफ पानी का संकट है। पानी के परम्परागत स्रोतों की अनदेखी का खामियाजा यह है कि ऐसे सैकड़ों शहर, कस्बे और गांव हैं जहां पीने का पानी नहीं बचा है। जल-आन्दोलन की जरूरत सबको महसूस हो रही है

राजस्थान के ज्यादातर हिस्से में रेगिस्तान है, मगर पहाड़ भी हैं, जंगल भी, और बांध, नहर, तालाब और अगल-बगल से बहकर आती नदियां भी। यहां के इलाके में कभी सरस्वती नदी के किनारे रंगमहल सभ्यता की बसावट थी। वोल्गा, नील और सिंधु घाटी से भी पुरानी इस सभ्यता में कुएं, नालियां और कुदरत से तालमेल वाले रहन-सहन के भी प्रमाण हैं। मगर सूखे का जो अभिशाप राजस्थान के हिस्से आया, उसने पानी को सहेजने के लिए उन्नत अभियांत्रिकी और परम्परागत जानकारी के मेल से बरसात से अपनी प्यास को बुझाना सिखाया। वास्तु और विज्ञान की छाप वाली जो जल-संरचनाएं समाज की सूझ-बूझ से उपजीं, उन्हें राजा-महाराजाओं, जमींदारों, सेठों और धनाढ्य वर्ग ने स्थापत्य से और सजाया।

जिस जल प्रबंधन की झलक हड़प्पा की खुदाई तक में मिलती है, उसे आधुनिक दौर में और पनपने का मौका मिला। पानी से भरपूर इलाकों ने कमी वाले इलाकों में बांध और नहरों से उसकी भरपाई की। राजस्थान में सबसे पहले गंगा नहर बनी और बाद में इंदिरा गांधी कैनाल ने पानी को सूखे इलाकों के ओर मोड़ा। इस नहर के पानी घर और खेतों तक पहुंचने से पश्चिमी राजस्थान में तब्दीली तो हुई है। खेती और पशुपालन को सहारा मिलने से पलायन थमा है फिर भी असल दुश्वारियां कायम हैं। धरती पर मौजूद कुल पानी का सिर्फ तीन प्रतिशत ही है जो साफ है, पीने लायक है, बाकी जमा हुआ है। राजस्थान, जो भू-भाग के लिहाज से देश का सबसे बड़ा इलाका है, उसके हिस्से तो देश में मौजूद कुल पानी का सिर्फ एक प्रतिशत ही है। और इसमें भी साफ पानी का संकट है। यूं देश की करीब सवा दो लाख आबादी को साफ पानी नसीब नहीं है। हाल ही में केन्द्रीय पेयजल स्वच्छता मंत्रालय की रिपोर्ट में सामने आया कि देश की कुल 70,340 बस्तियों को पीने का साफ पानी नहीं मिल रहा। इनमें से सबसे ज्यादा यानी 19,573 बस्तियां अकेले राजस्थान में हैं। यहां के पानी में फ्लोराइड है, नाइट्रेट है, खारापन है। बारिश कम होने, बांध सूखने और जमीन की नमी खत्म होने से किल्लत तो है ही। मगर पानी के परम्परागत स्रोतों की अनदेखी का खामियाजा यह है कि ऐसे सैकड़ों शहर, कस्बे और गांव हैं जहां पीने का पानी बिल्कुल नहीं बचा है।

जल जीवन की रफ़्तार

जल जीवन मिशन की रफ्तार जिस प्रदेश में सबसे तेज होनी चाहिए, वहां वह राजनीति और भ्रष्टाचार की शिकार है। पानी के काम में देश के 33 राज्यों में 32वें पायदान पर खिसके प्रदेश में महज 24 प्रतिशत घरों में नल हैं। राजस्थान में और गांवों में बसी बड़ी आबादी आज भी कई किलोमीटर पैदल चलकर पानी लाती है या टैंकरों के भरोसे गुजर-बसर करती है। हर साल जब गर्मी चरम पर होती है तो नहर की मरम्मत का काम शुरू होता है और पानी की सप्लाई बन्द होने से टैंकरों की चांदी हो जाती है। यानी पानी तो जैसे-तैसे मुहैया हो जाता है लेकिन जेब हल्की करने के बाद।

Topics: जल संरक्षणWater Conservationworld water dayविश्व जल दिवसराजस्थान में पानीराजस्थान जल संरक्षणजल पर लेख
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

अस्तित्व खो चुकी मटुका नदी पुनर्जीवित : भदोही से वाराणसी तक हटे अवैध कब्जे, अब किसानों को मिलेगा बड़ा लाभ

जलागम योजनाओं को धरातल में उतारे : सीएम धामी

जल पूजन करते कार्यकर्ता

जल संरक्षण के लिए जल पूजन

प्रतीकात्मक तस्वीर

विश्व जल दिवस विशेष: भारतीय मनीषा के सबसे प्राचीन स्रोत में ‘जल’ ब्रह्मांड का पालनकर्ता है

Panchjanya Sabarmati Samvad Mulu bhai

पाञ्चजन्य साबरमती संवाद-3 में ‘पर्यावरण अनुकूल विकास’ पर बोले गुजरात के मंत्री-हम नवीकरणीय ऊर्जा में अग्रणी राज्य

Sambhal DM Rajendra pensia Sanatan tirth

संभल में सनातन तीर्थों का पुनरोद्धार: 44 देव तीर्थ अतिक्रमण मुक्त, बोले DM राजेंद्र पेंसिया

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

CBSE 12वीं रिजल्ट 2025 : 88.39% विद्यार्थी पास, लड़कियों ने मारी बाजी, ऐसे चेक करें स्कोरकार्ड

कुत्ते की मौत मारे गए लश्कर के आतंकी : शोपियां में सुरक्षाबलों ने 3 दहशतगर्दों को ठोंका, ऑपरेशन जारी…

Indian Army Operation in Shopian

शोपियां में सेना की बड़ी कार्रवाई: ऑपरेशन सिंदूर के बाद लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकी ढेर, मुठभेड़ जारी

पाकिस्तानी फौजी कमांडर जनरल असीम मुनीर

Operation Sindoor: जब भारत के हवाई हमलों से घबराकर जिन्ना के देश का फौजी कमांडर जा दुबका था बंकर में

बीएलए ने बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना पर हमले तेज़ कर दिए हैं। बलूच लोगों ने पाकिस्तानी झंडे की जगह अपने झंडे फहरा दिए हैं। (सोशल मीडिया/बीएलए)

ऑपरेशन सिंदूर : खंड-खंड पाकिस्तान!

PM Modi Adampur airbase visit

ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद पंजाब के आदमपुर एयरबेस पहुंचे पीएम मोदी, जवानों को सराहा

Punjab Khalistan police

खालिस्तानी आतंकियों को हथियार उपलब्ध करवाने वाला आतंकवादी हैरी गिरफ्तार

Donald trump want to promote Christian nationalism

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को कतर से मिल रहा 3300 करोड़ का गिफ्ट, फिर अमेरिका में क्यों मचा है हड़कंप?

CM Dhami Dol Ashram

मुख्यमंत्री धामी ने डोल आश्रम में श्री पीठम स्थापना महोत्सव में लिया हिस्सा, 1100 कन्याओं का किया पूजन

awami league ban in Bangladesh

बांग्लादेश में शेख हसीना की अवामी लीग की गतिविधियां प्रतिबंधित: क्या इस्लामिक शासन की औपचारिक शुरुआत?

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies