पंजाब पुलिस ने शनिवार को करीब पांच घंटे तक विशेष ऑपरेशन चलाकर खालिस्तान समर्थक कट्टरपंथी अमृतपाल सिंह को पांच समर्थकों सहित नकोदर के निकट से गिरफ्तार कर लिया। बताया जा रहा है कि पंजाब पुलिस महानिदेशक गौरव यादव इस पूरे घटनाक्रम पर शाम तक मीडिया से बातचीत करेंगे।
पंजाब सरकार ने किसी प्रकार की अप्रिय घटना की आशंका के चलते राज्य में रविवार दोपहर 12 बजे तक इंटरनेट और सामान्य सेवाओं को निलंबित कर दिया है। पंजाब के 12 जिलों में हाई अलर्ट घोषित किया गया है। पंजाब पुलिस महानिदेशक गौरव यादव ने प्रदेशवासियों से सूबे में शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखने की अपील की है। पुलिस ने यह कार्रवाई ऐसे समय में की है, जब अमृतपाल ने रविवार से मुक्तसर साहिब में खालसा मार्च निकालने का ऐलान कर रखा था।
कौन है अमृतपाल ?
अमृतपाल सिंह कट्टरपंथी उपदेशक और खालिस्तान समर्थक है. वह सिख समुदाय का प्रतिनिधित्व करने का दावा करता है. उसकी मांग है कि पंजाब से अलग खालिस्तान देश बनाया जाए. उसके आसपास हमेशा हथियारबंद लोग रहते हैं. दीप सिद्धू द्वारा स्थापित कट्टरपंथी संगठन “वारिस पंजाब दे” का दूसरा नेता है, बीते साल एक रोड एक्सीडेंट में दीप सिद्धू की मौत हो गई थी. दीप सिद्धू की मौत के बाद अमृतपाल सिंह का सुर्खियों में आया और यह देखते ही देखते वारिस पंजाब दे का मुखिया बन बैठा.
ब्रिटेन की एनआरआई से रचाई शादी
अमृतपाल सिंह का जन्म अमृतसर के जल्लूपुर खेड़ा गांव में 1993 में हुआ था। महज 12वीं पास अमृतपाल अचानक से दुबई चला गया। बताते हैं कि वहां पर अमृतपाल ट्रांसपोर्ट के व्यवसाय से जुड़ा था. दीप सिद्धू की मौत के बाद 29 सितंबर 2022 को अमृतपाल मोगा के रोडे गांव पहुंचता है। वही रोडे गांव जहां से खालिस्तानी जरनैल सिंह भिंडरावाले की जड़ें जुड़ी हुई थीं। हाल ही में अमृतपाल ने अमृतसर में अपने पैतृक गांव जल्लूपुर खेड़ा में एक साधारण समारोह में ब्रिटेन की एनआरआई किरणदीप कौर से शादी की थी।
सरकार और सिस्टम को देने लगा चैलेंज
29 सितंबर को ही रोडे गांव में बतौर वारिस पंजाब दे प्रमुख अमृतपाल सिंह की दस्तारबंदी होती है। इसके बाद अमृतपाल सीधे देश की सरकार और सिस्टम को चैलेंज देने लगता है। अमृतपाल सिंह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को ललकारते हुए कहा था कि इंदिरा गांधी ने भी कुचलने की कोशिश की थी, अब अमित शाह भी अपना चाव पूरा कर देख लें।
अजनाला कांड से सकते में था पुलिस महकमा
हाल ही में अमृतसर स्थित अजनाला पुलिस स्टेशन पर अमृतपाल सिंह ने समर्थकों सहित धावा बोला था और अपने एक सहयोगी को रिहा कराया था. हालांकि, उसके बाद पुलिस ने एक्शन प्लान तैयार किया और अमृतपाल सिंह और उसके समर्थकों पर कार्रवाई शुरू कर दी.
सहयोगी की शिकायत पर की थी कार्रवाई
शिकायतकर्ता बरिंदर सिंह ने शिकायत में कहा है कि वह अमृतपाल सिंह के प्रशंसक थे, लेकिन उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने सहयोगियों के गलत कामों को उजागर किया तो अमृतपाल सिंह नाराज हो गया। अमृतपाल सिंह ने कथित तौर पर बरिंदर को 15 से 20 बार थप्पड़ मारे, गाली-गलौज कर अभद्रता की। आरोप है कि रुपनगर जिले के सलेमपुर गांव के रहने वाले फरियादी को तीन घंटे तक पीटा गया. शिकायतकर्ता बरिंदर सिंह ने अमृतपाल सिंह पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। जिसके बाद पुलिस कथित रूप से अगवा करने और पिटाई करने के आरोप में पुलिस ने अमृतपाल सिंह और उनके समर्थकों के खिलाफ केस दर्ज किया था. बाद में पुलिस ने अमृतपाल के करीबी सहयोगी को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की थी. गुरुवार को तलवारें और अन्य हथियार लेकर अमृतपाल सिंह के नेतृत्व में बड़ी संख्या में समर्थक अमृतसर के अजनाला पुलिस थाने में घुस गए. उन्होंने पुलिस द्वारा लगाए गए बेरिकेड्स को तोड़ दिया. पुलिस थाने में भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी, क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने परिसर में धरना शुरू कर दिया था.
भिंडरांवाला का परिवार कर चुका है किनारा
दमदमी टकसाल के मुखी रहे संत जरनैल सिंह भिंडरांवाला के भतीजे जसबीर सिंह रोडे ने वारिस पंजाब दे जत्थेबंदी के मुखी अमृतपाल सिंह से किनारा कर चुका है। जसबीर सिंह ने कहा कि अमृतपाल सिंह की विचारधारा से उनका कोई लेना देना नहीं है। अमृतपाल भिंडरांवाला की जगह नहीं ले सकता। वो एक अलग शख्सियत थे। उन्होंने कभी भी खालिस्तान बनाने की मांग नहीं की थी।
श्री अकाल तख्त साहिब के पूर्व जत्थेदार भाई जरनैल सिंह रोडे ने कहा कि खालिस्तान अमृतपाल का अपना और उसकी जत्थेबंदी का एजेंडा हो सकता है। भिंडरांवाला परिवार इससे इत्तफाक नहीं रखता। उन्होंने कहा कि अमृतपाल यदि सिख धर्म के प्रचार प्रसार या अमृतपान की मुहिम चलाता है तो हम उसका साथ देंगे, लेकिन अलग खालिस्तान या राज्य की मांग का वह समर्थन नहीं करते। उन्होंने कहा कि संत जरनैल सिंह भिंडरांवाला ने भी कभी खालिस्तान की मांग नहीं की थी। वे हमेशा ही आनंदपुर साहिब मत्ते को लागू करने की मांग करते थे। इसके तहत राज्यों को अधिकार दिए जाने की वकालत थी, उसमें खालिस्तान की कोई बात नहीं थी।
इन बिन्दुओं से समझे अमृतपाल सिंह की पूरी कहानी
- – अमृतपाल सिंह अमृतसर जिले के जल्लूपुर खेड़ा का निवासी है।
- – साल 2012 में काम के सिलसिले में दुबई गया था।
- – करीब दस साल बाद 2022 में दुबई से स्वदेश लौटा।
- – साल 2022 में उसे ‘वारिस पंजाब दे’ का मुखी बनाया गया।
- – पिछले साल 9 दिसंबर को उसने गुरुद्वारा बिहारीपुर में तोड़फोड़ की।
- – पिछले साल 13 दिसंबर को जालंधर के गुरुद्वारे में तोड़फोड़ की।
- – इस साल 15 फरवरी को अमृतपाल सिंह के खिलाफ अजनाला थाने में केस दर्ज किया गया।
- – इससे चिढ़कर अमृतपाल सिंह ने 23 फरवरी को अजनाला थाने पर अपने समर्थकों के साथ कब्जा किया।
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