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सर्वोच्च न्यायालय ने पंजाब के मुख्यमंत्री को दी संवैधानिक मर्यादा पालन की नसीहत

‘आप कौन हैं?’ या ‘केन्द्र सरकार आपको कैसे चुनती है ?’ जैसे संवाद संविधान सम्मत नहीं

by राकेश सैन
Mar 1, 2023, 03:39 pm IST
in पंजाब
भगवंत मान, मुख्यमंत्री, पंजाब

भगवंत मान, मुख्यमंत्री, पंजाब

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देश की सर्वोच्च अदालत ने कॉमेडियन से नेता बने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को संवैधानिक मर्यादा का पालन करने की नसीहत दी है। न्यायालय ने पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल को भी कहा है कि मुख्यमंत्री के बयान चाहे कितने भी अनुचित क्यों न हों, आप विधानसभा सत्र में देरी नहीं कर सकते।

आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार व राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित के बीच कई बार टकराव वाली परिस्थितियां पैदा हो चुकी हैं। ताजा टकराव उस समय हुआ जब राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिखकर प्रशिक्षण के लिए सिंगापुर भेजे गए सरकारी स्कूल के प्रधानाध्यापकों के चयन का ब्योरा मांगा है। मान के नेतृत्व वाली सरकार ने 6 फरवरी से 10 फरवरी तक सिंगापुर में एक पेशेवर शिक्षक प्रशिक्षण संगोष्ठी में 36 सरकारी स्कूल के प्रधानाध्यापकों को भेजा था।

राज्यपाल बनवारीलाल ने अपने पत्र में कहा कि मुझे प्रशिक्षण के लिए सिंगापुर भेजने के लिए प्रधानाध्यापकों के चयन के संबंध में शिकायतें मिली हैं। शिकायतकर्ता इन प्रधानाध्यापकों के चयन में कुछ कदाचार और अवैधताओं की ओर इशारा करते हैं। आरोप है कि इसमें कोई पारदर्शिता नहीं है। इसलिए, मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि मुझे मानदंड और पूरी चयन प्रक्रिया का विवरण भेजें। राज्यपाल ने इस दौरे की चयन प्रक्रिया, खर्च, रहन-सहन आदि पर हुए व्यय के बारे में पूरा विवरण मांगा।

हिसाब मांगने पर सत्ताधारी आम आदमी पार्टी भड़क गई और मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इन प्रश्नों का संवैधानिक तौर पर उत्तर न देते हुए ट्वीट किए, जिसमें राज्यपाल से पूछा आप कौन होते हैं? आपको केन्द्र सरकार कैसे चुनती है? आदि अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया गया। इस बीच राज्य सरकार ने 3 मार्च को विधानसभा सत्र बुलाने की राज्यपाल से अनुमति मांगी। राज्यपाल ने कानूनी सलाह लिए जाने में असमर्थता जताते हुए तीन मार्च को सत्र नहीं होने की बात कही। इस पर पंजाब सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।

सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री, राज्यपाल द्वारा मांगे गए स्पष्टीकरण का जवाब देने को बाध्य हैं, जबकि राज्यपाल कैबिनेट की सिफारिशें मानने को कर्तव्यबद्ध हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने मुख्यमंत्री को नसीहत दी है कि संवैधानिक अधिकारियों के बीच संवैधानिक संवाद होने चाहिए। ऐसे नहीं कि आप कौन हैं? या आर (राज्यपाल) को केन्द्र सरकार कैसे चुनती है? जैसी भाषा का प्रयोग किया जाना चाहिए।

Topics: सीएम भगवंत मानCM Bhagwant Mannपंजाब के सीएमसीएम और राज्यपाल विवादसीएम भगवंत को नसीहतCM of PunjabCM and Governor disputeसर्वोच्च न्यायालयadvice to CM BhagwantSupreme Courtपंजाब सरकारPunjab Government
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