श्री गुरु ग्रन्थ साहिब को ढाल बना कर 23 फरवरी को अजनाला पुलिस स्टेशन में दंगा करने वाला वारिस पंजाब दे संगठन का स्वयंभू जत्थेदार अमृतपाल व उसके साथी अपने कारनामों के चलते हर कहीं निन्दा का शिकार हो रहे हैं। पंजाब के लगभग सभी राजनीतिक दलों व सामाजिक संगठनों के साथ-साथ पंथक शक्तियों ने भी उसे फटकारा है।
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबन्धक समिति ने पूरे मामले की जांच के लिए समिति बनाई है तो अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ने भी उसकी कार्रवाई को ठीक नहीं बताया। अब उस खालिस्तानी सरगना जरनैल सिंह भिंडरांवाला से जुड़ी दमदमी टकसाल ने भी अमृतपाल को फटकार लगाई है, जिस भिंडरांवाला को अमृतपाल अपना आदर्श बताता आया है।
असल में अमृतपाल ने आरोप लगाया था कि बरिन्द्र सिंह को सोशल मीडिया पर उसके खिलाफ बोलने के लिए दमदमी टकसाल ने उकसाया था। ज्ञात रहे कि बरिन्द्र सिंह से मारपीट के आरोप में ही अमृतपाल व लवप्रीत सिंह तूफान व अन्यों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था और बाद में तूफान की गिरफ्तारी हुई। उसे छुड़ाने के लिए अमृतपाल व उसके साथियों ने थाने में दंगे किए।
दमदमी टकसाल अजनाला के प्रमुख जत्थेदार अमरीक सिंह अजनाला ने कहा है कि लवप्रीत को छुड़वाने के लिए अमृतपाल सिंह और उसके साथियों ने जिस तरह श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पवित्र स्वरूप को ढाल बना कर उपयोग किया, वह मर्यादा के विरुद्ध है। इसके लिए सिख संगठनों को आवाज उठानी चाहिए।
जत्थेदार अमरीक सिंह अमृतसर में मीडिया को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उन पर झूठा आरोप लगाया जा रहा है कि दमदमी टकसाल अजनाला के डेरा ने बरिन्द्र सिंह को पुलिस के पास अमृतपाल के खिलाफ शिकायत करने के लिए उकसाया। बरिन्द्र सिंह न तो उनकी टकसाल का विद्यार्थी है और न ही सेवादार। यहां तक के वह खुद आज तक कभी बरिन्द्र सिंह से नहीं मिले हैं।
उन्होंने कहा कि मुझे यह पता चला था कि बरिन्द्र सिंह और उसके दो साथी अजनाला में किसी धार्मिक कार्यक्रम में हिस्सा लेने गए थे। इस दौरान वह टकसाल के मुख्यालय में रुके थे। टकसाल के द्वार हर गुरसिख के लिए खुले हैं।
बता दें कि इसी दौरान कुछ लोग बरिन्द्र को वाहन में बिठा कर ले गए। कई किलोमीटर दूर एक ट्यूबवेल पर उसके साथ मारपीट की। उनकी पकड़ से छूटने के बाद वरिंदर ने अमृतपाल और उसके साथी के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई।
ज्ञात रहे कि भाजपा के साथ-साथ अकाली दल बादल, कांग्रेस पार्टी, आम आदमी पार्टी सहित लगभग सभी राजनीतिक संगठन अमृतपाल के कृत्यों की निन्दा कर चुके हैं।
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