पंजाबी की प्रसिद्ध गीत है कि ‘नच्चां मैं पटियाले मेरी धमक जलन्धर पैंदी’, इसी तर्ज पर प्रवर्तन निदेशालय दिल्ली की आबकारी नीति को लेकर कर रहा है और इसकी धमक पंजाब में सुनाई दे रही है। हो भी क्यों न, दिल्ली की ही नकल पर तैयार की गई है पंजाब की आबकारी नीति जो अब दिल्ली के उप-मुख्यमन्त्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद पंजाब सरकार के संचालकों को परेशान कर रही है। पंजाब की आप सरकार ने आनन-फानन में अपनी शराब नीति का ऑनलाइन फॉर्म वापस ले लिया है। यह नीति दिल्ली की आबकारी नीति की तर्ज पर तैयार की गई थी और अब नवीनीकरण के लिए पहले ऑनलाइन फार्म जारी किया गया और फिर मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के एक दिन बाद ही इसे रद्द कर दिया गया। पंजाब की वर्तमान नीति को विपक्ष की भारी आलोचना का भी सामना करना पड़ा था। भगवंत मान के नेतृत्व वाली आप सरकार पर स्थानीय व्यापारियों को बाहर करने और दिल्ली में पार्टी नेतृत्व के कहने पर बाहरी लोगों का एकाधिकार बनाने का आरोप लगाया था।
पंजाब की आप सरकार ने विवादास्पद आबकारी नीति के नवीनीकरण के लिए सोमवार को पहले ऑनलाइन फॉर्म जारी किए। दिल्ली की तर्ज पर तैयार किए गए इस नवीनीकरण नीति को वापस हटा दिया गया।
सरकारी पोर्टल पर उलटफेर हुआ, जहां नवीनीकरण आवेदन (रिन्यूअल फॉर्म) का एक सेट सोमवार को हटाए जाने से पहले कुछ देर के लिए दिखाई दे रहा था और बाद में हटा लिया गया। फॉर्म में 2023-2024 के लिए खुदरा (शराब) लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए, नवीनीकरण के लिए चेकलिस्ट, फॉर्म-एम-75 और पंजाब नशीले पदार्थों के लाइसेंस और बिक्री आदेश, 1956 के आदेश 7 के तहत शपथपत्र शामिल थे। जबकि प्रपत्रों में लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए कोई शर्तों का उल्लेख नहीं किया गया था। सामग्री से प्रतीत होता है कि मान सरकार ने मौजूदा नीति को नवीनीकृत करने की योजना बनाई है। पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है और सरकार नीति को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है।
ज्ञात रहे कि भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा बीते साल श्वष्ठ को इस बारे में शिकायत भी भेज चुके हैं। मनजिंदर सिरसा का कहना है कि उनकी शिकायत के बाद कई अधिकारियों को समन भेज चुकी है। सिरसा का आरोप है कि मनीष सिसोदिया की तरफ से बुलाई गई बैठकों में पंजाब के आबकारी मंत्री और अधिकारी दिल्ली पहुंचे थे। इतना ही नहीं, थोक का काम सिर्फ दो ही पार्टियों को मिले, इसके लिए टेलर मेल भी तैयार की गई। जिसमें ब्रैडको और अनंत वाइंस को सारा काम देने की बात की गई। ब्रैडको वे फर्म है, जिस पर दिल्ली में भी मामला दर्ज किया गया। सिरसा की शिकायत में कहा गया थआ कि सूपर एल-1 बनाकर पंजाब का करोड़ों रुपए का काम दो कंपनियों ब्रैडको और अनंत वाइंस को दिया गया। इसकी एवज में पंजाब के लीडरों ने कथिततौर पर करोड़ों रुपए का लेन-देन भी किया है।
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