चार लाख रुपये रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार ‘कट्टर ईमानदार आम आदमी पार्टी’ के विधायक के मामले में सतर्कता विभाग आरोपी विधायक को बचाते हुए दिख रहा है। गुरुवार को पंजाब के बठिंडा रूरल से आम आदमी पार्टी के विधायक अमित रतन कोटफत्ता के करीबी रेशम गर्ग को सतर्कता विभाग ने 4 लाख रुपए रिश्वत लेते पकड़ा। जिस समय विजिलेंस ने यह कार्रवाई की विधायक भी वहीं थे। गिरफ्तारी के बाद विधायक अमित रतन ने आरोपी रेशम गर्ग को अपना निजी सहायक मानने से ही इनकार कर दिया। सर्किट हाउस में देर रात तक चली पूछताछ के बाद विजिलेंस ने विधायक को रिश्वत केस से क्लीन चिट दे दी।
वहीं, दूसरी तरफ शिकायतकर्ता गांव घुद्दा की महिला सरपंच सीमा रानी के पति प्रितपाल कुमार अभी भी अपनी बात पर अड़े हुए हैं। उनका कहना है कि विधायक ने खुद उनसे पांच लाख रुपए की मांग की थी। 4 लाख अब देने आए थे। विधायक के कहने पर ही उन्होंने रेशम गर्ग को पैसे दिए थे, लेकिन फिलहाल पुलिस ने अभी तक रेशम गर्ग को ही हिरासत में लिया है। वहीं, विधायक को देर रात तक बठिंडा सर्किट हाउस में रखा गया और पूछताछ की गई, लेकिन बाद में उन्हें छोड़ दिया गया।
पंजाब सरकार को घेरने की तैयारी में विपक्ष
बठिंडा के सर्किट हाउस में देर रात रेशम गर्ग को गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं, दूसरी तरफ विधायक भी देर रात सर्किट हाउस से अपने घर की तरफ रवाना हो गए। पंजाब सरकार ने विधायक की गिरफ्तारी से इनकार कर और सिर्फ रेशम गर्ग की गिरफ्तारी की देर रात पुष्टि की है, लेकिन विपक्ष इस पूरे घटनाक्रम के बाद सरकार को घेरने की तैयारी में है।
भाजपा-आप समर्थकों में हाथापाई की नौबत
विधायक अमित रतन व उनके कथित पीए रेशम गर्ग के सतर्कता विभाग द्वारा हिरासत में लिए जाने और उन्हें सर्किट हाऊस में लाए जाने की खबर सुनते ही भाजपा के जिला प्रधान व पूर्व मुख्य संसदीय सचिव सरूप चन्द सिंगला के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ता मौके पर पहुंच गए। दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता भी वहां मौजूद थे। भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि पीए रेशम गर्ग को फंसा कर सरकार अपने विधायक अमित रतन को बचाने का प्रयास कर रही है। इसको लेकर दोनों पक्षों में हाथापाई तक की नौबत आ गई। मौका देख कर भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंचा और विधायक को सर्किट हाऊस के पिछले द्वार से बाहर निकाला गया और उनके कथित पीए को सतर्कता विभाग अपने साथ ले गया। प्रथम दृष्टयता यह संकेत मिले हैं कि सतर्कता विभाग सत्ताधारी पार्टी के विधायक को बचाने का प्रयास कर रहा है।
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