तुर्किये और सीरिया में पिछले सोमवार को आए शक्तिशाली भूकंप में अपनों को खो चुके लोग बदहवास हैं। लोगों के घरों का नाम-ओ-निशान नहीं बचा है। कई शहर तो कब्रिस्तान बन चुके हैं। मृतकों का आंकड़ा लगातार तेजी से बढ़ रहा है। वैश्विक मदद से राहत और बचाव का काम युद्धस्तर पर जारी है। जिंदगी की तलाश में दम तोड़ती उम्मीदों के बीच मलबे के ढेर को खंगाला जा रहा है। अब तक 38,105 लोगों के शव निकाले जा चुके हैं। इन देशों ने 7.8 की तीव्रता वाला शक्तिशाली झटका झेला है। मृतकों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। वहीं, इस हादसे कई दिनों के बाद अभी भी मलबे से लोगों के जिंदा निकलने का क्रम जारी है। रविवार को बचाव टीम ने आपदा के 149 घंटे बाद मलबे से एक और व्यक्ति को जीवित बाहर निकाला है।
भूकंप के करीब 149 घंटे बाद तुर्किये के दक्षिणपूर्वी प्रांत हैटे में एक रोमानियाई बचाव दल ने मुस्तफा नाम के एक 35 साल के व्यक्ति को एक इमारत से मलबे के ढेर से जिंदा बाहर निकाला है। बचाव दल में से एक ने कहा कि उसका स्वास्थ्य अच्छा है, वह बात कर रहा है। वह कह रहे थे कि मुझे जल्दी से यहां से निकालो, मुझे क्लॉस्ट्रोफोबिया हो गया है’। टीम ने उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती करा दिया है। यह जानकारी ब्रॉडकास्टर सीएनएन तुर्क ने दी है।
विनाशकारी भूकंप से तुर्किये और सीरिया में मरने वालों की संख्या 38 हजार से अधिक हो गई है और अभी भी मलबों से शवों का निकलना जारी है। राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन ने कहा कि तुर्किएवासी वर्ष 1939 के बाद सबसे भयंकर भूकंप से विनाश का सामना कर रहे हैं। राष्ट्रपति एर्दोगन ने हफ्तों के भीतर ही पुनर्निर्माण शुरू करने का वादा किया है। उन्होंने कहा कि सैकड़ों हजारों इमारतें बर्बाद हो गई हैं, लेकिन जल्द से जल्द हम इससे निजात पाएंगे।
विश्व बैंक ने भूकंप से प्रभावित तुर्किये और सीरिया के लिए 1.78 अरब डालर की सहायता स्वीकृत की है। यह धनराशि राहत और बचाव कार्यों के अलावा पुनर्निर्माण पर खर्च की जाएगी। भूकंप से सबसे ज्यादा प्रभावित शहर अंताक्या, सान्लिउर्फा और अलेप्पो हैं। दक्षिण मध्य तुर्की के अंताक्या शहर की आबादी करीब 2.50 लाख थी। इस शहर का एक बड़ा हिस्सा मलबे में तब्दील हो चुका है। पूर्व में सान्लिउर्फा का भी यही हाल है। इस शहर को सीरियाई संस्कृति का प्रमुख केंद्र माना जाता है। अलेप्पो शहर भी खंडहर बन चुका है।
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