दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे : भविष्य के भारत की राह
November 29, 2023
  • Circulation
  • Advertise
  • About Us
  • Contact Us
Panchjanya
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • राज्य
    • वेब स्टोरी
    • Vocal4Local
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • लव जिहाद
    • ऑटो
    • जीवनशैली
    • पर्यावरण
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • जनजातीय नायक
SUBSCRIBE
No Result
View All Result
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • राज्य
    • वेब स्टोरी
    • Vocal4Local
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • लव जिहाद
    • ऑटो
    • जीवनशैली
    • पर्यावरण
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • जनजातीय नायक
No Result
View All Result
Panchjanya
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • संघ
  • पत्रिका
  • वेब स्टोरी
  • My States
  • Vocal4Local
होम भारत

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे : भविष्य के भारत की राह

देश की अत्यंत महत्वाकांक्षी परियोजना नई दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (डीएमई) का पहला चरण - सोहना (हरियाणा) -दौसा (राजस्थान) सेक्शन - 12 फरवरी को देश को समर्पित

by वैभव डांगे
Feb 13, 2023, 06:19 am IST
in भारत, दिल्ली
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

देश की अत्यंत महत्वाकांक्षी परियोजना नई दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (डीएमई) का पहला चरण – सोहना (हरियाणा) -दौसा (राजस्थान) सेक्शन – 12 फरवरी को देश को समर्पित हुई। इसमें अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के साथ पर्यावरण, स्थानीय विकास, रोजगार और भविष्य की कनेक्टिविटी का पूरा ध्यान रखा गया है। यह एक्सप्रेसवे न सिर्फ यात्रा की अवधि को कम करेगा बल्कि लोगों को विभिन्न अवसरों, विकास और सपनों की नई उड़ान भी प्रदान करेगा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार 12 फरवरी को नई दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (डीएमई) के पहले चरण – सोहना (हरियाणा) -दौसा (राजस्थान) सेक्शन (246 किमी) – को देश को समर्पित किया। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि इस 1,382 किलोमीटर लंबे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के जरिए दिल्ली और जयपुर के बीच की 280 किलोमीटर की दूरी की यात्रा में लगने वाले समय में करीब दो घंटे की कमी आने की उम्मीद है। यह पूरा एक्सप्रेस-वे 2024 तक बनकर तैयार हो जाएगा।

राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली से देश की आर्थिक राजधानी मुंबई को जोड़ने वाला 8-लेन का यह निर्माणाधीन एक्सप्रेसवे (जिसे 12 लेन तक बढ़ाया जा सकता है) कोई साधारण एक्सप्रेसवे नहीं है। यह दुनिया का सबसे लंबा एक्सेस कंट्रोल एक्सप्रेसवे होगा। 8 मार्च, 2019 को सुषमा स्वराज और अरुण जेटली की उपस्थिति में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा इस महत्वाकांक्षी परियोजना की आधारशिला रखी गई थी।

भूमि अधिग्रहण लागत सहित परियोजना का कुल मूल्य लगभग 1,00,000 करोड़ रुपये (13.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर) है। प्रारंभ में यह एक्सप्रेसवे 8-लेन चौड़ा होगा जिसके साथ कृषि क्षेत्रीय संपर्क मार्गों के जरिए पिछड़े क्षेत्रों को जोड़ा जाएगा जिससे मौजूदा 24 घंटे की यात्रा का समय घटकर 12 घंटे रह जाएगा। ये संपर्क मार्ग हरियाणा में मेवात, राजस्थान में दौसा और मध्य प्रदेश के पिछड़े क्षेत्रों को जोड़ेंगे। इस तरह, इन पिछड़े क्षेत्रों के लोगों के लिए भी रोजगार के कई अवसर पैदा होंगे। वैसे इसका असर अभी से ही दिखने लगा है। इन नए मार्गों के आसपास की जमीन की कीमतें तेजी से बढ़ने लगी हैं।

देश का यह पहला सबसे लम्बा एक्सप्रेस-वे भारत के सामाजिक, आर्थिक बदलाव के लिए मील का पत्थर साबित होगा। यह एक्सप्रेसवे न केवल दो शहरों के बीच की दूरी को कम करेगा, बल्कि लोगों को विभिन्न अवसरों, विकास और सपनों की नई उड़ान भी प्रदान करेगा।

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे भविष्य की आवश्यकताओं का बारीकी से अध्ययन करके बनाई गई एक अत्यंत महत्वाकांक्षी योजना है जो विकास की नई संभावनाओं के दरवाजे खोल रही है। एक्सप्रेस वे को सुरक्षित, तेज गति और यात्रियों के अनुकूल बनाने के उद्देश्य से यह उत्कृष्ट योजना तैयार की गई है, साथ ही इसे सुंदर बनाने पर भी ध्यान दिया जा रहा है। विश्वस्तरीय इंजीनियरिंग मानकों का पालन करते हुए इस एक्सप्रेसवे में तीखे मोड़ों से परहेज किया गया है जिससे वाहन चालकों को करीब 500 मीटर तक की दूरी तक मार्ग सीधा दिखाई दे।

हमारा यह सामान्य अनुभव है कि भारत में जब तक कोई मार्ग पूरा होता है, तब तक उस पर यातायात जाम होने की स्थितियां भी उभर चुकी होती हैं। डीएमई की योजना भविष्य के यातायात विस्तार को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है। भविष्य में मार्ग को और चौड़ा करने की संभावित जरूरत को ध्यान में रखते हुए सड़क के बीच में अतिरिक्त चार लेन रखे गए हैं। साथ ही, दोनों तरफ अन्य सुविधा सेवाओं, वृक्षारोपण और सार्वजनिक परिवहन के लिए जगह छोड़ी गई है। वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (वेस्टर्न डीएफसी) के साथ यह एक्सप्रेसवे दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारे की रीढ़ बनने जा रहा है।

उपमार्ग
भविष्य में इस एक्सप्रेसवे से कई अन्य रास्ते भी खोले जाएंगे जो यात्रियों को अन्य प्रमुख शहरों तक पहुंचने में मदद करेंगे जो सीधे मुख्य मार्गों से नहीं जुडे है। इस एक्सप्रेसवे पर जेवर के नए नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को फरीदाबाद बाईपास, हरियाणा के सेक्टर-65 से जोड़ने वाले 31 किलोमीटर लंबे अतिरिक्त पार्श्व मार्गों के निर्माण का काम शुरू हो चुका है। इसी तरह मार्च 2022 में बांदीकुई-जयपुर मार्ग का निर्माण कार्य भी शुरू हो गया है।

अंतर – सपंर्क संजाल
इस आधुनिक एक्सप्रेसवे में फ्यूचरिस्टिक इंटर कनेक्टिविटी की भी परिकल्पना की गई है। डीएमई दिल्ली में दिल्ली-नोएडा डायरेक्ट फ्लाईवे (डीएनडी फ्लाईवे), हरियाणा में वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (जो इसे दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे से जोड़ेगा) जैसे कई अन्य एक्सप्रेसवे से सीधे जुड़ा होगा। यह ट्रांस-हरियाणा एक्सप्रेसवे से 86.5 किमी लंबे 6-लेन वाले ग्रीनफील्ड पनियाला-बडौदामियो एक्सप्रेसवे से भी जुड़ेगा। इसे कोटा-इंदौर एक्सप्रेसवे (136 किमी) हैदराबाद-इंदौर एक्सप्रेसवे (नांदेड़-अकोला-ओंकारेश्वर-इंदौर के माध्यम से) से जोड़ेगा, जो cसे जोड़ेगा।

यह गुजरात में अमदाबाद-वडोदरा एक्सप्रेसवे और अमदाबाद में अमदाबाद-धोलेरा एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा। यह संपर्क मार्गों की एक ऐसी पूर्ण श्रृंखला तैयार करेगा जिससे हमारी यातायात और संपर्क व्यवस्था सुचारु और तेज गति के साथ काम करेगी, साथ ही लागत में कमी आएगी। और हमारे उद्यमों-व्यवसायों को कारोबारी क्षेत्रों की चुनौतियों को जीतने में मदद मिलेगी। इस आधुनिक और महत्वाकांक्षी एक्सप्रेसवे की योजना में विश्वस्तरीय मानकों और विशेषताओं को शामिल किया गया है जिनमें से कई चीजें सिर्फ भारत के लिए ही नहीं, बल्कि दुनिया के लिए भी नई हैं।

देश का पहला ‘हाईटेक हाइवे’


आगले वर्ष आप एक बार सड़क से दिल्ली से मुम्बई तक की यात्रा जरूर करना चाहेंगे। एक लाख करोड़ रु. की लागत से विश्वस्तरीय बन रहे दिल्ली-मुम्बई ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के जरिए 1382 किमी की दूरी केवल 12 घंटे में तय हो सकेगी। आठ लेन की सड़क का यह सफर ना तो थकाऊ होगा और ना ही ऊबाऊ। कारण, दिल्ली से आगे चलते ही हरे-भरे खेत, धूप-छांव की आंख मिचौली खेलते पेड़ों के बीच से गुजरते हुए ऐसे चार टाइगर रिजर्व से गुजरेंगे, जहां जाने के लिए हम कई बार योजना बनाकर भी नहीं जा पाते। रास्ते में पर्यटन का आनंद और अलग-अलग व्यंजनों का स्वाद लेते हुए यह सफर कब पूरा हो गया, पता ही नहीं चलेगा।

इस एक्सप्रेस-वे की संकल्पना कुछ तरह थी कि पिछड़े क्षेत्रों जो मुख्य मार्ग से दूर हैं, उन्हें जोड़ा जाए। सड़क को इस तरह बनाया जाए, जिसमें आधुनिक तकनीक का समावेश हो। सो कम लागत में एसा उम्दा मार्ग बनाया जा रहा है समय और ईधन दोनों की बचत करेगा।
इस एक्सप्रेस-वे के एक हिस्से को ई-हाईवे (इलेक्ट्रिक हाईवे) के रूप में विकसित किया जा रहा है, जहां ट्रक और बसें 120 किमी प्रति घंटे की गति से चलेंगी जिससे लॉजिस्टिक लागत में 70% की कमी आएगी। भारी वाहन डीजल के बजाय बिजली से चलेंगे। इस परियोजना का निर्माण शुरू हो गया है और उम्मीद है कि यह मार्च 2024 तक पूरा हो जाएगा।

इस पूरे एक्सप्रेस-वे को पर्यावरण और अर्थव्यवस्था को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है। पूरा रास्ते पर 20 लाख पेड़ लगाए जा रहे हैं और प्रत्येक 500 मीटर पर वर्षा जल संचयन प्रणाली के साथ पूरे खंड में ड्रिप सिंचाई की व्यवस्था की गई है। एक्सप्रेसवे को प्रकाशित रखने के लिए राज्य ग्रिड के साथ-साथ सौर ऊर्जा से तैयार बिजली की आपूर्ति की जाएगी। इस एक्सप्रेस-वे में हर साल 32 करोड़ लीटर से अधिक डीजल-पेट्रोल की बचत होगी जिससे करीब 85 करोड़ किलोग्राम कार्बन डाईआक्साइड के उत्सर्जन में कमी आएगी।
यह ऐसा एक्सप्रेस-वे है जो केवल पांच राज्यों दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मप्र, गुजरात और महाराष्ट्र को ही नहीं जोड़ेगा, बल्कि यह हमें उप्र, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर तक जाने का सुलभ साधन बनेगा। इसके लिए कई स्थानों पर इंटरचेंज दिया जा रहा है। उप्र में बन रहे नए जेवर एयरपोर्ट को इस एक्सप्रेस-वे से कनेक्ट किया जा रहा है तो चंबल एक्सप्रेस-वे के जरिए कोटा से इटावा को कनेक्ट किया जाएगा। आगरा-जयपुर के बीच सम्पर्क मार्ग बनाया जा रहा है। इंदौर से उज्जैन होकर कोटा तक नया कारिडोर बन रहा है। राजस्थान में दौसा से बाड़मेर तक नया मार्ग बनाकर अमृतसर-जामनगर कारिडोर से जोड़ा जा रहा है, जो पंजाब तक जाने का सीधा मार्ग बनेगा। यही कारिडोर हमें दिल्ली-कटरा एक्सप्रेस-वे से जोड़ेगा, जो वैष्णो देवी की यात्रा को सुगम बनाएगा।

मार्ग पर उपलब्ध आवश्यक सुविधाएं
इतने लम्बे सफर पर चलने वाला कोई भी व्यकितकिसी ऐसी जगह पर ठहरना चाहता है जहां सुकून हो। वह ऐसे स्थान पर रुकना चाहता है जहां स्वादिष्ट व्यंजन हो, आनंद हो और आराम हो। इस एक्सप्रेस-वे में इसका खास ध्यान रखा गया है। इस पूरे एक्सप्रेस-वे में 94 वे-साइड एमेनिटीज बनाई जा रही हैं जहां ठहरने के लिए मोटल होगा। खाने के लिए उम्दा किस्म के रेस्तरां होंगे। चाइल्ड केयर रूम होगा। सर्विस सेंटर, पेट्रोल पंप, एटीएम के अलावा एक छोटा हाट-बाजार होगा। इसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की वोकल फार लोकल की नीति को अपनाया गया है। इसके लिए प्रत्येक वे-साइड एमेनिटीज में उस क्षेत्र में उत्पादित सामान का स्टाल भी होगा। यह भारत का पहला ऐसा एक्सप्रेसवे भी होगा जिसमें दुर्घटना पीड़ितों के लिए हर 100 किमी पर हेलीपैड और पूरी तरह से सुसज्जित ट्रॉमा सेंटर होंगे।

वन्यजीव गलियारा
इस एक्सप्रेसवे की योजना और कार्यान्वयन के दौरान सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि ऐसे क्या उपाय किए जाएं कि इंसानों और वन्यजीवों के बीच आमना- सामना ना हो। इस 8-लेन चौड़े एक्सप्रेसवे की 2.5 किमी की लंबाई बाघ अभयारण्यों के बीच वन्यजीव गलियारों के रूप में पहचाने गए हिस्सों पर 5 प्राकृतिक वन्यजीव गलियारों के साथ-साथ चल रही है। इनमें से एक गलियारा मुकुंदरा हिल्स नेशनल पार्क में होकर बनाई जा रही सुरंग है जो देश की पहली 8-लेन चौड़ी सुरंग होगी।

यह पहला एक्सप्रेसवे है जो वन्यजीवों की सुरक्षित आवाजाही के लिए बने गलियारों से होकर गुजरेगा। एक्सप्रेसवे के ऊपर पड़ने वाले गलियारों पर दोनों ओर 8 मीटर लंबी शोर अवरोधक दीवारें होंगी और गलियारों से होकर गुजरने वाले एक्सप्रेसवे के खुले हिस्से पर दोनों ओर 6 फुट ऊंची दीवारें होंगी। इस तरह न तो जानवर सड़क पर आ सकेंगे और न ही पैदल चलने वाले इसमें प्रवेश कर सकेंगे, ताकि 120 किमी/घंटे तक की तीव्र गति से गुजरने वाले वाहन अबाध गति से चल सकें और दुर्घटना न हो। यह एक्सप्रेसवे अरावली वन्यजीव गलियारों से होकर गुजरता है, विशेष रूप से राजस्थान के चार टाइगर रिजर्व से जो इस प्रकार हैं- सरिस्का टाइगर रिजर्व, मुकुंदरा हिल्स नेशनल पार्क, रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान और रामगढ़ विषधारी वन्यजीव अभयारण्य। ये सभी भारत के महत्वपूर्ण टाइगर रिजर्व हैं।

उच्च तकनीक वाला एक्सप्रेसवे
टोल जमा करने से लेकर इंटेलिजेंट ट्रैफिक और गतिविधि प्रबंधन संबंधी सभी कार्यों को ध्यान में रखते हुए डीएमई को भारत का सबसे हाईटेक हाईवे बनाया गया है। बेहतर राजमार्ग प्रबंधन के लिए इस राजमार्ग पर सभी आधुनिक विश्व स्तरीय अत्याधुनिक प्रणाली लगाई गई है। अधिकारी एक्सप्रेसवे पर लगे कैमरों के माध्यम से पूरे राजमार्ग की निगरानी करने में सक्षम होंगे। गति सीमा उल्लंघन पर नजर रखने के लिए स्पीड कैमरे, लेन उल्लंघन और वाहन के नंबर प्लेट का पता लगाने के लिए एएनपीआर कैमरे आदि सड़क यातायात नियमों को बेहतर ढंग से लागू करने में मदद करेंगे।

विश्व रिकॉर्ड
यह एक्सप्रेसवे अभी यातायात के लिए खुला भी नहीं है, लेकिन इसने पहले ही गिनीज बुक आॅफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में जगह बना ली है। गुजरात में, पटेल इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी ने वडोदरा के हुसेपुर-सादण गांव और भरूच से 20 किमी दूर कैलोद गांव के पास 4-लेन की चौड़ाई वाले 2.58 किमी लंबे मार्ग पर पेवमेंट क्वालिटी कंक्रीट बिछाकर विश्व रिकॉर्ड बनाया है। पीक्यूसी बिछाने का काम 1 फरवरी, 2021 को सुबह 8 बजे शुरू हुआ और अगले दिन सुबह 8 बजे खत्म हुआ। कंक्रीट बिछाने के लिए 18.75 मीटर चौड़ी जर्मन निर्मित विर्टन मशीन का उपयोग किया गया था। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे ने भारतीय अर्थव्यवस्था पर बहुविध सफलता के नए आयाम खोले है।

देश का यह पहला सबसे लम्बा एक्सप्रेस-वे भारत के सामाजिक, आर्थिक बदलाव के लिए मील का पत्थर साबित होगा। यह एक्सप्रेसवे न केवल दो शहरों के बीच की दूरी को कम करेगा, बल्कि लोगों को विभिन्न अवसरों, विकास और सपनों की नई उड़ान भी प्रदान करेगा।
(लेखक इन्फ्रास्ट्रक्चर और सार्वजनिक नीति के स्वतंत्र विशेषज्ञ हैं)

Topics: भारत का सबसे हाईटेक हाईवेAhmedabad-Dholera Expressway in Ahmedabadअमदाबाद-धोलेरा एक्सप्रेसवेNational Capital New Delhiअमदाबाद में अमदाबाद-धोलेरा एक्सप्रेसवेTech Wala Expresswayराष्ट्रीय राजधानी नई दिल्लीतकनीक वाला एक्सप्रेसवेSariska Tiger ReserveMukundra Hills National Parkसरिस्का टाइगर रिजर्वRanthambore National Parkमुकुंदरा हिल्स नेशनल पार्कExpressway plansरणथंभौर राष्ट्रीय उद्यानIndia's most hi-tech highwayएक्सप्रेसवे की योजनाAhmedabad-Dholera Expressway
ShareTweetSendShareSend

संबंधित समाचार

पीलीभीत टाइगर रिजर्व में बाघ मित्र की भूमिका निभा रहे जागरुक युवा वन्य जीव और इंसानी टकराव रोकने में कारगर साबित हो रहे हैं, दूसरे वन क्षेत्रों में भी पीलीभीत मॉडल की मांग उठ रही है।

वन्य जीव-इंसानी संघर्ष रोकने में सफल हो रहे बाघ मित्र, पीलीभीत मॉडल की बाकी अभ्यारण्य में बढ़ी मांग

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

अभिनव कुमार होंगे उत्तराखंड के नए पुलिस प्रमुख

अभिनव कुमार होंगे उत्तराखंड के नए पुलिस प्रमुख

रानी की वाव, RBI, रानी की बावड़ी, Rani ki vav, rani ki vav facts hindi, rani ki vav story, rani ki vav history, रानी की वाव किसने बनवाया

100 रुपए के नोट पर छपी है रानी की वाव, क्या आप जानते हैं इसकी खासियत? जा सकते हैं घूमने

Uttar Pradesh Love jihad in Mainpuri

आरिफ ने पहले दोस्ती की, फिर कन्वर्जन, गैंगरेप, 3 बार गर्भपात और बच्ची की हत्या, रुला देगी हिंदू पीड़िता की कहानी

UK: दोराईस्वामी के बेबाक बोल-आतंकवाद पर अपनानी होगी ‘कभी न भूलो, कभी न माफ करो, आगे कभी न हो’ की नीति

UK: दोराईस्वामी के बेबाक बोल-आतंकवाद पर अपनानी होगी ‘कभी न भूलो, कभी न माफ करो, आगे कभी न हो’ की नीति

Supreme court

दिल्ली सरकार को सुप्रीम कोर्ट से झटका, मुख्य सचिव का कार्यकाल बढ़ाने की मंजूरी

पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के हत्यारे आतंकी तारा को दो घंटे की पेरोल

पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के हत्यारे आतंकी तारा को दो घंटे की पेरोल

PM Narendra modi attacks on congress in chhattisgarh

केंद्र सरकार ने 5 साल के लिए बढ़ाई PMGKAY, 80 करोड़ लोगों के लिए खुशखबरी

Pakistan: ‘गिलगित-बाल्टिस्तान से सौतेला बर्ताव नहीं स्वीकार’, सीमा पार लोगों में उबल रहा आक्रोश

Pakistan: ‘गिलगित-बाल्टिस्तान से सौतेला बर्ताव नहीं स्वीकार’, सीमा पार लोगों में उबल रहा आक्रोश

Amla Khane ke Fayde, benefits of amla, benefits of amla juice, benefits of eating amla, कच्चा आंवला खाने के फायदे, health tips, health tips hindi

दिल ही नहीं इन बीमारियों के लिए भी फायदेमंद है आंवला, आप भी कर सकते हैं इसका सेवन

Qatar में Israel और America के गुप्तचर प्रमुखों के बीच Ceasefire को लेकर हुआ बड़ा फैसला!

Qatar में Israel और America के गुप्तचर प्रमुखों के बीच Ceasefire को लेकर हुआ बड़ा फैसला!

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • संघ
  • राज्य
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • विज्ञान और तकनीक
  • खेल
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • साक्षात्कार
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • जीवनशैली
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • संविधान
  • पर्यावरण
  • ऑटो
  • लव जिहाद
  • श्रद्धांजलि
  • बोली में बुलेटिन
  • Web Stories
  • पॉडकास्ट
  • Vocal4Local
  • About Us
  • Contact Us
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • पत्रिका
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies