डीलिस्टिंग : "जो भोलेनाथ का नहीं, वो मेरी जात का नहीं", भोपाल में जुटे 40 जिलों के जनजातीय समाज के लोग
May 8, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

डीलिस्टिंग : “जो भोलेनाथ का नहीं, वो मेरी जात का नहीं”, भोपाल में जुटे 40 जिलों के जनजातीय समाज के लोग

महारैली में गर्जना, मतांतरित हो चुके लोगों को न दें योजनाओं का लाभ

by WEB DESK
Feb 10, 2023, 07:19 pm IST
in भारत
भोपाल में डीलिस्टिंग को लेकर जुटे जनजातीय समाज के लोग

भोपाल में डीलिस्टिंग को लेकर जुटे जनजातीय समाज के लोग

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

भोपाल। जो लोग जनजाति समाज की संस्कृति और पूजा-पद्धति से अलग हो गए हों, उन्हें नौकरियों, छात्रवृत्तियों में आरक्षण और शासकीय अनुदान का लाभ नहीं देने और ऐसे लोगों की डी-लिस्टिंग की मांग को लेकर जनजातीय समुदाय ने शुक्रवार को भोपाल के भेल दशहरा मैदान में डी-लिस्टिंग गर्जना महारैली निकाली। इसमें प्रदेश के जनजातीय समाज के 40 जिलों से हजारों लोग शामिल हुए। इसका आयोजन जनजाति सुरक्षा मंच की ओर से किया गया। रैली में जनजातीय समुदाय ने अपने हक के लिए हुंकार भरी और कहा कि मतांतरण करने वालों को आरक्षण समेत विभिन्न योजनाओं का लाभ नहीं मिलना चाहिए। जनजाति नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांग नहीं मानी गई तो वे दिल्ली कूच भी करेंगे।

जनजातीय सुरक्षा मंच के क्षेत्रीय संगठन मंत्री कालू सिंह मुजाल्दा ने कहा कि मतांतरित व्यक्ति को जनजाति के अधिकार नहीं मिलने चाहिए। ऐसे लोग, जो जनजातीय कोटे से नौकरी में आए और फिर मत परिवर्तन कर वनवासी परंपराओं-पूजा पद्धतियों को छोड़ दिया, उन्हें वनवासियों की सूची से हटाएं। यानी डी-लिस्टिंग की जाए। गांव-गांव में जाकर पंच से लेकर सांसदों और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलकर हमने समर्थन की मांग की है।

जनजातीय समागम में जनजाति सुरक्षा मंच के उपाध्याक्ष सत्येंद्र सिंह ने कहा कि वनवासियों के लिए चल रही योजनाओं का लाभ वे लोग भी ले रहे हैं, जो मतांतरण कर चुके हैं। यह गलत है। ईसाई वनवासी नहीं हैं क्योंकि वे उन परंपराओं को नहीं मानते हैं, जिन्हें वनवासी मानते हैं। हमारा समाज प्रकृति पूजक हैं। हम बलि देते हैं, पंचभूतों की पूजा करते हैं, ईसाई नहीं। मतांतरण कर चुके लोग वनवासियों की सूची में नहीं है। उनका लाभ लेना हमारे अधिकारों पर अतिक्रमण है।

जनजाति सुरक्षा मंच के प्रदेश संयोजक कैलाश निनामा ने कहा कि डी-लिस्टिंग सिर्फ आरक्षण से जुड़ा विषय नहीं बल्कि जनजातीय समाज के स्वाभिमान का विषय है। यह जनजातीय संस्कृति के संरक्षण और अस्तित्व की चिंता से जुड़ा हुआ विषय है। बाबूजी कार्तिक उरांव ने कांग्रेस सांसद रहते हुए 1967 में इस विषय पर चिंता जताई थी। आज जनजातीय समाज और पूरा देश जानना चाहता है कि आखिर वह क्या वजह थी कि जो सांसद देश की 85 प्रतिशत जनसंख्या का प्रतिनिधित्व कर रहे थे उनके समर्थन के बाद भी यह बिल आज भी संसद में लंबित है। इस पर संसद को पुन: विचार करके इस विधेयक को लागू करना चाहिए। हमें डी-लिस्टिंग के लिए पूरे देश का समर्थन एवं सहयोग चाहिए।

जो लोग वनवासी समाज की मूल पहचान, प्रकृति को छोड़कर चले गए हैं। जहां वे जनजातीय समाज की रूढ़ि परंपराओं को नहीं मानते हैं और जनजातीय अधिकारों पर अतिक्रमण करते हैं, इन्हें डी-लिस्टिंग किए जाने की मांग उठी है, क्योंकि वे अभी भी वनवासियों को मिलने वाले लाभ का फायदा उठा रहे हैं। इससे वनवासी पीछे छूट रहे हैं।

भेल दशहरा मैदान में कार्यक्रम के बाद समुदाय के लोगों ने गर्जना महारैली निकाली। इस रैली में लोग हाथों में झंडे, बैनर लेकर डी-लिस्टिंग की मांग करते हुए आगे बढ़े। सुरक्षा इंतजाम के मद्देनजर पुलिस ने अन्ना नगर रोड पर लोगों का आवागमन बंद कर दिया। रैली अन्ना नगर चौराहे पर पहुंची, जहां बाबा साहब आंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ इसका समापन हुआ।

Topics: जनजातीय समाजडीलिस्टिंगमतांतरण योजनाभोपाल में गर्जना महारैलीजनजातीय सुरक्षा मंच
Share7TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

घुसपैठ और कन्वर्जन के विरोध में लोगों के साथ सड़क पर उतरे चंपई सोरेन

घर वापसी का जोर, चर्च कमजोर

कन्वर्जन को लेकर ग्रामीणों ने पुलिस को दी शिकायत।

जनजातीय लोगों के कन्वर्जन की कोशिश,  सनातन धर्म की निंदा, 7 लोग हिरासत में

Jharkhand murder of a tribel women in love jihad case

Jharkhand Murder: जनजातीय समाज की महिला की गला रेतकर हत्या, अफसर अंसारी पर लव जिहाद और हत्या का आरोप

मां को गाली क्यों दी? जनजातीय युवती ने पूछा तो हामिद कुरैशी ने चाकू से किया जानलेवा हमला, इलाज के दौरान दीपाली की मौत

दोहरी मलाई को पहला झटका

गौरवमय अतीत मंगलमय भविष्य

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

राफेल पर मजाक उड़ाना पड़ा भारी : सेना का मजाक उड़ाने पर कांग्रेस नेता अजय राय FIR

घुसपैठ और कन्वर्जन के विरोध में लोगों के साथ सड़क पर उतरे चंपई सोरेन

घर वापसी का जोर, चर्च कमजोर

‘आतंकी जनाजों में लहराते झंडे सब कुछ कह जाते हैं’ : पाकिस्तान फिर बेनकाब, भारत ने सबूत सहित बताया आतंकी गठजोड़ का सच

पाकिस्तान पर भारत की डिजिटल स्ट्राइक : ओटीटी पर पाकिस्तानी फिल्में और वेब सीरीज बैन, नहीं दिखेगा आतंकी देश का कंटेंट

Brahmos Airospace Indian navy

अब लखनऊ ने निकलेगी ‘ब्रह्मोस’ मिसाइल : 300 करोड़ की लागत से बनी यूनिट तैयार, सैन्य ताकत के लिए 11 मई अहम दिन

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान की आतंकी साजिशें : कश्मीर से काबुल, मॉस्को से लंदन और उससे भी आगे तक

Live Press Briefing on Operation Sindoor by Ministry of External Affairs: ऑपरेशन सिंदूर पर भारत की प्रेस कॉन्फ्रेंस

ओटीटी पर पाकिस्तानी सीरीज बैन

OTT पर पाकिस्तानी कंटेंट पर स्ट्राइक, गाने- वेब सीरीज सब बैन

सुहाना ने इस्लाम त्याग हिंदू रीति-रिवाज से की शादी

घर वापसी: मुस्लिम लड़की ने इस्लाम त्याग अपनाया सनातन धर्म, शिवम संग लिए सात फेरे

‘ऑपरेशन सिंदूर से रचा नया इतिहास’ : राजनाथ सिंह ने कहा- भारतीय सेनाओं ने दिया अद्भुत शौर्य और पराक्रम का परिचय

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies