संस्कारहीन व्यवस्था का पतन
July 22, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम सम्पादकीय

संस्कारहीन व्यवस्था का पतन

यहां एक गंभीर सभ्यतागत प्रश्न पैदा होता है। पाकिस्तान की पुलिस, खैबर पख्तूनख्वा का प्रशासन, नई मस्जिद तो बना सकता है, लेकिन नए अस्पताल बनाना उसकी प्राथमिकता में नहीं था या क्षमता के बाहर था?

by हितेश शंकर
Feb 8, 2023, 09:25 am IST
in सम्पादकीय
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

पाकिस्तान के पेशावर में मस्जिद में हुए आतंकी हमले में बड़ी संख्या में लोग मारे गए। यह हमला पेशेवर आतंकवादी उमर खालिद खुरासानी के मारे जाने के बदले में किया गया था। मोहमंद दर्रा क्षेत्र में जन्मे इस आतंकवादी को कराची के मदरसों में ट्रेनिंग मिली थी और वह कश्मीर भेजे जाने वाले आतंकवादियों की जमात में शामिल था। लेकिन मोहमंद, कराची और जाहिर तौर पर पाकिस्तानी पंजाब में रहे इस आतंकी का नाम खुरासानी रखा गया था। वह खुद पाकिस्तानी सेना से भी निकटता से जुड़ा रहा था, और कुछ समय पहले पाकिस्तानी सेना के हाथों मारा गया था। इसी आतंकी के मारे जाने के जवाब में टीटीपी ने पेशावर की मस्जिद पर हमला किया था।
यह घटना बहुत सारे सवाल पैदा करती है।

आतंकवाद की फैक्ट्री शुरू कर देना सरल हो सकता है, लेकिन कब वह फैक्ट्री पलटवार करे, यह फैसला कर सकना संभव नहीं हो सकता। लोगों के और युवाओं के दिमाग को तर्कपूर्ण बातों से दूर रखना और उनके दिमाग में जन्नत के सपने भर देना, Good तालिबान और Bad तालिबान जैसी परिभाषाएं गढ़ सकना सरल हो सकता है, लेकिन यह सारे फितूर उतने ही तर्कहीन हैं जितने तर्कहीन इन फितूरों को मानने वाले होते हैं।

कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी। एक शब्द में कहें तो वह बात सिर्फ इतनी सी है कि हमारी हस्ती आत्म-आलंबित है। कर्मफल के सिद्धांत में विश्वास रखने वाले लोग और संस्कृतियां अपने अस्तित्व के लिए किसी की कृपा पर निर्भर नहीं होतीं।

जिस मस्जिद में यह हमला हुआ, वह कोई ऐतिहासिक मस्जिद नहीं थी। विस्फोट से मस्जिद ध्वस्त हो गई और घायलों को इलाज के लिए पेशावर के लेडी रीडिंग हॉस्पिटल ले जाना पड़ा। नाम से स्पष्ट है, इसे कभी भारत के वायसराय रहे रीडिंग की पत्नी के नाम पर अंग्रेजों ने बनवाया था। पेशावर में और भी अस्पताल हैं लेकिन किसी भी आपात स्थिति से निपटने में कोई भी अस्पताल सक्षम नहीं है।

यहां एक गंभीर सभ्यतागत प्रश्न पैदा होता है। पाकिस्तान की पुलिस, खैबर पख्तूनख्वा का प्रशासन, नई मस्जिद तो बना सकता है, लेकिन नए अस्पताल बनाना उसकी प्राथमिकता में नहीं था या क्षमता के बाहर था? आक्रांताओं को गौरवान्वित करने वाली सोच मोहमंद दर्रे में पैदा बच्चों का नाम वहां से डेढ़ हजार किलोमीटर दूर स्थित खुरासान के नाम पर खुरासानी तो रखवा सकती है, किन्तु पेशावर में धमाके होने से छलनी भी होती है।

क्या पाकिस्तान कल्पना भी कर सकता है कि अगर अंग्रेज न आए होते, कोई लेडी रीडिंग न रही होतीं, और फिर भी पाकिस्तान होता, क्या वह तब भी सैकड़ों लोगों की मरहम-पट्टी एक साथ करने की स्थिति में होता? क्या पाकिस्तान यह सोच कर आतंकवादी तैयार करता रहा था कि वे कश्मीर में कत्लेआम मचाएंगे और उसके बाद या तो वही समाप्त हो जाएंगे या अपने घर चले जाएंगे? क्या पाकिस्तान यह सोचता रहा कि कोई अंग्रेज आएगा, और पाकिस्तान में रेल, सड़क, अस्पताल बना देगा?

भले दुखद हो, लेकिन पूरी बात समझने के लिए अवसर प्रासंगिक है। आज पाकिस्तान ‘रोज कुआं खोदने..’ के हाल में है। विदेशी मुद्रा कमाना, निर्यात बढ़ाना आदि जो भी बातें आमतौर पर अर्थव्यवस्था के लिए कही जाती हैं, वे पाकिस्तान पर अब लागू ही नहीं हो सकतीं। उसके सामने संकट यह है कि कोई उसे दान-जकात में कुछ देगा या नहीं? कमाना, जुटाना और श्रम या अधिकारपूर्वक अर्जित करना – यह सारे मार्ग उसके लिए बंद से हैं।

यह सभ्यतागत पतन है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने भारतीय दर्शन की जो मीमांसा रखी, वह सिर्फ भारत या पाकिस्तान या किसी और देश के लिए नहीं, बल्कि समूची मानवता के लिए है। उपभोग को संतुलित और नियंत्रित रखना तो एक बात है, उपभोग के लिए पात्र होना, आय का सृजन करना भी उतना ही आवश्यक है। दीनदयालजी ने कहा था कि (आर्थिक) समस्या केवल अर्थ का अभाव (गरीबी) ही नहीं है, बल्कि उसमें उत्पादन में वृद्धि, वितरण में समता तथा उपभोग में संयम का त्रि-सूत्री समीकरण निहित है।

जाहिर है, बिना कमाए किया जाने वाला उपभोग अंत में पूरे समाज को ही ऐसे मोड़ पर लाकर खड़ा कर देता है, जहां उसके सामने किसी की दया पर निर्भर होने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता। साफ है कि समस्या के मर्म में वह राजनीतिक अवधारणा है, जो बिना कुछ किए धरे सब कुछ मिलने, देने और पाने के सपने दिखा कर क्षणिक तौर पर भले तेजी से लहलहाती हो, दीर्घकाल में, बल्कि मात्र 75 वर्ष की मध्यम अवधि में नासूर बनकर खड़ी हो जाती है।

सोवियत संघ को तो इतना भी समय नहीं मिला। इतिहास साक्षी है कि वही सामाजिक-आर्थिक-राजनीतिक संरचनाएं टिकती हैं, जो भौतिक ही नहीं बल्कि अपनी धारणा, संस्कृति और दर्शन के लिहाज से भी परिपूर्ण रही हों। अल्लामा इकबाल भी यह सोचकर चकित थे कि सारे जमाने की ईर्ष्या झेलने के बावजूद भारत का कभी कोई बाल बांका क्यों नहीं कर सका?

कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी। एक शब्द में कहें तो वह बात सिर्फ इतनी सी है कि हमारी हस्ती आत्म-आलंबित है। कर्मफल के सिद्धांत में विश्वास रखने वाले लोग और संस्कृतियां अपने अस्तित्व के लिए किसी की कृपा पर निर्भर नहीं होतीं। वे किसी को Colonise  नहीं करतीं, लेकिन स्वयं को De- Colonise करना जानती हैं।
यही बात थी, अल्लामा!

@hiteshshankar

Topics: Administration of Khyber Pakhtunkhwaआतंकवादी उमर खालिद खुरासानीPakistan 'Digging wells everyday..'आतंकवाद की फैक्ट्रीTraining in Madrassas of Karachiपाकिस्तान की पुलिसfall of uncultured systemखैबर पख्तूनख्वा का प्रशासनपाकिस्तान ‘रोज कुआं खोदने..’कराची के मदरसों में ट्रेनिंगMasjid in PeshawarTerrorist Umar Khalid KhurasaniFactory of TerrorismPolice of Pakistanपेशावर में मस्जिद
Share1TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

बोए पेड़ बबूल का…

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति पद से दिया इस्तीफा

जगदीप धनखड़ : किसान परिवार में जन्म, सैनिक स्कूल में पढ़ाई, उपराष्ट्रपति तक का सफर

देवेंद्र फडणवीस, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री

‘मेरे जन्मदिन पर होर्डिंग पर पैसा खर्च न करें, मुख्यमंत्री सहायता निधि में करें दान’, फडणवीस की कार्यकर्ताओं से अपील

जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति पद से दिया इस्तीफा

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने दिया इस्तीफा

राजेश्वर सिंह, भाजपा विधायक

कन्वर्जन रोकने के लिए और कड़े कानून बनाए जाएं, भाजपा विधायक ने की मांग

मुंबई लोकल ट्रेन ब्लास्ट मामले में हाई कोर्ट के फैसले के बाद पत्रकारों को जानकारी देते मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस

मुंबई ट्रेन सीरियल ब्लास्ट केस: बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी महाराष्ट्र सरकार

सैनिक स्कूल में एयर मार्शल सुनील काशीनाथ विधाते, एवीएसएम, वाईएसएम, वीएम का किया गया अभिवादन

उत्तराखंड: एयर मार्शल सुनील काशीनाथ विधाते जब पहुंचे सैनिक स्कूल…

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी

मानसून सीजन में सभी अधिकारी 24 घंटे अलर्ट मोड में रहें, सीएम धामी ने अधिकारियों को दिए निर्देश

पुणे: खरी भाषा, खरी बात

पुलिस की गिरफ्त में आरोपी।

पश्चिमी यूपी में दंगे भड़काने की साजिश, कांवड़ यात्रा और बजरंग दल थे निशाने पर, पाकिस्तान का वीडियो किया वायरल

भारतीय मजदूर संघ के अखिल भारतीय अध्यक्ष हिरन्मय पंड्या ने सोमवार को दिल्ली के केशव कुंज में पत्रकार वार्ता की।

भारतीय मजदूर संघ के गौरवशाली 70 वर्ष : कार्यक्रम में RSS प्रमुख होंगे मुख्य अतिथि

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • जीवनशैली
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies