दिल्ली विश्वविद्यालय हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी अपना दीक्षांत समारोह आयोजित कर रहा है जिसमें वर्षों से चली आ रही पाश्चात्य परम्परा को त्याग दिया जाएगा। इस बार का दीक्षांत समारोह इसलिए खास होगा क्योंकि विद्यार्थी अंग्रेजों के समय से चले आ रहे गाउन की जगह अब भारतीय अंगवस्त्रों में नजर आएंगे।
बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय का 99वां दीक्षांत समारोह 25 फरवरी को आयोजित होगा जिसमे शामिल होने के दौरान छात्रों को भारतीय अंगवस्त्र धारण करने का आग्रह किया गया है।
वहीं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने भी दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन के इस आग्रह का स्वागत कर कहा है कि विश्वविद्यालय का ये कदम छात्र हित में तथा भारतीय संस्कृति को पुनर्जागृत एवं अंगीकार करना है जिसपर अंग्रेजी आधिपत्य के समय अंग्रेजों ने अपनी छाप डाल दी थी। इससे छात्रों के मन में भारतीय संस्कृति की जड़े मजबूत होगी।
अभाविप के दिल्ली के प्रदेश मंत्री अक्षित दहिया ने विश्वविद्यालय के इस कदम पर खुशी जाहिर करते हुए विश्वविद्यालय के इस निर्णय को ऐतिहासिक तथा भारतीय संस्कृती को मजबूती प्रदान करने वाला निर्णय है।
इसके आलावा अभाविप ने दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा प्रत्येक महाविद्यालयों में प्रत्येक कोर्स के लिए एक अनाथ छात्र तथा एक अनाथ छात्रा को मुफ़्त में शिक्षा देने के निर्णय का स्वागत कर कहा कि विश्वविद्यालय के इस निर्णय से शिक्षा की सुविधाओं से वंचित हजारों छात्र लाभान्वित होंगे एवं शिक्षा प्राप्त कर देख के विकास में कार्य कर सकेंगे।
अभाविप के उत्तर क्षेत्र के राष्ट्रीय मंत्री मुस्तफा अली ने कहा, ” अनाथ छात्रों हेतु लिया गया यह फैसला पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी के अंत्योदय के विचार को आगे बढ़ाने वाला है। यह छात्र दिल्ली विश्वविद्यालय की उच्च स्तरीय शिक्षा प्राप्त कर देश के विकास में योगदान दे सकेंगे।”
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