प्रदीप सरदाना
भारत रत्न लता मंगेशकर जी ने कल्याणजी-आनंदजी की जोड़ी के संगीत निर्देशन में लगभग 350 गीत गाये। आनंदजी बताते हैं – ‘’लता मंगेशकर बरसों मेरी पड़ोसी रहीं। इसलिए भी लता जी से हमारे हमेशा अच्छे संबंध रहे। उनके लिए मैं एक वाक्य में कुछ कहूं तो यह कि वह सदाबहार महिला थीं। हमारे साथ उन्होंने करीब 350 गीत गाए। एक से एक शानदार, यादगार। वह हमेशा दिल से काम करती थीं। हमारे साथ उनका कभी कोई मनमुटाव नहीं हुआ। हालांकि कुछ लोग कहते थे कि वह नखरे दिखाती हैं। रेकॉर्डिंग अंतिम समय पर रद्द कर देती हैं। लेकिन मैंने देखा, कुछ लोग अपना दोष दूसरों के सर मढ़ देते हैं। आप किसी को तय करके समय से पैसे नहीं दोगे तो वह आपकी रेकॉर्डिंग क्यों करेगा।
मुझे उनकी एक बात हमेशा याद आती है कि उन्हें बुखार था और हमारे लिए उसी दिन रेकॉर्डिंग करना जरूरी था। मैंने उनसे अपनी मजबूरी बताते हुए कहा कुछ देर के लिए आ सकें तो आ जाएं। हम जल्दी काम खत्म करके आपको जल्दी फ्री कर देंगे। हमारी मजबूरी समझ वह आ गईं। बुखार में ही उन्होंने वह गाना रिकॉर्ड किया। दिलचस्प बात यह है कि बुखार में गाए उनके गीत के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ गायिका का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला। वह गीत था फिल्म ‘कोरा कागज’ का, ‘रूठे-रूठे पिया को मनाऊं कैसे।’
आनंदजी ने एक बड़ी बात यह भी बताई – ‘कुछ गायिकाएं लता जी पर आरोप लगाती रहीं कि वह नई गायिकाओं को सामने नहीं आने देती थीं। लेकिन इस बात में कोई सच्चाई नहीं है। हमने खुद नई गायिकाओं को मौके दिए लेकिन उन्होंने कभी हमसे अपनी नाराजगी नहीं जताई। असल में हम सभी को बेस्ट चाहिए। जब लता के रूप में हमारे पास सर्वश्रेष्ठ मौजूद है तो हम किसी और को क्यों लेंगे। लता जी के समय कितनी ही नई गायिकाएं आईं, कुछ काफी चलीं, आज भी चल रही हैं। क्योंकि उनमें प्रतिभा है। लेकिन जिसमें प्रतिभा नहीं है, उसने लता जी पर चाहे कितनी ही अंगुलियां उठाईं, उसे काम नहीं मिला और वे बरसों से गुमनामी में घर बैठी हैं।’
लता मंगेशकर जी को मिले ये सम्मान
- फिल्म फेयर पुरस्कार (1958, 1962, 1965, 1969, 1993 और 1994)
- राष्ट्रीय पुरस्कार (1972, 1975 और 1990)
- महाराष्ट्र सरकार पुरस्कार (1966 और 1967)
- 1969 – पद्म भूषण
- 1974 – दुनिया में सबसे अधिक गीत गाने का गिनीज बुक रिकॉर्ड
- 1989 – दादा साहब फाल्के पुरस्कार
- 1993 – फिल्म फेयर का लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार
- 1996 – स्क्रीन का लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार
- 1997 – राजीव गांधी पुरस्कार
- 1999 – एन.टी.आर. पुरस्कार
- 1999 – पद्म विभूषण
- 1999 – जी सिने का लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार
- 2000 – आईआईएएफ का लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार
- 2001 – स्टारडस्ट का लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार
- 2001 – भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान “भारत रत्न”
- 2001 – नूरजहाँ पुरस्कार
- 2001 – महाराष्ट्र भूषण
- 2002: आशा भोंसले पुरस्कार (प्रथम प्राप्तकर्ता)
- 2004: फिल्मफेयर स्पेशल अवॉर्ड
- 2007: फ्रांस सरकार का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार
- (आफिसर आफ द लीजन आफ आनर)
- 2008: लाइफटाइम अचीवमेंट के लिए वन टाइम अवॉर्ड
- 2009: एएनआर राष्ट्रीय पुरस्कार
- 2019: भारत सरकार ने 90वें जन्मदिन पर उन्हें डॉटर आफ द नेशन अवॉर्ड से सम्मानित किया
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