हल्द्वानी रेलवे जमीन और बनभूलपुरा पर अतिक्रमण का मामला अभी ठंडा नहीं पड़ा है। इधर बनभूलपुरा क्षेत्र में अवैध रूप से बिल्डिंग बनाने की शिकायत आई, जिसके बाद मौके पर पहुंचे कुमायूं आयुक्त और आईजी पुलिस के सामने ही अवैध निर्माण करने वालों के साथ भीड़ जमा हो गई और पथराव करने लगी। जिसके बाद पुलिस ने लाठियां भांजी और भीड़ को तितर बितर किया। वहीं, निर्माणधीन इमारत को जेसीबी से गिरवा दिया।
इस घटना को प्रशासन ने एक रिहर्सल के रूप में आजमाया और पूरे घटना क्रम की सीसीटीवी फुटेज के आधार पर बवाल कर रहे लोगों को चिन्हित करके उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। कुमायूं आयुक्त दीपक रावत ने कहा है कि पथराव बवाल करने वालों के साथ कोई रियायत नहीं बरती जाएगी, उन्हें चिन्हित करके जेल भेजा जाएगा।
नजूल भूमि पर अवैध निर्माण करने वाले हाजी मोहम्मद इरशाद, सरफराज अहमद और मोहम्मद सलीम पर नगर निगम के आयुक्त द्वारा बनभूलपुरा थाने में मामला दर्ज कराया गया है, जिसमें नगर निगम कर्मियों पर हमला करने, जेसीबी पर पथराव करने, अवैध निर्माण स्थल में खनिज की चोरी कर उसे छुपाने जैसे आरोप लगाए गए हैं। नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय ने उपरोक्त तीन आरोपियों के साथ-साथ उनके रिश्तेदार मोहम्मद गुरफान, अब्दुल वफा और उनके दो सौ समर्थको को भी नामजद किया है, जिन्होंने भीड़ को बलवा करने के लिए उकसाया। निगम प्रशासन ने सफाई कर्मियों पर भी हमला करने के आरोप लगाए हैं, जिसके आधार पर एससी एक्ट के तहत कानूनी कार्रवाई किए जाने का प्रावधान है। जिला विकास प्राधिकरण के सचिव की तरफ से भी अवैध निर्माण करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
उल्लेखनीय है बनभूलपुरा क्षेत्र में आम तौर पर पुलिस प्रशासन किसी भी तरह की कार्रवाई करने से कतराता है क्योंकि जब-जब प्रशासन ने यहां सख्ती की तब-तब यहां उन्हें भीड़ का विरोध सहना पड़ा है। इस कार्रवाई को पुलिस प्रशासन के एक रिहर्सल के तौर पर भी देखा जा रहा है। रेलवे अतिक्रमण मामले के विरोध के बाद यहां के क्षेत्र में अवैध निर्माण की बाढ़ सी आ गई है। इसी को रोकने के लिए कुमायूं आयुक्त दीपक रावत और आईजी डॉ नीलेश भरणे खुद मौके पर पहुंचे, जहां सात स्थानों पर अवैध निर्माण हो रहे थे। जिन्हें ध्वस्त करने के आदेश कुमायूं आयुक्त ने मौके पर ही दिए।
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