टूलकिट है बीबीसी
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

टूलकिट है बीबीसी

औपनिवेशिक मानसिकता वाला बीबीसी गोधरा के बाद हुए दंगों पर एक डॉक्यूमेंट्री के माध्यम से दोबारा दुष्प्रचार को हवा दे रहा है। इस डॉक्यूमेंट्री को ब्रिटिश प्रधानमंत्री सुनुक और सांसद तक खारिज कर चुके हैं। अगले वर्ष भारत में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। यह तो शुरुआत है...

by चंद्रप्रकाश
Jan 30, 2023, 09:58 am IST
in भारत, विश्लेषण, गुजरात
गोधरा में जिहादियों ने ट्रेन में आग लगा दी थी। इस ट्रेन में सवार 59 कार सेवकों की मौत हो गई थी (फाइल चित्र)

गोधरा में जिहादियों ने ट्रेन में आग लगा दी थी। इस ट्रेन में सवार 59 कार सेवकों की मौत हो गई थी (फाइल चित्र)

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

कहावत है—रस्सी जल गई, लेकिन ऐंठन नहीं गई। विश्व की सबसे बड़ी औपनिवेशिक शक्ति ब्रिटेन के साथ इन दिनों कुछ यही हो रहा है। बिजली और गैस के बिल लगभग दोगुना बढ़ चुके हैं। अर्थव्यवस्था की हालत खराब है। देश को संभालने के लिए भारतीय मूल के एक हिंदू को प्रधानमंत्री पद पर स्वीकार करना पड़ा। स्पष्ट रूप से इसकी ही खीझ है कि ब्रिटेन के सरकारी चैनल बीबीसी ने दो भागों में एक डॉक्यूमेंट्री का प्रसारण किया। इसका उद्देश्य गुजरात दंगों को लेकर उस दुष्प्रचार को दोबारा हवा देना था, जिसकी पोल बहुत पहले खुल चुकी है। लेकिन बीबीसी ऐसा क्यों कर रहा है? उसके पीछे कौन-सी शक्तियां हैं? इस बात को समझने के लिए बीबीसी के इतिहास को समझना होगा, लेकिन पहले बात वर्तमान विवाद की।

डॉक्यूमेंट्री में क्या है?
‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ नाम की इस डॉक्यूमेंट्री में वर्ष 2002 में हुए गोधरा हत्याकांड और उसके बाद हुए सांप्रदायिक दंगों की कहानी है। डॉक्यूमेंट्री में यह सिद्ध करने का प्रयास किया गया है कि गोधरा कांड के बाद निर्दोष मुसलमान ‘हिंदू अतिवाद’ का शिकार हुए और तत्कालीन नरेंद्र मोदी सरकार ने जान-बूझकर पुलिस कार्रवाई को रोका। बीबीसी ने यह दावा ब्रिटिश विदेश विभाग की एक अप्रकाशित रिपोर्ट के आधार पर किया है। यह रिपोर्ट ब्रिटिश विदेश विभाग के एक राजनयिक द्वारा ‘लिखी’ गई है। अर्थात् यह उसका निजी विचार है। संभवत: यही कारण था कि ब्रिटिश विदेश विभाग ने इसे प्रकाशन योग्य नहीं समझा।

ये हैं भारत विरोधी अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थान

  •  बीबीसी, ब्रिटेन
  •  अल जजीरा, कतर
  • न्यूयॉर्क टाइम्स, अमेरिका
  •  वॉशिंगटन पोस्ट, अमेरिका
  •  वॉलस्ट्रीट जर्नल, अमेरिका
  •  द गार्जियन, ब्रिटेन
  •  ग्लोबल टाइम्स, चीन
बीबीसी पीत पत्रकारिता के कुछ नमूने

डॉक्यूमेंट्री में 10 झूठ

1. डॉक्यूमेंट्री वर्ष 2021 में हरिद्वार में हुई धर्म संसद में दिए गए भाषणों से आरंभ होती है। ऐसा जताया गया है, मानो इन्हीं के कारण गुजरात में दंगे हुए थे।
2. गोधरा में कारसेवकों से भरी ट्रेन जलाने की घटना को संदिग्ध बताते हुए कहा गया है, ‘‘यह निश्चित नहीं था कि आग किसने लगाई। हिंदू बहुसंख्यकों ने इसका दोष मुसलमानों पर डाल दिया।’’
3. गुजरात दंगों में बड़ी संख्या में हिंदू भी मारे गए और घायल हुए, लेकिन उन पर इसमें कोई बात नहीं की गई है।
4. गुजरात के सभी हिंदुओं को दंगाई, अतिवादी और मुस्लिमों को पीड़ित के रूप में चित्रित किया गया है।
5. अरुंधती रॉय, आकार पटेल, हरतोष बल जैसे लोगों के वक्तव्यों को आधार बनाया गया है, जिनकी विश्वसनीयता स्वयं संदिग्ध है।
6. गुजरात के दंगे, जिन पर सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय आ चुका है, उस पर केंद्र सरकार कोई उत्तर देने के लिए बाध्य नहीं है।
7. डॉक्यूमेंट्री में किए दावों पर दूसरा पक्ष जानने का कोई प्रयास नहीं किया गया है। भाजपा नेता और पत्रकार स्वप्नदास गुप्ता से पूछे गए प्रश्न भी उन आरोपों के संदर्भ में नहीं हैं।
8. गुजरात दंगों पर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित एसआईटी की जांच और न्यायिक निर्णयों के संदर्भ को बड़ी चालाकी से गायब कर दिया गया है।
9. कुछ नए प्रत्यक्षदर्शियों को पैदा किया गया है। वे भी सुनी-सुनाई बातें दोहराते हैं। पुराने प्रत्यक्षदर्शियों के बयान अदालत में झूठ सिद्ध हो चुके हैं।
10. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को नकारात्मक रूप में प्रस्तुत किया गया है। नरेंद्र मोदी के संघ का स्वयंसेवक होने की बात इस तरह बताई गई है, मानो यह कोई अपराध हो।

आपत्तियों का आधार
बीबीसी ने वक्तव्य जारी करके कहा है, ‘‘हमने इस वृत्तचित्र के लिए उच्चतम संपादकीय मानकों का पालन करते हुए गहन शोध किया है। कई प्रत्यक्षदर्शियों, विश्लेषकों और सामान्य लोगों से बात की है। इसमें भाजपा से जुड़े लोग भी हैं। हमने भारत सरकार को इस पर अपना पक्ष रखने का अवसर दिया, लेकिन उसने उत्तर देने से मना कर दिया।’’ यह वक्तव्य ही विरोधाभासों से भरा हुआ है। बीबीसी के ‘उच्चतम संपादकीय मानक’ कितने निम्न और स्तरहीन हैं, वह इसी से पता चलता है कि उसकी डॉक्यूमेंट्री का आधार एक ऐसी रिपोर्ट है जिसे स्वयं ब्रिटिश सरकार ही विश्वसनीय नहीं मानती। यह कोई जांच रिपोर्ट नहीं, बल्कि इसे यहां-वहां सुनी-सुनाई बातों के आधार पर लिखा गया था।

अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त अभिनेता कबीर बेदी के शब्दों में, ‘‘यह दावा पूरी तरह पक्षपातपूर्ण है कि भारत किसी धार्मिक उथल-पुथल में है। ये विवाद लंबे समय पहले न्यायालयों द्वारा सुलझाए जा चुके हैं। यह ‘गटर जर्नलिज्म’ से अधिक कुछ नहीं है।’’ फिल्म में जिन कथित विश्लेषकों से बात की गई है, उनमें अधिकांश वही हैं, जो बीते दो दशक से यही प्रोपगेंडा चला रहे हैं। जैसे- अरुंधती रॉय, आकार पटेल और ब्रिटेन के पूर्व विदेश मंत्री जैक स्ट्रॉ।

निशाने पर लोकसभा चुनाव
प्रथमदृष्टया अधिकांश लोग मानते हैं कि बीबीसी ने यह डॉक्यूमेंट्री 2024 के लोकसभा चुनावों को प्रभावित करने के उद्देश्य से बनाई है। वास्तव में यह इसके उद्देश्यों का सरलीकरण है। वे बखूबी जानते हैं कि एक डॉक्यूमेंट्री नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री चुने जाने से नहीं रोक सकती। उनका प्रयास प्रधानमंत्री और उनके नेतृत्व में भारतीयों की बढ़ती शक्ति को बाधित करना है। भारत 2022 के उत्तरार्ध में ब्रिटेन को पछाड़कर 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। ब्रिटेन भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौता करना चाहता है। भारत जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है। ऐसे में भारत विरोधी दुष्प्रचार से यदि किसी को क्षति पहुंच सकती है तो वह स्वयं ब्रिटिश सरकार ही है।
ब्रिटिश संसद के उच्च सदन हाउस आफ लॉडर््स के प्रमुख सदस्य रामी रेंजर ने इसी बात का हवाला देते हुए बीबीसी के महानिदेशक को पत्र लिखकर विरोध जताया है। उन्होंने कहा है कि ‘‘बीबीसी ने एक अरब से अधिक भारतीयों को बहुत आहत किया है।’’ प्रधानमंत्री ऋषि सुनक तो संसद में खड़े होकर डॉक्यूमेंट्री में कही बातों से असहमति व्यक्त कर चुके हैं। पाकिस्तानी मूल के सांसद इमरान हुसैन ने ब्रिटिश संसद में बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री का मुद्दा उठाया था। इस पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा कि वे डॉक्यूमेंट्री में भारतीय प्रधानमंत्री के ‘चरित्र चित्रण से सहमत नहीं हैं।’

बीबीसी की पुरानी बीमारी
ब्रिटिश करदाताओं के पैसे पर चलने वाले बीबीसी और वहां काम करने वाले पत्रकारों को आज भी यही लगता है कि भारत उनका उपनिवेश है। इस मानसिकता को उनकी रिपोर्टिंग में स्पष्ट देखा जा सकता है। रेडियो की हिंदी प्रसारण सेवा, वेबसाइट व टीवी चैनलों पर भारत से जुड़े समाचारों में पूर्वाग्रह झलकता है। अनुच्छेद 370 हटे चार साल होने वाले हैं, लेकिन बीबीसी आज भी जम्मू-कश्मीर को ‘भारत प्रशासित क्षेत्र’ लिखता है। अरुणाचल और उत्तर-पूर्व को लेकर भी बीबीसी आपत्तिजनक रिपोर्टिंग करता रहा है। कुछ समय पूर्व बीबीसी ने भारतीय सरकारी कंपनी जीवन बीमा निगम को लेकर फेक न्यूज फैलाई थी। उसने दावा किया था कि एलआईसी कंगाल हो चुका है, जबकि एलआईसी की आर्थिक स्थिति बिल्कुल ठीक है। कभी कोई समस्या आए भी तो भी सरकार इसके निवेशकों को संप्रभु गारंटी देती है। जिन दिनों कोविड की दवा हाइड्रोक्लोरोक्विन और पैरासिटामोल के लिए ब्रिटेन सरकार भारत के आगे कटोरा लिए खड़ी थी, तब बीबीसी के दिल्ली स्थित पत्रकार चेहरे पर मास्क लगाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्णय की खिल्ली उड़ा रहे थे। बीबीसी हिंदी ने एक कार्टून छापा था, जिसमें दिखाया गया कि गरीब भारतीयों को अपने तन के वस्त्र फाड़कर मास्क बनाने पड़ेंगे। कोरोना काल में बीबीसी द्वारा फैलाई गई भारत विरोधी फेक न्यूज को भुलाया नहीं जा सकता।

बीबीसी की इन खबरों को भी पढ़ें-

Topics: Rashtriya Swayamsevak SanghGodhra Massacreधर्म संसदAnti-India Fake NewsParliament of Religionsगुजरात दंगों परDocumentaryगठित एसआईटी की जांचडॉक्यूमेंट्रीब्रिटिश प्रधानमंत्री सुनुकटूलकिट है बीबीसीगोधरा हत्याकांडभारत विरोधी फेक न्यूजसर्वोच्च न्यायालयBritish Prime Minister Sunukराष्ट्रीय स्वयंसेवक संघToolkit is BBC
Share7TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

मौत के बाद भी कई जिंदगियों को जीवन दे गई कुसुम

मणिपुर में सम्पन्न हुआ संघ शिक्षा वर्ग 2025 : 7 जिलों के 71 स्वयंसेवकों ने 15 दिनों तक लिया राष्ट्र सेवा का प्रशिक्षण

पुस्तक का लोकार्पण करते श्री मोहनराव भागवत। साथ में हैं (बाएं से) स्वामी विज्ञानानंद, प्रो. योगेश सिंह और स्वामी कृष्णशाह विद्यार्थी

‘आध्यात्मिक चेतना का सजीव रूप है धर्म’

मुसलमानों का एक वर्ग वक्फ संशोधन कानून के समर्थन में

वक्फ संशोधन विधेयक : रसातल में कांग्रेस!

अभियान के दौरान पौधारोपण करते कार्यकर्ता

किशनगंज में पर्यावरण रक्षा अभियान

अभाविप कार्यालय का उद्घाटन करते श्री मोहनराव भागवत

अभाविप के कार्यालय ‘यशवंत परिसर’ का उद्घाटन

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान बोल रहा केवल झूठ, खालिस्तानी समर्थन, युद्ध भड़काने वाला गाना रिलीज

देशभर के सभी एयरपोर्ट पर हाई अलर्ट : सभी यात्रियों की होगी अतिरिक्त जांच, विज़िटर बैन और ट्रैवल एडवाइजरी जारी

‘आतंकी समूहों पर ठोस कार्रवाई करे इस्लामाबाद’ : अमेरिका

भारत के लिए ऑपरेशन सिंदूर की गति बनाए रखना आवश्यक

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ

भारत को लगातार उकसा रहा पाकिस्तान, आसिफ ख्वाजा ने फिर दी युद्ध की धमकी, भारत शांतिपूर्वक दे रहा जवाब

‘फर्जी है राजौरी में फिदायीन हमले की खबर’ : भारत ने बेनकाब किया पाकिस्तानी प्रोपगेंडा, जानिए क्या है पूरा सच..?

S jaishankar

उकसावे पर दिया जाएगा ‘कड़ा जबाव’ : विश्व नेताओं से विदेश मंत्री की बातचीत जारी, कहा- आतंकवाद पर समझौता नहीं

पाकिस्तान को भारत का मुंहतोड़ जवाब : हवा में ही मार गिराए लड़ाकू विमान, AWACS को भी किया ढेर

पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर से लेकर राजस्थान तक दागी मिसाइलें, नागरिक क्षेत्रों पर भी किया हमला, भारत ने किया नाकाम

‘ऑपरेशन सिंदूर’ से तिलमिलाए पाकिस्तानी कलाकार : शब्दों से बहा रहे आतंकियों के लिए आंसू, हानिया-माहिरा-फवाद हुए बेनकाब

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies