उत्तराखंड सरकार ने जोशीमठ में धंसाव वाले क्षेत्र से असुरक्षित भवनों को गिराने का काम शुरू कर दिया है। पहले चरण में सरकारी भवन गिराए जा रहे हैं। धामी सरकार ने फैसला लिया है कि जिस तरह से केदारनाथ का पुनर्निर्माण किया गया वैसे ही जोशीमठ का कार्य किया जाएगा, जिसमें विशेषज्ञों की राय ली जा रही है।
जेपी कॉलोनी के मकान ध्वस्त होंगे
उत्तराखंड के आपदा प्रबंधन सचिव डॉ रंजीत सिन्हा ने बताया है कि जोशीमठ में असुरक्षित भवनों की संख्या नौ सौ के आसपास पहुंच गई है। जोशीमठ में जेपी कॉलोनी के सिंहधार, सुनील इलाके में नुकसान ज्यादा है और हाथीपांव तक विशेषज्ञों के दल ने अपना सर्वे के काम पूरे कर लिए हैं। पीएमओ द्वारा भी एक दल यहां सर्वे कर के गया है। जो रिपोर्ट्स हमे मिली है उसके आधार पर ये कहा जा सकता है कि जेपी कॉलोनी के असुरक्षित मकानों को ढहाए जाने का काम पहले शुरू होगा।
भूकंप रोधी फैब्रिकेटेड घरों के मॉडल तैयार
उत्तराखंड सरकार ने जापानी तकनीक पर आधारित भूकंप रोधी फैब्रिकेडेट भवनों का निर्माण के लिए कमर कस ली है। इसके चार मॉडल तैयार हो गए हैं, प्रभावित परिवार इन्हीं मॉडल में से अपने लिए मकान पसंद करेंगे और निर्माण एजेंसी इसे एक हफ्ते में तैयार करके दे देगी। सरकार ने सुरक्षित भूमि का चयन भी कर लिया है, प्रभावितों के जितने कमरे के मकान थे उसी आधार पर ये मकान बना कर दिए जाएंगे, करीब बीस साल की गारंटी वाले ये मकान पहाड़ों के लिए सर्वश्रेष्ठ माने जाते हैं।
केदारनाथ की तरह होगा पुनर्निर्माण का काम
जानकारी के मुताबिक सीएम धामी और पीएम मोदी की जोशीमठ आपदा के विषय में बात हुई है उसके बाद ही सीएमओ से एक विशेषज्ञ दल यहां आया और उच्च तकनीक से उन्होंने प्रभावित क्षेत्र का अध्ययन किया है। खबर है कि जोशीमठ में पहले जर्जर भवनों को ध्वस्त किया जाएगा। दरारों को पाटा जाएगा। साथ ही स्थानीय प्रभावित परिवारों को मुआवजा देकर उन्हें सुरक्षित क्षेत्रों में बसाया जाएगा। उसके बाद निर्माण एजेंसियां अपना काम करेंगी।
राहत वितरण के काम की गति तेज
जोशीमठ में अभी तक 466 परिवारों के बीच प्रत्येक परिवार को डेढ़ लाख की रकम जोकि करीब तीन करोड़ रुपए से अधिक है, वितरित की जा चुकी है। जोशीमठ में रहने वाले किराएदारों और अनाधिकृत कब्जेदारों में प्रत्येक को 50 हजार रुपए की रकम दी जा रही है।
मुआवजा के लिए केंद्र से बातचीत
सीएम धामी दिल्ली में हैं, उन्होंने बताया कि प्रभावित मुआवजे के लिए केंद्र से बात हो रही है। पीएम मोदी को भी जोशीमठ की चिंता है वे खुद इसकी जानकारी लेते रहते हैं। उम्मीद है एक बार प्रभावितों की फाइनल संख्या आने पर किसी राहत पैकेज की घोषणा की जाएगी।
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