हरिद्वार के रूड़की में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उत्तराखंड प्रान्त का पांच दिवसीय स्वर साधक संगम (घोष प्रशिक्षण वर्ग) रूड़की में समापन हुआ। समापन समारोह में स्वर साधकों को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय प्रचार प्रमुख पदम ने कहा कि समाज में सब जगह अच्छे लोगों की आवश्यकता है, लेकिन इसके लिए समय-समय पर संघ में स्वयंसेवकों को सामूहिक प्रशिक्षण की आवश्यकता रहती है। आज संघ के स्वयंसेवक संघ संस्थापक डॉक्टर हेडगेवार द्वारा विकसित अभिनव पद्धति कार्यकर्ता निर्माण की प्रयोगशाला शाखा से अच्छे संस्कार लेकर समाज जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रहे हैं।
समापन सत्र में स्वर साधकों को सम्बोधित करते हुए मुख्य वक्ता क्षेत्रीय प्रचार प्रमुख पदम ने कहा 1925 में संघ की स्थापना से लेकर पूरे देश समेत विदेशों में भी संघ कार्य का विस्तार हुआ है। समय-समय पर आई आपदाओं में संघ के स्वयंसेवकों ने विभिन्न माध्यमों से सेवा कार्य किए। कोविड काल में संघ के द्वारा किए गए सेवा कार्य हम सबके सामने उदहारण हैं। लॉकडाउन में पलायन करने वाले मजदूर वर्ग के लिए रास्ते में भोजन, पानी समेत चिकित्सा सुविधाओं के भी बंदोबस्त किए।
घोष प्रशिक्षण वर्ग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए पदम जी ने कहा कि संगीत हमारे जीवन का अभिन्न अंग है, इसके बिना मानव जीवन के पंच कोषों में आनंदमय कोष अधूरा है। इन पांच दिनों में घोष शिक्षकों द्वारा वर्ग में आये प्रशिक्षार्थी स्वयंसेवकों को विभिन्न वाद्ययंत्रों की अनेकों रचनाओं द्वारा वादन कलाओं में निपुण बनाया गया है, ऐसा प्रशिक्षण संघ की शाखा के खेल, समता आदि अनेक कार्यक्रमों के अलावा शारीरिक कार्यक्रमों की सांघिकता के लिए आवश्यक है। वर्तमान समय में पश्चिम का दुष्प्रभाव हमारी संस्कृति पर भी पड़ा है, इसके लिए हमें अपने घोष वादन द्वारा भारतीय संगीत को आगे बढ़ाना है।
वर्ग कार्यवाह लालमणि भट्ट ने वर्ग का प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए बताया कि 4 जनवरी, 2023 से प्रारंभ हुए इस पांच दिवसीय प्रांतीय घोष प्रशिक्षण वर्ग में उत्तराखंड प्रांत के आठ विभागों के 23 सांगठनिक जनपदों से 180 प्रशिक्षार्थियों का प्रतिनिधित्व रहा। इस प्रान्तीय स्वर साधक संगम में 140 नये वादकों का प्रतिनिधित्व रहा। इस पांच दिवसीय घोष प्रशिक्षण वर्ग में उत्तराखंड के दूरस्थ जनपद पिथौरागढ़ के दूरस्थ क्षेत्र मुनिस्यारी क्षेत्र का इस वर्ग में प्रतिनिधित्व हुआ है। वर्ग में पिता-पुत्र भी वादक के रुप में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। 180 प्रशिक्षार्थियों को 20 शिक्षकों ने प्रशिक्षण दिया तथा 30 व्यवस्था में लगे व्यवस्था के कार्यकर्ताओं ने रात-दिन प्रशिक्षार्थियों की चिंता की।
स्वर साधक संगम में प्रान्तीय घोष प्रमुख योगेश्वर चौहान के मार्गदर्शन में स्वरद, आनक, शंख, वंशी आदि वादन का प्रशिक्षण दिया गया।
कोहरे के शर्दयुक्त मौसम में शिक्षकों द्वारा प्रशिक्षार्थी स्वयंसेवकों को प्रातःकाल से रात्रि कालीन कठोर दिनचर्या का पालन करते हुए प्रशिक्षण लिया। प्रान्तीय स्वर साधक संगम (घोष प्रशिक्षण वर्ग) के समापन कार्यक्रम में ओम बायो ग्रुप ऑफ कॉलेज रुड़की के चैयरमेन मुनीष सैनी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत सह प्रचार प्रमुख संजय विक्रान्त वीर, सुनील, प्रांत शारीरिक प्रमुख, चिंरजीवी, विभाग प्रचारक हरिद्वार, नरेन्द्र महता, जिला प्रचारक रुड़की, पारस वर्ग के मुख्य शिक्षक विभाग प्रचारक टिहरी, विकास, वर्ग के घोष प्रमुख विभाग प्रचारक पिथौरागढ़, मनोहर महर घोष, प्रशिक्षक, भगवान कार्की, पूर्व संगठन मंत्री हिन्दू जागरण मंच आदि लोग उपस्थित रहे। समापन कार्यक्रम का कुशल संचालन योगेश्वर चौहान प्रांत घोष प्रमुख द्वारा किया गया। समापन समारोह को देखने बड़ी संख्या में समाज के प्रबुद्ध लोग देखने के लिए पहुंचे। स्वर साधक संगम के प्रशिक्षार्थियों द्वारा घोष की अनेकों रचनाओं द्वारा प्रदर्शन किया गया।
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