श्री सम्मेद शिखर की पवित्रता बरकरार रहे, इसके लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने झारखंड सरकार को निर्देश जारी किया है। पर्यावरण मंत्रालय ने राज्य सरकार को पर्यटन और ईको टूरिज्म की गतिविधियों पर रोक लगाने का निर्देश दिया है। पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर इस संबंध में जानकारी साझा की है।
उन्होंने ट्वीट कर बताया कि नई दिल्ली में जैन समाज के प्रतिनिधियों के साथ उनकी बैठक हुई। प्रतिनिधियों ने झारखंड की पारसनाथ पहाड़ी पर स्थित श्री सम्मेद शिखर की पवित्रता बरकरार रखने का आग्रह किया। उन्हें आश्वासन दिया कि नरेंद्र मोदी जी की सरकार जैन समाज के सभी तीर्थस्थलों का संरक्षण करने के लिए प्रतिबद्ध है।
जैन समाज की भावनाओं का होगा पूरा सम्मान : जी किशन रेड्डी
केन्द्रीय पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने भी कहा कि केन्द्र सरकार जैन समुदाय के साथ-साथ हर समुदाय की भावनाओं का पूरा सम्मान करती है। केन्द्र सरकार पवित्र स्थान को बचाने का पूरा प्रयास करेगी। इस विषय पर राज्य के मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखी गई है। केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय को भी चिट्ठी लिखी गई है। श्री सम्मेद शिखर की पवित्रता नष्ट होने नहीं दी जाएगी।
गौरतलब है कि 2 अगस्त 2019 को केंद्रीय वन मंत्रालय द्वारा पारसनाथ पहाड़ी क्षेत्र के एक हिस्से को ‘वन्य जीव अभ्यारण्य और पर्यावरण संवेदनशील क्षेत्र (इको सेंसेटिव ज़ोन) घोषित किया गया। इसके बाद 2 जुलाई 2022 को झारखंड सरकार ने इस क्षेत्र को पर्यटन स्थल बनाने की घोषणा कर दी। ‘सम्मेद शिखर’ को पर्यटन स्थल बनाने के फैसले का विरोध कर रहे जैन समाज के लोगों से मुख्यमंत्री के सचिव और राज्य पर्यटन सचिव ने पिछले दिनों वार्ता भी की, जिसमें उक्त विवाद के संदर्भ में दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी बात रखी।
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