बदरीनाथ धाम का द्वार कहे जाने वाले पौराणिक नगर जोशीमठ का इलाका धंस रहा है। भू-धंसाव की खबर आने पर करीब पांच सौ लोगों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट कर दिया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस बारे में आपदा प्रबंधन और भू विशेषज्ञों को मौके पर भेजा है।
जोशीमठ में भू-धंसाव की खबरें पिछले कुछ महीनों से आ रही थीं। कई मकानों और सड़कों पर दरारें पड़ रही हैं और ये दरारें दिनोंदिन चौड़ी हो रही हैं। हालात इतने चिंताजनक बताए जा रहे हैं कि किसी भी वक्त ये दरारें किसी बड़ी आपदा का रूप न ले लें। जिला प्रशासन भी सतर्क हो गया है। इस बारे में बीजेपी के अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने सीएम धामी से मुलाकात कर उन्हें स्थानीय लोगों की चिंता से अवगत करवाया। जिसके बाद सीएम ने आपदा प्रबंधन और भू विशेषज्ञों की एक टीम को जोशीमठ भेजा है।
जानकारी के मुताबिक जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव से हालात लगातार खराब हो रहे हैं। भू-धंसाव ने अब सभी वार्डों को चपेट में ले लिया है। अति संवेदनशील स्थानों से 66 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया। अभी तक 77 परिवारों को हटाया जा चुका है। राज्य सरकार पूरे मामले पर नजर बनाए हुए है। चमोली जिला प्रशासन इस घटना पर बराबर नजर बनाए हुए है।
सीएम धामी के निर्देश पर जोशीमठ जाने वाले विशेषज्ञ दल में उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) से डॉ. पीयूष रौतेला, उत्तराखंड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र (यूएलएमएमसी) से डॉ. शांतनु सरकार, आईआईटी रुड़की से प्रो. बीके महेश्वरी, जीएसआई से मनोज कास्था, डब्ल्यूआईएचजी से डॉ. स्वपना मित्रा चौधरी और एनआईएच रुड़की से डॉ. गोपाल कृष्णा को शामिल किया गया है। इससे पहले भी विशेषज्ञों का यह दल 16 से 20 अगस्त 2022 के बीच जोशीमठ को दौरा कर सरकार की अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। अब ये दल पुनः कुछ दिन जोशीमठ में ही रहकर सर्वेक्षण का कार्य करेगा और 6 माह पहले किए अपने अध्ययन की तुलनात्मक रिपोर्ट तैयार करेगा।
पूर्व में विशेषज्ञ दल ने चेताया था
विशेषज्ञों के दल ने पिछले अगस्त महीने में शासन को कहा था कि वो जोशीमठ को बचाने के लिए दीर्घ कालीन उपाय करे, दल ने भू-धंसाव का कारण बेतरतीब निर्माण, पानी का रिसाव, ऊपरी मिट्टी का कटाव और मानव जनित कारणों से जल धाराओं के प्राकृतिक प्रवाह में रुकावट है। शहर भूगर्भीय रूप से संवेदनशील है, जो पूर्व-पश्चिम में चलने वाली रिज पर स्थित है। शहर के ठीक नीचे विष्णुप्रयाग के दक्षिण-पश्चिम में, धौलीगंगा और अलकनंदा नदियों का संगम है। नदी से होने वाला कटाव भी इस भू-धंसाव के लिए जिम्मेदार है।
जोशीमठ जाएंगे सीएम धामी
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने हालात का मौके पर जायजा लेने के लिए जोशीमठ जाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि भू-धंसाव के मामले की हम लगातार समीक्षा कर रहे हैं। दो दिन पहले ही इस संबंध में मुख्य सचिव और आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों से रिपोर्ट ली है। वहां जो भी जरूरत होगी, उसके अनुसार काम किया जाएगा। बृहस्पतिवार को विशेषज्ञों का एक दल वहां भेजा जा रहा है। मैं खुद वहां जाकर स्थिति की समीक्षा करूंगा।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने पार्टी की 14 सदस्यीय टीम को जोशीमठ भेजा है। ये टीम स्थानीय लोगों के साथ भू-धंसाव का जायजा लेगी और इस टीम की रिपोर्ट को सीएम के सम्मुख पेश किया जाएगा।
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