उत्तराखंड की महान विभूतियां : डॉ. घनानंद पाण्डे जिन्हें 1969 में मिला पद्म विभूषण सम्मान
July 15, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत उत्तराखंड

उत्तराखंड की महान विभूतियां : डॉ. घनानंद पाण्डे जिन्हें 1969 में मिला पद्म विभूषण सम्मान

डा.घनानंद पाण्डे ने भारत सरकार में प्रमुख पदों पर कार्य तो किया ही था वरन युवा प्रतिभाओं के पोषण और शिक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण योगदान दिया था।

by WEB DESK
Jan 1, 2023, 04:38 pm IST
in उत्तराखंड
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

भारत के सांस्कृतिक इतिहास की विरासत को संजोकर रखने में उत्तराखंड राज्य का योगदान किसी भी दृष्टि से कम नहीं है। भारत के उत्तर दिशा में स्थित सुदूर विकट भौगोलिक परिस्थितियों वाले पहाड़ी राज्य का नाम हैं उत्तराखण्ड। उत्तराखण्ड राज्य में अनेकों महान विभूतियों ने जन्म लिया हैं जो आध्यात्मिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, पर्यावरण संरक्षण, कला, साहित्य, आर्थिक, देश की रक्षा एवं सुरक्षा जैसे अनेकों महत्वपूर्ण क्षेत्रों में विश्वप्रसिद्ध हुए हैं। देश की इन्हीं महान विभूतियों की कतार में स्थान प्राप्त करने वाली सुप्रसिद्ध हस्तियों में सबसे चर्चित और विख्यात प्रतिष्ठित नाम घनानंद पाण्डे का आता हैं। डा.घनानंद पाण्डे ने भारत सरकार में प्रमुख पदों पर कार्य तो किया ही था वरन युवा प्रतिभाओं के पोषण और शिक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण योगदान दिया था। उन्हें विशिष्ट श्रेणी की उत्कृष्ट सेवाओं के कारण सन 1969 में भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।

जन्म – 1 जनवरी 1902 रानीखेत, अल्मोड़ा, उत्तराखण्ड.

घनानंद पाण्डे का जन्म देवभूमि उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के एक छोटे से शहर में रानीखेत में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा–दीक्षा अल्मोड़ा व नैनीताल में संपन्न हुई थी। इसके बाद वह उच्च शिक्षा प्राप्त करने इलाहाबाद चले गए जहाँ उन्होंने सन 1922 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक की परीक्षा प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण की थी। उन्होंने सन 1925 में तत्कालीन थॉमसन कॉलेज ऑफ़ सिविल इंजीनियरिंग, रुड़की वर्तमान आई.आई.टी. रुड़की से सिविल इंजीनियरिंग उत्तीर्ण की थी। घनानंद पाण्डे सन 1925 में भारतीय रेलवे इंजीनियरिंग सेवा में नियुक्त हुए थे और इसके बाद उन्होंने सन 1947 तक विभिन्न पदों पर कार्य किया था।

विभिन्न दायित्व का निर्वहन करते हुए वह रेलवे बोर्ड में निदेशक नियुक्त किए गए। इसके बाद डा. घनानंद पाण्डे भारतीय गंगा ब्रिज परियोजना के मुख्य इंजीनियर नियुक्त किए गए। वह पूर्वोत्तर रेलवे में सन 1950 से सन 1952 तक महाप्रबन्धक रहे। वह भारतीय गंगा ब्रिज परियोजना मोकामा में महाप्रबन्धक रहे, इसके बाद वह रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और रेल मंत्रालय भारत सरकार में ​सचिव के पद पर भी रहे जहां से सन 1957 में उन्होंने अवकाश ग्रहण किया था।  सन 1958 से सन 1960 तक वह भारतीय इस्पात बोर्ड के अध्यक्ष और सन 1961 से सन 1966 तक रुड़की विश्वविद्यालय के कुलपति रहे थे। सन 1966 से सन 1973 के मध्य उन्होंने भारत सरकार में विभिन्न महत्त्वपूर्ण पदों पर कार्य किया था।रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष के रुप में उनके कार्यकाल के समयकाल में भिलाई, राउरकेला और दुर्गापुर में तीन सार्वजनिक क्षेत्र के इस्पात संयंत्र उनकी देखरेख में स्थापित तथा प्रारम्भ किए गए थे। उन्होंने सन 1960 सन 1961 में बेबी कार प्रोजेक्ट जैसे महत्त्वपूर्ण विचार की कल्पना कर छोटी कारों के निर्माण की सिफारिश की थी।

डा. घनानंद पाण्डे ने रुड़की विश्वविद्यालय में कुलपति के रुप में अपने कार्यकाल के समयकाल में इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स, इंडिया की स्थापना की थी। महत्वाकांक्षी छात्रों की शिक्षा के प्रति उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए उन्हें रुड़की विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टर ऑफ इंजीनियरिंग और कुमाऊं विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टर ऑफ साइंस की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया था। सन 1961 में रुड़की विश्वविद्यालय के कुलपति रहने के बाद उनको भारत सरकार में योजना आयोग का सदस्य भी बनाया गया और वहां उन्होंने कई महत्त्वपूर्ण योजनाओ को क्रियान्वित करवाने में सहायता प्रदान की थी। वह सन 1966 से सन 1973 के मध्य समय में विभिन्न तकनी​की संस्थाओं और उच्चस्तरीय इंजीनि​यरिंग के कई कमेटियों के प्रमुख रहे थे। सन 1973 में उन्हें उत्तरप्रदेश राज्य विद्युत परिषद के कार्य संचालन के लिए एक उत्कृष्ट स्तरीय जांच का कार्य सौंपा गया था। डा. घनानंद पाण्डे को विशिष्ट श्रेणी की उत्कृष्ट सेवाओं के कारण सन 1969 में भारत के  नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।

Topics: uttarakhand newsउत्तराखंड समाचारउत्तराखंड की महान विभूतिGreat personalities of Uttarakhandडॉ. घनानंद पाण्डेय का परिचयIntroduction of Dr. Ghananand Pandey
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

आरोपी

उत्तराखंड: 125 क्विंटल विस्फोटक बरामद, हिमाचल ले जाया जा रहा था, जांच शुरू

उत्तराखंड: रामनगर रेलवे की जमीन पर बनी अवैध मजार ध्वस्त, चला बुलडोजर

उत्तराखंड : सील पड़े स्लाटर हाउस को खोलने के लिए प्रशासन पर दबाव

प्रतीकात्मक तस्वीर

उत्तराखंड में भारी बारिश का आसार, 124 सड़कें बंद, येलो अलर्ट जारी

प्रतीकात्मक तस्वीर

12 साल बाद आ रही है हिमालय सनातन की नंदा देवी राजजात यात्रा

प्रतीकात्मक तस्वीर

उधम सिंह नगर जिले में बनभूलपुरा की तरह पनप रही अवैध बस्तियां

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

समोसा, पकौड़े और जलेबी सेहत के लिए हानिकारक

समोसा, पकौड़े, जलेबी सेहत के लिए हानिकारक, लिखी जाएगी सिगरेट-तम्बाकू जैसी चेतावनी

निमिषा प्रिया

निमिषा प्रिया की फांसी टालने का भारत सरकार ने यमन से किया आग्रह

bullet trtain

अब मुंबई से अहमदाबाद के बीच नहीं चलेगी बुलेट ट्रेन? पीआईबी फैक्ट चेक में सामने आया सच

तिलक, कलावा और झूठी पहचान! : ‘शिव’ बनकर ‘नावेद’ ने किया यौन शोषण, ब्लैकमेल कर मुसलमान बनाना चाहता था आरोपी

श्रावस्ती में भी छांगुर नेटवर्क! झाड़-फूंक से सिराजुद्दीन ने बनाया साम्राज्य, मदरसा बना अड्डा- कहां गईं 300 छात्राएं..?

लोकतंत्र की डफली, अराजकता का राग

उत्तराखंड में पकड़े गए फर्जी साधु

Operation Kalanemi: ऑपरेशन कालनेमि सिर्फ उत्तराखंड तक ही क्‍यों, छद्म वेषधारी कहीं भी हों पकड़े जाने चाहिए

अशोक गजपति गोवा और अशीम घोष हरियाणा के नये राज्यपाल नियुक्त, कविंदर बने लद्दाख के उपराज्यपाल 

वाराणसी: सभी सार्वजनिक वाहनों पर ड्राइवर को लिखना होगा अपना नाम और मोबाइल नंबर

Sawan 2025: इस बार सावन कितने दिनों का? 30 या 31 नहीं बल्कि 29 दिनों का है , जानिए क्या है वजह

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies