उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में कन्वर्जन से संबंधित एक और मामला सामने आया है । जहां पर एक वसीउद्दीन नाम के एक मुस्लिम जिला पंचायत सदस्य की पत्नी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मानवाधिकार आयोग और महिला आयोग से गुहार लगाते हुए कहा है कि जिले के कुछ वंचित समाज के लोगों का मतांतरण रोकने के चलते उनके पति को जेल भेजने की तैयारी चल रही है। महिला ने अपने पूरे परिवार पर जान माल का खतरा भी बताया है ।
महिला ने अपनी शिकायत की कॉपी प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश, प्रमुख सचिव गृह, एडीजी जोन गोरखपुर को भी भेजी है। पाञ्चजन्य के पास शिकायत कॉपी मौजूद है। इस शिकायत में महिला ने उतरौला के छांगुर पीर नाम के मौलाना को आरोपित किया है जिनका असली नाम जलालुद्दीन बताया जा रहा है। जलालुद्दीन उर्फ छांगुर पीर पर मुंबई के दंपति नीतू व नवीन के साथ एक नाबालिक बच्ची को भी कन्वर्जन करा कर अपने साथ रखने का आरोप है। नीतू अब नसरीन और नवीन अब जमालुद्दीन बन चुके हैं। यह मतांतरण किसी खाड़ी देश में करवाया गया है। शिकायत में यह भी बताया गया है कि जलालुद्दीन इन सभी के साथ मिलकर उतरौला के मधुपुर में कथित तौर पर एक अस्पताल बना रहा है जिसमें विदेशी फंडिंग लगी हुई है। इससे पहले यहां तबेला बनाने की बात की गई थी।
महिला ने शिकायत में आगे बताया है कि उनके पति उस अस्पताल निर्माण की ठेकेदारी का काम करते थे। उन्होंने इस काम में दलित समुदाय के कई मजदूर और राजमिस्त्री लगाए थे। आरोप है कि मौलाना छांगुर पीर उर्फ जलाउद्दीन ने उनमें से कई मजदूरों को इस्लाम कबूलने का दबाव देते हुए पैसे का भी लालच दिया। जब महिला के शौहर ने पीर जलालुद्जदीन से अपने मजदूरों के साथ ऐसा न करने के लिए कहा था उसके पति का काम में लगा करोड़ों रुपए का पेमेंट रोक दिया गया। इसी के साथ एक ही अपराध में एक ही जिले की पुलिस में दो-दो एफ FIR भी दर्ज करा दिए गए जिसकी जांच अभी तक चल रही है।
इसी शिकायत में महिला ने आगे बताया है कि धमकी देते हुए मौलाना छांगुर पीर ने शासन और प्रशासन को अपनी मुट्ठी में बताया और ठेकेदार बब्बू उर्फ वसीउद्दीम को अपनी साजिश का भंडाफोड़ करने के आरोप में हर हाल में जेल भिजवाने की धमकी दी है। पाञ्चजन्य के पास उन दोनो केसों की शिकायत कॉपी भी मौजूद है।
पाञ्चजन्य के पास उस विवादित अस्पताल के उद्घाटन का एक वीडियो भी है। इसमें एक घोषणा में नीतू को नसरीन और नवीन को जमालुद्दीन नाम से संबोधित किया जा रहा है।
वहीं खुद बलरामपुर पुलिस एक ट्वीट में यह मान चुकी है कि इस अस्पताल पर वसीउद्दीन नाम के व्यक्ति का विवाद है। वसीउद्दिन का आरोप है कि आशवी नाम का वह विवादित अस्पताल एक हिंदू से खरीदी कृषि भूमि पर बन रहा। यह कृषि भूमि पर एक कमर्शियल निर्माण है जो कि पूरी तरीके से उत्तर प्रदेश के शासन की नियमावली के खिलाफ है। इसका नक्शा भी पास नहीं हुआ और बाद में इसमें इलाज के बदले मतांतरण करवाया जाएगा। इसी के साथ अस्पताल के आर्थिक स्रोतों की भी जांच की मांग की गई है।
टिप्पणियाँ