उत्तराखंड के उत्तरकाशी में पुरेला मतांतरण मामले की जांच के लिए एडीजी (कानून व्यवस्था) ने यहां डेरा डाल दिया है। एडीजी इस मामले में खुद बारीकी से जांच पड़ताल कर रहे हैं। उन्होंने दोनों पक्षों के लोगों से बातचीत की है।
बता दें कि बीते 23 दिसंबर को मसूरी से आए केरल मूल के पादरी सहित सात लोगों द्वारा यहां एक कार्यक्रम करके भोले-भाले हिंदुओं को ईसाई बनाया जा रहा था। इसको लेकर इलाके में तनाव फैल गया और लोगों में मारपीट भी हो गई। इस घटना के बाद पुलिस ने दोनों पक्षों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली थी। जिसके बाद पुरेला में जबरदस्त आक्रोश फैल गया। लोगों ने बाजार बंद करके पुलिस के खिलाफ आंदोलन कर पादरी और उनके साथियों को जेल भेजे जाने की मांग की थी।
जानकारी के मुताबिक पुलिस ईसाई संस्था की तरफ से दर्ज एफआईआर नई दिल्ली के किसी प्रभावशाली व्यक्ति के दबाव में की गई थी। इन सभी पहलुओं की जांच पड़ताल करने एडीजी वी. मुरुगेशन ने उत्तरकाशी पहुंचकर स्थानीय अधिकारियों से बातचीत की है। बाद में वो पुरेला भी गए, जहां उन्होंने दोनों पक्षों के लोगों को भी सुना। जानकारी के अनुसार एडीजी को डीजीपी अशोक कुमार ने विशेष तौर पर भेजा है। ताकि लोगों का गुस्सा शांत हो सके।
खबर ये भी है कि पुलिस ने अभी नए मतांतरण कानून को हिंदू पक्ष की एफआईआर में आधार नहीं बनाया गया है, इसके पीछे वजह मतांतरण की अधिसूचना अभी तक जारी नहीं होना बताया जा रहा है। उधर अभी तक पादरी, उनकी पत्नी सहित सात लोगों की गिरफ्तारी नहीं होने से लोगों में गुस्सा ठंडा नहीं हुआ है। पुलिस को कोर्ट से 164 में बयान लिए जाने की अनुमति लेनी है। कोर्ट में शरद अवकाश तीन जनवरी तक है। कोर्ट खुलने पर ही आरोप पत्र दायर हो सकेगा। बहरहाल ये मतांतरण का मामला अभी भी लोगों में गुस्से का कारण बना हुआ है।
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