उत्तरप्रदेश में ठंड एवं शीतलहर बढ़ गई है। नये अस्थायी रैन बसेरों के निर्माण के साथ ही निर्मित एवं संचालित रैन बसेरों को मिशन मोड पर संचालित किये जाने के निर्देश निदेशक स्थानीय निकाय, निदेशक सूडा के साथ सभी जिलाधिकारी, नगर आयुक्तों, अधिशासी अधिकारियों एवं पीओ डूडा को दिये गये हैं।
प्रमुख सचिव नगर विकास ने निर्देशित किया है कि प्रदेश के समस्त चिकित्सालयों, मेडिकल कॉलेजों, बस स्टेशनों, रेलवे स्टेशनों, श्रमिकों के कार्य स्थलों एवं बाजारों में अनिवार्य रूप से रैन बसेरों एवं शेल्टर होम्स संचालित किये जाएं। इस हेतु राजस्व विभाग, स्वास्थ्य विभाग एवं विकास प्राधिकरण आदि द्वारा भी अपेक्षित सहयोग प्रदान किया जाय। रैन बसेरा एवं शेल्टर होम्स में ऐसे जरूरतमन्द व्यक्तियों, जिसके पास ठहरने की सुविधा नहीं है तथा विशेष रूप से जो चिकित्सा एवं रोजगार आदि के लिये बाहर से आये हैं, रहने की सुविधा उपलब्ध कराई जाए।
प्रमुख सचिव, अमृत अभिजात ने कहा कि कोई भी लाचार, गरीब, बेसहारा, निराश्रित व्यक्ति खुले में अथवा सड़क के फुटपाथ व पटरियों पर सोता हुआ न मिले, इसकी सतत निगरानी की जाए। उन्होंने रैन बसेरा एवं शेल्टर होम्स में रुकने वाले व्यक्तियों को ठंड से बचाने एवं आवश्यक मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु समस्त उपाय, साफ-सफाई, स्वच्छ बेड शीट, कम्बल, गरम पानी, शौचालय, प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था, प्रकाश व्यवस्था तथा सीसीटीवी आदि का प्रबन्ध किये जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने प्रत्येक रैन बसेरा एवं शेल्टर होम्स में उपलब्ध कराई गई बेड शीट, कम्बल इत्यादि की सफाई नियमित रूप से करने के भी निर्देश दिए हैं।
प्रमुख सचिव ने प्रत्येक रैन बसेरा एवं शेल्टर होम्स में महिलाओं एवं पुरूषों के सोने व शौचालय आदि की भी अलग-अलग व्यवस्था करने को कहा है तथा प्रत्येक रैन बसेरे के लिए एक उपयुक्त वरिष्ठता का नोडल अधिकारी नामित किया जाए, जिस पर रैन बसेरे के संचालन का उत्तरदायित्व हो। समस्त रैन बसेरों में केयर टेकर भी तैनात किए जाए, जिसका नाम पदनाम, मोबाइल नम्बर रैन बसेरों के गेट पर अवश्य दर्शाया जाए। रात्रि में जनपद के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा रैन बसेरों का औचक निरीक्षण अवश्य किया जाए। रैन बसेरों के केयर टेकर के पास निरीक्षण रजिस्टर भी रखा जाए, जिसमें निरीक्षण अधिकारी अपनी टिप्पणी भी अंकित करें। समस्त निकायों द्वारा सुनिश्चित किया जाए कि उनके क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति खुले में न सोएं, उक्त हेतु पृथक रिस्पांस टीमों का गठन भी कर लिया जाए। शीतलहर एवं ठंड से बचाव कार्यक्रमों का व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जाए तथा स्थानीय समाचार पत्रों, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, सोशल मीडिया आदि के माध्यम से इससे संबंधित सूचनाएं प्रसारित कराई जाएं, ताकि शासन द्वारा जनसामान्य को ठंड से बचाव हेतु किये जा रहे व्यापक उपायों की जानकारी हो सके।
प्रमुख सचिव ने कहा है कि रैन बसेरा के संचालन के विषयगत सिविल सेवा संगठन, सिविल डिफेन्स, विद्यालयों, व्यापार संगठन, औद्योगिक संघ, रेड क्रॉस सोसाइटी इत्यादि का भी परस्पर सहयोग लिया जाये।
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