राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ओर से 14 दिसंबर को नई दिल्ली में एक कार्यक्रम आयोजित हुआ था। उत्तर प्रदेश के लिए यह कार्यक्रम खास था, क्योंकि इसमें उसे इंटर ओपरेवल क्रिमिनल जस्टिस (आईसीजीएस) के तहत अभियोजन श्रेणी में देश में नंबर एक होने का पुरस्कार मिला।
कम सुर्खियों वाली यह एक छोटी सी खबर हो सकती है, पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पहले और अब तक दूसरे कार्यकाल को समग्रता में रखकर देखेंगे तो खुद में यह उपलब्धि बड़ी हो जाती है। करीब छह साल पहले जिस प्रदेश की पहचान अराजकता एवं भ्रष्टाचार की वजह से थी। जहां से निवेशक अपना बोरिया बिस्तर समेट रहे थे। कुछ तो समेटे चुके थे और कुछ समेटने की तैयारी में थे। प्रदेश का खजाना खाली था। उस माहौल में मार्च 2017 में सत्ता संभालने के बाद योगी आदित्यनाथ ने जिस तरह अपने सुशासन, अपराध, अपराधियों एवं भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस और बिना भेदभाव के पूरी पारदर्शिता के साथ सबका साथ, सबका विकास नारे को मूर्त रूप दिया, उसका नतीजा सामने है।
इंटर ओपरेवल क्रिमिनल जस्टिस (आईसीजीएस) के तहत अभियोजन श्रेणी में देश में नंबर एक होने के पहले भी योगी राज में उत्तर प्रदेश कई क्षेत्रों में नंबर एक है। एक जिला, एक उत्पाद (ओडीओपी) कोरोना प्रबंधन एवं कानून व्यवस्था की नजीर देश ही नहीं दुनिया में दी जाती है। हाल ही में बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन की सह संस्थापक मिलिंडा गेट्स, कुछ महीने पूर्व इंडोनेशिया की राजदूत इना एच. कृष्णमूर्ति, कोरोना काल में विश्व स्वास्थ्य संगठन और नीति आयोग द्वारा की गई तारीफ इसके प्रमाण हैं।
उत्तर प्रदेश सिर्फ प्रधानमंत्री आवास योजना, गन्ना मूल्य का रिकॉर्ड भुगतान, निःशुल्क रसोई गैस एवं बिजली कनेक्शन देने, सर्वाधिक चिकित्सक शिक्षण संस्थान खोलने, पीएम जीवन ज्योति, आम आदमी बीमा, ई-टेंडरिंग, अटल पेंशन योजना, उद्योगों के लिए भूमि आवंटित करने, कौशल विकास नीति लागू करने, राज्य स्वास्थ्य नीति लागू करने, मानव-वन्य जीव संघर्ष को मानवीय आपदा घोषित करने, जेम पोर्टल के जरिए सर्वाधिक खरीद करने, मंडी अधिनियम में संशोधन, सड़क और हवाई सेवा के विस्तार, राज्य स्वास्थ्य नीति लागू करने आदि में नंबर एक है।
बाकी क्षेत्रों में भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में नंबर एक बनने के लिए शिद्दत से प्रयास जारी है। फरवरी में प्रस्तावित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 10 लाख करोड़ निवेश का लक्ष्य रखना और कार्यक्रम के पहले ही विदेशों की अपने-अपने क्षेत्र की दिग्गज कंपनियों के आने वाले निवेश प्रस्ताव इसके ताजा उदाहरण हैं।
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