नई दिल्ली। दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली दंगे की साजिश रचने के आरोपित उमर खालिद को बहन की शादी में हिस्सा लेने के लिए एक हफ्ते की अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है। एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत ने ये आदेश दिया।
कोर्ट ने उमर खालिद को 23 दिसंबर से 30 दिसंबर तक की अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया। उमर ने दो हफ्ते के लिए अंतरिम जमानत की मांग की थी। दिल्ली पुलिस ने उसकी याचिका का विरोध किया था। दिल्ली पुलिस की ओर से स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्युटर अमित प्रसाद ने आशंका जताई थी कि अगर अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाता है तो वह सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार फैला सकता है और इससे समाज में अशांति पैदा होने का खतरा है। वह गवाहों को प्रभावित कर सकता है। उमर खालिद के माता-पिता शादी के लिए सभी जरूरी इंतजाम करने में सक्षम हैं।
दिल्ली हाई कोर्ट ने 18 अक्टूबर को उमर खालिद की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। हाई कोर्ट ने कहा था कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा को दिसंबर 2019 और फरवरी 2020 के बीच हुई बैठकों का नतीजा थी, जिनमें उमर खालिद भी शामिल हुआ था। हाई कोर्ट ने कहा था कि उमर खालिद का नाम साजिश की शुरुआत से लेकर दंगा होने तक आता रहा। उमर खालिद व्हाट्स ऐप ग्रुप डीपीएसजी और मुस्लिम स्टूडेंट्स ऑफ जेएनयू का सदस्य था। उमर खालिद ने कई बैठकों में हिस्सा लिया। हाई कोर्ट ने कहा था कि अगर चार्जशीट पर भरोसा किया जाए तो ये साजिश की ओर साफ-साफ इशारा कर रहे हैं। उमर खालिद सितंबर 2020 से हिरासत में है।
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