इस्तांबुल से आए समाचारों में से एक विशेष दिलचस्पी पैदा करने वाला है। एएनआई से प्राप्त समाचार के अनुसार, वहां अनेक शहरों में चीन के सिंक्यांग प्रांत में चीनी कम्युनिस्ट सरकार द्वारा उइगरों के दमन के विरुद्ध जबरदस्त विरोध दर्ज कराया है। चीनी प्रांत सिंक्यांग में कोरोना महामारी को काबू करने की आड़ में चीनी अधिकारी उइगरों पर अत्याचार की हदें लांघ रहे हैं। तुर्की में रह रहे उइगरों ने सिंक्यांग के अपने नातेदारों के प्रति अपना समर्थन व्यक्त करते हुए उन्हें न सताए जाने की अपील की।
तुर्किए में इस्तांबुल सहित कई स्थानों पर इस रविवार को हुए विरोध प्रदर्शनों में सिर्फ उइगर एजीओ ही नहीं बल्कि तुर्क एनजीओ ने भी भाग लिया। इंटरनेशनल यूनियन ऑफ ईस्ट तुर्किस्तान नामक एनजीओ के नेता हिदायतुल्ला ओगुझान ने अपने अनेक साथियों के साथ विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया। दोपहर को इस्तांबुल में सरियर नामक स्थान पर चीन के वाणिज्य दूतावास के सामने हुए इस प्रदर्शन के बाद जारी की गई विज्ञप्ति के अनुसार, वहां हुए प्रदर्शन में एक हजार से ज्यादा लोग शामिल थे, जिनमें वृद्ध, महिलाएं और बच्चे भी थे।
चीनी वाणिज्य दूतावास के सामने प्रदर्शन के दौरान बयान जारी किया गया। बयान में लिखा गया कि ‘हमारे उइगर भाइयों का चीन द्वारा सुनियोजित तरीके से नरसंहार किया जा रहा है।…महामारी के नाम पर उन्हें उनके घरों को कैद कर दिया है। वे भूख और बीमारी से मर रहे हैं। उरुम्की में जो आग लगी थी, उसने हमारे भाइयों को उनके घरों में जलाकर मार दिया गया, जहां वे फंस गए थे…,”। तुर्की के एनजीओ येसेवी एल्पेरेनलर एसोसिएशन के अध्यक्ष कुरसैट मिकान भी उस प्रदर्शन का हिस्सा था। हिदायतुल्लाह की मानें तो उन्होंने कमर कसी हुई है कि उइगर पूर्वी तुर्केस्तान की आजादी के लिए अपने को मिटा देने तक को तैयार हैं। वे पूरी मजबूती के साथ अपना संघर्ष जारी रखेंगे।
अन्य तुर्क एनजीओ ईस्ट तुर्किस्तान न्यू जेनरेशन मूवमेंट, यंग आईएचएच ह्यूमैनिटेरियन रिलीफ फाउंडेशन और इस्लामिक वर्ल्ड, बिरलिगी के एनजीओ के यंग आईडीएसबी-यूनियन ने भी इस्तांबुल फतह मस्जिद में एक विशेष नमाज का आयोजन किया। उइगर नेता अब्दुस्सलाम तेक्लामेकन, मुहम्मद मेमाताली, जिनके चार भाई-बहन उरुम्की अग्निकांड की भेंट चढ़ गए, और मजहबी नेता अहमत बुलुत ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित किया।
चीनी वाणिज्य दूतावास के सामने प्रदर्शन के दौरान बयान जारी किया गया। बयान में लिखा गया कि ‘हमारे उइगर भाइयों का चीन द्वारा सुनियोजित तरीके से नरसंहार किया जा रहा है।…महामारी के नाम पर उन्हें उनके घरों को कैद कर दिया है। वे भूख और बीमारी से मर रहे हैं। उरुम्की में जो आग लगी थी, उसने हमारे भाइयों को उनके घरों में जलाकर मार दिया गया, जहां वे फंस गए थे…,”।
तुर्किए के एनजीओ अनादोलु जेनक्लिक डेरनेगी ने भी पूर्वी तुर्किस्तान में चीनी अत्याचारों के विरुद्ध अनेक स्थानों पर विरोध प्रदर्शन आयोजित किए थे। इस एनजीओ की इस्तांबुल इकाई ने सरियर जिले में हुए प्रदर्शन में हिस्सा लिया। वहां जमा उइगरों की भीड़ ने चीन के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की और सिंक्यांग में उइगरों के दमन से बाज आने को कहा।
इसी तरह बुर्सा उलूकामी मस्जिद के पास सुबह ही एक सभा आयोजित की गई। उसके बाद एक विरोध प्रदर्शन हुआ और प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई। एनजीओ अनादोलु जेनक्लिक डेरनेगी की बुर्सा शाखा के विश्वविद्यालय आयोग के अध्यक्ष ताहा नरगिस ने बयान जारी करके कहा है कि हत्यारी चीनी सरकार पर “पूर्वी तुर्किस्तान में सुनियोजित नरसंहार किया जा रहा है। इसके अलावा राजधानी अंकारा (हाजी बयाराम वेली मस्जिद), आदियामन, बालिकेसिर, कोरम, इस्पार्टा, किरसीर, कुटह्या, मालट्या, मेर्सिन, उसाक सहित अन्य अनेक स्थानों पर नमाज के बाद विरोध प्रदर्शन में सैकड़ों उइगरों ने भाग लिया।
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