इंटरनेट के मध्यम से भारत को बदनाम करने का ऐजंडा चलाने वाले अशोक स्वैन ने ट्विटर के माध्यम से एक बार फिर भारत को बदनाम करने के लिए झूठ का सहारा लिया। उन्होंने भारत में सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने के लिए ट्विटर पर एक वीडियो साझा करते हुए लिखा- एक और दिन, एक और लिंचिंग। भारत के महाराष्ट्र में एक और मुस्लिम व्यक्ति की लिंचिंग की जा रही है। शुक्र है कि इस क्रूरतापूर्वक हमले में वह आदमी बच गया। अब वह अस्पताल में है।”
जबकि सत्यता अशोक स्वैन के ट्विट से बिलकुल उलट है। जो वीडियो अशोक स्वैन ने शेयर किया है उसकी सच्चाई यह है कि वह वायरल वीडियो महाराष्ट्र के पेल्हार इलाके का है, जिसमे दिख रहे व्यक्ति पर मुस्लिम होने के कारण हमला नहीं किया गया था, बल्कि भीड़ ने चोर होने के शक में उसकी पिटाई की है। पिटाई का वीडियो इंटरनेट पर वायरल होने के बाद स्थानीय पुलिस ने इस घटना में शामिल 5 लोगों को गिरफ्तार किया है साथ ही उस व्यक्ति पर भी चोरी का मामला दर्ज किया गया है।
The attack was brutal, but the man thankfully survived, and he is in the hospital.
— Ashok Swain (@ashoswai) December 4, 2022
वीडियो के संदर्भ मे पुलिस ने बताया कि चार दिन पहले पालघर के नालासोपारा के पेल्हर में एक चोर को लोगों ने बुरी तरह से पीटा था। जिसका वीडियो अब वायरल हो रहा है। पीटे जाने वाले युवक के खिलाफ चोरी के आरोप में मामला भी दर्ज किया गया है। वहीं अन्य 5 लोगों को चोर की पिटाई करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
हालाकिं पुलिस के इस बयान से अशोक स्वैन का एजेंडा फ़ैल हो गया लेकिन फिर भी, यह मामला वामपंथी विचारकों के बीच अल्पसंख्यक समुदाय से संबंधित किसी भी अप्रिय घटना को धार्मिक रूप से प्रेरित के रूप में चित्रित करने के विकृत आग्रह को रेखांकित करता है, भले ही पीड़ित की पहचान का उनके खिलाफ हमले से बहुत कम लेना-देना रहा हो।
इससे पहले भी सामने आ चुके है मामले
बता दें की इसी तरह की एक घटना का वीडियो गाजियाबाद से वायरल हुआ था जिसे कई वामपंथियों ने शेयर करते हुए दावा किया कि जय श्री राम का नारा न लगाने पर मुस्लिम युवक पर हमला बोला. जिसके बाद पता लगा की इस मामले में पुलिस ने जिन लोगो को गिरफ्तार किया है उनका नाम परवेश गुज्जर, कल्लू, पोली, आरिफ, आदिल और मुशाहिद थे।
पुलिस ने इस मामले को लेकर कहा कि जिस युवक को पिटा गया है उसका नाम अब्दुल समद है जो ताबीज बनाने का काम करता था। अब्दुल समद बुलंदशहर से लोनी बॉर्डर स्थित बेहटा एक अन्य व्यक्ति के साथ मुख्य आरोपित परवेश गुज्जर के घर बंथना गया था। वहीं पर कल्लू, पोली, आरिफ, आदिल और मुशाहिद आ गए। वहाँ पर बुजुर्ग के साथ मारपीट शुरू कर दी गई। आरोपितों ने बताया था कि अब्दुल समद के ताबीज से उनके परिवार पर बुरा असर पड़ा। अब्दुल समद गाँव में कई लोगों को ताबीज दे चुका था। आरोपित उसे पहले से ही जानते थे।
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