ईरान में चार लोगों को कल इसलिए फांसी पर टांग दिया गया, क्योंकि वे ईरान के ‘कट्टर दुश्मन’ इस्राएल की गुप्तचर एजेंसी मोसाद के लिए जासूसी करने का आरोप था। ईरान की सेना रिवोल्यूशनरी गार्ड ने इन जासूसों को गिरफ्तार किया था। इन चार के अलावा तीन अन्य को लंबी सजा दी गई है। बताया गया है कि इन सबके तार मोसाद से जुड़े थे।
उल्लेखनीय है कि ईरान के सर्वोच्च न्यायालय ने इन जासूसों को यह सजा सुनाई थी। इस्राइल की गुप्तचर एजेंसी मोसाद के हस्तक के तौर पर काम करने के साथ ही इन जासूसों पर ईरान में लोगों का अपहरण करने के भी आरोप लगाए गए थे।
यह जानकारी देते हुए ईरान की सरकारी न्यूज एजेंसी इरना ने बताया है कि जिन ‘जासूसों’ को सूची पर चढ़ाया गया है, वे हैं शाहीन इमानी मोहम्मदाबादी, हुसैन ओरदोखनजादा, मिलाद अशरफी तथा मनौचेर शाहबंदी। बताते हैं, ईरान की सेना रिवोल्यूशनरी गार्ड बहुत दिनों से इन पर नजर रखे हुए थी और पुख्ता सबूत जुटाकर इन पर आरोप तय किए गए थे। बताया यह भी गया है कि रिवोल्यूशनरी गार्ड ने इनके पास से हथियार और क्रिप्टोकरेंसी जब्त करने का दावा किया है और ये सब उन्हें मोसाद ने दिया था।
एजेंसी इरना की रिपोर्ट ने पुष्टि की है कि इन ‘जासूसों’ के पास हथियार थे और उन्हें ‘क्रिप्टोकरेंसी’ के रूप में मोसाद से पैसे मिला करते थे। जैसा पहले बताया, शिया ईरान यहूदी बहुल इस्राएल को अपना कट्टर दुश्मन मानता है। एजेंसी की रिपोर्ट आगे बताती है कि जिन चार लोगों को फांसी दी गई है, उनका रिकार्ड आपराधिक रहा था। 2014 और 2017 में भी उन्हें तुर्की और ग्रीस के बीच मानव तस्करी करने के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका था।
‘जासूसों’ के पास से जब्त की गई क्रिप्टोकरेंसी उन्हें मोसाद से प्राप्त हुई थी। मोसाद उन्हें क्रिप्टोकरेंसी में ही भुगतान करती थी। उसे पैसे से वे हथियार तथा अन्य जरूरी सोजा—सामान खरीदते थे। बताते हैं, मोसाद ने इन्हें सबूतों को ‘ठिकाने लगाने’, निगरानी कैमरों से बचने तथा वाहन चुराने के लिए भी प्रशिक्षित किया था। इन ‘जासूसों’ को ईरान के सर्वोच्च न्यायालय ने गत सप्ताह ही सजा सुनाई थी जिस पर अमल करते हुए कल चारों ‘जासूसों’ को फांसी दे दी गई। सजाए—मौत पाने वाले उन चार के अलावा उनके तीन अन्य ‘साथियों’ को कई वर्षों की जेल की सजा दी गई है।
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