जिम कॉर्बेट के पुराने कालाढूंगी आवास जिसे वन विभाग ने अब संग्रहालय बनाया हुआ है, यहां एक तस्वीर उनके लिए एक गलत जानकारी एक तस्वीर में दी गई थी, जिसे अब ठीक कर दिया गया है।
पाञ्चजन्य की इस खबर का सीएम कार्यालय ने संज्ञान लेते हुए वन विभाग और कॉर्बेट प्रशासन से जानकारी मांगी थी। इस पर वन विभाग ने कॉर्बेट पार्क से एक विशेषज्ञ टीम को कालाढूंगी जिम कॉर्बेट संग्रहालय में भेजा गया और उक्त जानकारी को गलत पाया।
उल्लेखनीय है कि प्रख्यात शिकारी जिम कॉर्बेट के पुराने घर में लगी एक शिला पट्टिका में ये लिखा हुआ था कि उन्होंने अपने जीवन काल में 50 बाघों (टाइगर) और 250 तेंदुओं (लेपर्ड) को मार गिराया था। ये जानकारी प्रमाणिक नही लगती थी। अब वन्यजीव और बाघ विशेषज्ञों के इस पट्टिका के अवलोकन के बाद नई पट्टिका लगाई गई है जिसमे प्रमाणिक तौर पर वास्तविक जानकारी कॉर्बेट के द्वारा मारे गए नरभक्षिओ के बारे में जानकारी दी है।
जिम कॉर्बेट ने अपने जीवन काल में 19 बाघ यानि टाइगर और 14 तेंदुए यानि लेपर्ड नरभक्षियो को मार गिराया था।
उल्लेखनीय है कि इस संग्रहालय की देखरेख रामनगर का जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व प्रशासन करता है और उसके द्वारा जब ये भ्रामक जानकारी दी जारही थी तो इस पर कई तरह के सवाल भी उठ रहे थे।
उत्तराखंड के वन्यजीव प्रतिपालक डा समीर सिन्हा ने बताया कि कॉर्बेट संग्रहालय में जो पट्टिका लगी थी उसमें दर्ज सूचना सही नही थी। इस गलती को सुधार दिया गया है और इसकी सूचना सीएम कार्यालय को भी दे दी गई है।
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