एनडीटीवी के पत्रकार रवीश कुमार अपने दिल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संघ विचार परिवार के प्रति कितनी नफरत रखते हैं, इसका एक और उदाहरण मिला है। हाल ही में उन्होंने तमिलनाडु के एक मामले को भारत सरकार से जुड़ा बताकर सरकार को बदनाम करने का प्रयास किया।
अपने को सेकुलर दिखाने के लिए कुछ पत्रकार और नेता इस हद तक गिर रहे हैं, जिसकी कोई सीमा नहीं है। ये लोग भाजपा, केंद्र सरकार और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर किसी भी तरह का झूठा आरोप लगा देते हैं। बाद में झूठ पकड़ाने पर कुछ सफाई भी नहीं देते हैं। ऐसे पत्रकारों में रवीश कुमार सबसे आगे दिखते हैं। अभी 9 नवंबर को उन्होंने अपने ‘प्राइम टाइम शो’ में कुछ ऐसा ही किया। उस दिन उन्होंने एक सफाई कर्मचारी का मामला उठाया था, पर उन्होंने उसे केंद्र सरकार से जोड़कर प्रस्तुत किया, जबकि वह तमिलनाडु सरकार से जुड़ा था। अपने शो में रवीश कुमार ने जो कहा, उसे इस रूप में देख सकते हैं, ”भारत के मुख्य न्यायधीश के रूप में डीवाई चंद्रचूड ने आज से अपना कार्यभार संभाल लिया। केंद्र सरकार एक सफाई कर्मचारी के विरुद्ध अपील लेकर अदालत में आई। मुख्य न्यायाधीश ने केंद्र सरकार को ही फटकार लगा दी और कहा कि यह क्या हो रहा है। केंद्र सरकार एक सफाईकर्मी के विरुद्ध अपील में यहां तक आई है? इतनी शक्तिशाली सरकार और एक सफाईकर्मी के विरुद्ध यहां तक आ गई? सॉरी, डिसमिस, अपील खारिज हो गई।” इसका वीडियो भी उपलब्ध है। इसे कोई भी सुन सकता है।
वास्तव में रवीश कुमार सर्वोच्च न्यायालय के जिस निर्णय की बात कर रहे हैं, वह केंद्र सरकार के विरुद्ध नहीं है, बल्कि तमिलनाडु सरकार के खिलाफ है। तमिलनाडु में डीएमके (DMK) की सरकार है और वहां के मुख्यमंत्री हैं एमके स्टालीन।
आपको बता दें कि 9 नवंबर को ही न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड ने मुख्य न्यायाधीश का कार्यभार संभाला था। इसके बाद उनके नेतृत्व में बनी एक पीठ ने तमिलनाडु सरकार की एक अपील पर सुनवाई की। न्यायमूर्ति चंद्रचूड ने तमिलनाडु सरकार को फटकारते हुए कहा, ”एक व्यक्ति ने 22 वर्ष तक विद्यालय में नौकरी की। इतने वर्ष बाद वह बिना ग्रेच्युटी और पेंशन के घर लौटता है। यह समाज का सबसे निचला वर्ग है। सरकार एक सफाई कर्मचारी के विरुद्ध कैसे जा सकती है? इतनी शक्तिशाली सरकार और एक छोटे से सफाई कर्मचारी के विरुद्ध यहां तक आ गई? … सॉरी, हम इस अर्जी को खारिज करते हैं।”
उल्लेखनीय है कि वह सफाई कर्मचारी तमिलनाडु के एक सरकारी उच्च माध्यमिक विद्यालय में अस्थाई तौर पर काम कर रहा था। जब वह सेवानिवृत्त हुआ तो राज्य सरकार ने कहा कि इसे स्थाई कर्मचारी की तरह सुविधाएं नहीं दी जा सकती हैं। मामला अदालत पहुंचा। मद्रास उच्च न्यायालय ने सफाई कर्मचारी के पक्ष में निर्णय दिया था। इसके बाद तमिलनाडु सरकार ने इसे सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।
रवीश कुमार के ऐसे अनेक झूठ आपको मिल जाएंगे।
TV इतिहास में पहली बार एक न्यूज चैनल ने दूसरे न्यूज़ चैनल का #FactCheck किया और झूठ की दुकान @ndtv और @ravishndtv को #FakeNews फैलाते हुए रंगे हाथ पकड़ा। @narendramodi जी को बदनाम करने के लिए तमिलनाडु सरकार की हरकत को बताया या केंद्र सरकार की हरकत। @ianuragthakur @gautam_adani pic.twitter.com/qqp6Q2EWWU
— Dr. Suresh Chavhanke “Sudarshan News” (@SureshChavhanke) November 13, 2022
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