देशभर में शुरू होने वाली जनगणना के कार्य को पहली बार डिजिटल प्लेटफार्म पर लाया जाएगा। उत्तराखंड में आबादी की गिनती का कार्य एक जनवरी से शुरू होने जा रहा है। उल्लेखनीय है कि हर दस साल में देश में जनगणना होती है, लेकिन कोविड महामारी की वजह से ये काम दो साल के लिए टाल दिया गया था।
देश के जनसंख्या महारजिस्ट्रार कार्यालय द्वारा सभी राज्यों में एक जनवरी से जनगणना का काम शुरू करने के दिशा निर्देश मिल गए हैं। उत्तराखंड में शासन स्तर पर बैठके हो चुकी हैं। जनगणना का काम पहले अप्रैल 2020 को शुरू होकर 28 फरवरी 2021 तक पूरा किया जाना था, लेकिन कोरोना काल की वजह से इसे स्थगित कर दिया गया था।
उत्तराखंड में शासन स्तर पर की गई तैयारियों में इस बार जनगणना के दौरान भवनों की संख्या भी गिनी जाएगी। जमीनी स्तर की मैनुअल व्यवस्था के अलावा पहली बार डिजिटल तकनीक एप के जरिए भी सभी डेटा अपलोड किए जाएंगे। ये काम पूरा होने में लगभग एक साल का समय लगेगा।
उल्लेखनीय है कि जनसंख्या आंकड़े आने के बाद ही देश की आर्थिक नीतियों में सुधार होता है। साथ ही देश के भविष्य की शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य नीतियों को बनाने में मदद मिलती है। केंद्र सरकार इस बार व्यापक जानकारियों को एप के जरिए एकत्र करना चाहती है, ताकि उसके जरिए नई योजनाएं बनाई जा सकें।
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