राजनीतिक फेरबदल के बावजूद श्रीलंका में कंगाली के हालात बने हुए हैं। आर्थिक मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। इस सबसे परेशान श्रीलंकाई नागरिक बड़ी संख्या में विदेशों का रुख कर रहे हैं। कई शहरों से मिले आंकड़े बताते हैं कि अब और मुसीबतें झेलने से बचने के लिए लोग परदेस जा बसे हैं। क्योंकि श्रीलंका में कामधंधे चौपट होने से पैसा कमाना और जीवन चलाना मुश्किल होता जा रहा है।
श्रीलंका के अनेक लोगों के विदेशों में बसने के इस सिलसिला का सबसे ताजा उदाहरण यह है कि एक अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेने गए श्रीलंका के तीन खिलाड़ी ‘लापता’ बताए जा रहे हैं। बस यही तीन नहीं, इनके पहले भी विदेश गए श्रीलंका के कई खिलाड़ी उन देशों से लौटकर नहीं आए हैं।
हुआ यह है कि स्पेन में विश्व कुश्ती चैंपियनशिप हुई थी। उसमें श्रीलंका के तीन खिलाड़ी या पहलवान भाग लेने गए स्पेन गए थे, लेकिन उनकी वापसी नहीं हुई है। खेल अधिकारियों ने इस खबर की पुष्टि की है। श्रीलंका के कुश्ती परिसंघ का एक अधिकारी बताता है कि इनमें से दो पहलवान तो 22 अक्तूबर को ‘गायब’ हुए थे, जबकि 23 तारीख को एक और पहलवान ‘गायब’ हो गया। इकॉनमीनेक्स्ट.कॉम नामक वेबसाइट से वार्ता में इस अधिकारी ने बताया कि श्रीलंका ने इस प्रतियोगिता में सिर्फ पुरुष पहलवान ही भेजे थे।
उल्लेखनीय है कि अगस्त 2022 में कॉमनवेल्थ खेलों के दौरान भी श्रीलंका के नौ खिलाड़ी ‘लापता’ हुए थे। श्रीलंका कुश्ती परिसंघ के अधिकारी बताते हैं कि जब उन्होंने अपने तीन पहलवानों के ‘लापता’ होने की जानकारी स्पेन के अधिकारियों को दी तो उनका व्यवहार बहुत बेपरवाही भरा दिखा।
श्रीलंका की ढहती अर्थव्यवस्था के जानकार बताते हैं कि आर्थिक मुश्किलें बढ़ने के साथ ही नागरिक कानूनी या गैर-कानूनी, जैसे भी तरीके से देश से बाहर जाने की हड़बड़ी में दिखते हैं। ऐसे मामले तेजी से बढ़े हैं। हालांकि श्रीलंका के खेल अधिकारियों ने स्पेन में ‘गायब’ हुए अपने पहलवानों की खोज—खबर लेनी शुरू तो की है, लेकिन बहुत हद तक माना यही जा रहा है कि वे स्पेन में ही बस जाने की तैयारी में होंगे। इधर इस बारे में खिलाड़ियों के परिवार वालों से भी बात की गई है। खेल अधिकारी कोशिश कर रहे हैं कि कैसे भी ‘गायब’ हुए खिलाड़ियों से संपर्क हो जाए। लेकिन असल में तो ये अधिकारी बस इतना पक्का करना चाहते हैं कि उनके ये खिलाड़ी स्पेन में ही बस गए हैं या वहां से किसी अन्य देश की ओर जा चुके हैं।
पता चला है कि उन पहलवानों के पास 25 अक्तूबर तक का ही वीसा था। जबकि दो खिलाड़ियों के पासपोर्ट भी अभी टीम लेकर स्पेन गए अधिकारियों के पास ही हैं। लेकिन हैरानी की बात है कि एक खिलाड़ी का पासपोर्ट ‘गायब’ बताया जा रहा है। अधिकारियों को संदेह है कि उसने किसी बहाने से अधिकारी से अपना पासपोर्ट अपने पास रख लिया था। असल में विदेश दौरे पर खिलाड़ियों के पासपोर्ट अक्सर साथ जाने वाले अधिकारी ही रखते हैं।
श्रीलंका कुश्ती परिसंघ के अधिकारियों के पूछताछ करने पर स्पेन के खेल अधिकारियों का कहना था कि ‘गायब’ हुए खिलाड़ी उनके यहां शरण ले सकते हैं और नौकरी भी पा सकते हैं, बस उनका नाम किसी अपराध में शामिल ना हो।
दिलचस्प बात है कि इस घटना के बाद से श्रीलंका के खेल मंत्रालय ने देश की खेल टीमों के विदेश दौरों पर रोक लगा दी है। वहां के खेल मंत्रालय का कहना है कि इस मामले पर कुश्ती परिसंघ को और गंभीरता से ध्यान देना चाहिए। इससे खिलाड़ी प्रतियोगिताओं में जाने से वंचित हो सकते हैं। श्रीलंका सरकार खेल अपराध निरोधक यूनिट से इस मामले की जांच करके जल्दी ही अपनी रिपोर्ट देने को कहा है।
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