खुली जगहों पर गले मिलकर हुकूमत को चुनौती दे रहे ईरान के मुस्लिम पुरुष-महिलाएं

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WEB DESK

कट्टर शिया देश ईरान में हिजाब के विरोध से खामनेई की हुकूमत को चुनौती देने का जो सिलसिला शुरू हुआ है, वह शासन की कड़ी सख्ती के बाद भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। वहां लोगों ने विरोध जताने का एक नया तरीका निकाला है जो कट्टरपंथी हुकूमत के आक्रोश को और बढ़ा रहा है।

शिया कायदों पर चलने वाले ईरान में पुरुषों और महिलाओं का खुलेआम हाथ मिलाना और गले लगना मना है, लेकिन अब वहां लोग ठीक यही कर रहे हैं। वे सड़क पर एक दूसरे के गले लगकर इस्लामी कानून की ​धज्जियां उड़ाकर शासन के प्रति अपना आक्रोश व्यक्त कर रहे हैं। ईरान में कट्टरपंथी हुकूमत इस चीज को पश्चिमी संस्कृति का भ्रष्ट रूप मानते हैं इसलिए वहां इस पर पाबंदी है।

उल्लेखनीय है कि ईरान के युवा वहां के इस्लामी कानूनों के विरुद्ध कई दिनों से प्रदर्शनरत हैं। जहां एक ओर छात्र-छात्राएं जबरन हिजाब के विरुद्ध सड़कों पर प्रदर्शन कर रही हैं तो वहीं लोगों ने विरोध का एक नया तरीका ईजाद कर लिया है। वे सार्वजनिक जगहों पर एक-दूसरे से गले लग रहे हैं। जैसा पहले बताया, किसी महिला के पुरुष से या किसी पुरुष के महिला से गले लगने पर कड़ी पाबंदी है इसलिए ये लोग खुलेआम पुलिस को चुनौती दे रहे हैं।

लोग अब इस कायदे को ठेंगा दिखाते हुए इसे तोड़ रहे हैं। गले लगने के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं। ईरान के करज शहर का एक वीडियो साझा किया गया है, जिसमें लोग सड़क किनारे गले मिलते, हाथ मिलाते दिखाई दे रहे हैं।

ईरान की निडर पत्रकार मसीह अलीनेजाद

यह वीडियो ईरान की निडर पत्रकार मसीह अलीनेजाद ने साझा किया है। एक जोड़े का वीडियो ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा है—’यह वीडियो एक महिला ने करज से प्रेषित किया है। ईरान में जहां लड़कियों और लड़कों को 7 साल का होते ही अलग अलग बड़ा किया जाता है वहां पुरुषों और महिलाओं के लिए एक-दूसरे के गले लगना, हाथ मिलाना और पार्टियों में शामिल होने की मनाही है। ये जोड़ा कानून तोड़ रहा है’। (देखें ट्वीट)

उल्लेखनीय है कि ईरान में हिजाब के बाद से विरोध प्रदर्शनों का यह सिलसिला 16 सितम्बर के बाद तेजी से फैलता गया था जब 22 साल की लड़की महसा अमीनी की कथित पुलिस यातना से मौत हो गई थी। उसने महिलाओं के लिबास को लेकर देश के सख्त कानून का कथित उल्लंघन किया था। उसे तेहरान में नैतिकता पुलिस ने गिरफ्तार करके कथित यातनाएं दी थीं और तीन दिन बाद अमीनी की मौत हो गई थी। तबसे शुरू हुई हिंसा में दर्जनों लोग मारे जा चुके हैं। सैकड़ों छात्रों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है। हुकूमत अपनी सख्ती छोड़ने को तैयार नहीं है, इधर आम जनता विरोध का दायरा बढ़ाती जा रही है।

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